Lucknow News: मोदी सरकार संत रविदास के बताए समानता के मार्ग पर बढ़ रही है आगे: डा. दिनेश शर्मा

Lucknow News: राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार संत रविदास के बताए मार्ग पर समानता के भाव के साथ आगे बढ़ रही है। भारत को मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए आज एकजुट होकर साथ चलने की जरूरत है।

Newstrack :  Network
Update:2024-02-24 23:10 IST

Dr. Dinesh Sharm (Pic:Social Media)

Lucknow News: राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार संत रविदास के बताए मार्ग पर समानता के भाव के साथ आगे बढ़ रही है। भारत को मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए आज एकजुट होकर साथ चलने की जरूरत है।

संत रविदास जयंती पर गोमती नगर आयोजित कार्यक्रम में संत रविदास जी के विचारों को आज के समय में और अधिक प्रासंगिक बताते हुए कहा कि वे समाज में किसी भी प्रकार के भेदभाव के विरोधी थे। पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी भी भेदभाव और गैर बराबरी को दूर करने के लिए ही कटिबद्ध थे। उनका कहना था कि समाज में बराबरी तभी आएगी जब ऊपर बैठा व्यक्ति अपना हाथ देकर नीचे के व्यक्ति को बराबरी पर लाने का प्रयास करेगा।

प्रधानमंत्री भी किसी प्रकार के भेदभाव के विरोधी हैं- डा. दिनेश शर्मा

प्रधानमंत्री भी किसी प्रकार के भेदभाव के विरोधी हैं और उनका कहना है कि युवा, गरीब, महिला और किसान की तरक्की ही एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए। देश को आगे लेकर जाने के लिए अगड़े पिछड़े का भेदभाव समाप्त करना ही होगा तथा यही संत रविदास जी की शिक्षा भी है। जो भगवान को पूजता है वही सही मायने में भगवान का भक्त है। सनातन संस्कृति में धर्म की मजबूती का आधार कमजोर वर्ग है। भगवान राम के मंदिर की पहली ईंट भी दलित समाज के व्यक्ति ने ही रखी थी और आज वहां पर भव्य राम मंदिर बनकर तैयार है। भाजपा एक ऐसी पार्टी है जो सभी वर्गों को साथ लेकर चलती है। आज सरकार की सभी योजनाओं को लाभ आम जनमानस को बिना किसी भेदभाव के मिल रहा है।

Photo- Social Media

संत रविदास के भक्तों से अपील, भाजपा के प्रत्याशी का समर्थन करें

उन्होंने संत रविदास के भक्तों से अपील की कि वे देश को मजबूत बनाने के लिए भाजपा के प्रत्याशी का समर्थन करें। कार्यक्रम में मुकेश शर्मा एमएलसी नीरज सिंह श्री रजनीश गुप्ता बॉबी रमेश तूफानी इंदल गौतम रामचंद्र कनौजिया तथा भारी संख्या में संत रविदास जी के अनुयाई उपस्थित थे। ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा कि संगीत नाट्य अकादमी में ब्रह्म सागर संस्था के वार्षिक अधिवेशन एवं स्मारिका विमोचन समारोह में सांसद ने कहा कि देश में मंदिरों को नया स्वरूप मिलने से धार्मिक पर्यटन को गति मिली है जो अर्थव्यवस्था को नए तरह से मजबूती दे रही है। इन स्थानों पर सुविधाओं के विकास ने अर्थव्यवस्था के विकास की दर तेज कर दी है। काशी विकास का नया माडल बना है। अयोध्या में करोडों लोग अब तक दर्शन कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था तेज हो रही है और 1 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था का सपना साकार होने की दिशा में हैं। धर्म आस्था और अर्थ की व्यवस्था ही आगे बढने का मंत्र है।

डा. शर्मा ने कहा कि ऐसा विवरण आता है कि वेदों के रचयिता महर्षि वेदव्यास मछुआरे समाज से आते थे तथा रामायण की रचना महर्षि बाल्मीकि ने की थी यदुवंशी योगी भगवान श्री कृष्ण ने गीता के उपदेश दिए आज की परिपेक्ष में देखा जाए तो इनका संबंध किसी भी उच्च जाति से नहीं है लेकिन ब्राह्मण समाज ने इन धर्म ग्रंथो को सभी सनातन धर्मियों तक पहुंचाने का काम किया हमारे समाज में इतिहास साक्षी है कि रक्षा का कार्य क्षत्रिय समाज ने, व्यवसाय द्वारा आर्थिक समृद्धि करके आगे लेकर जाने का कार्य वैश्य समाज ने और कर्मकांड अध्ययन अध्यापन शास्त्रों का वाचन तथा विभिन्न वर्गों को जोड़ने का कार्य ब्राह्मण वर्ग ने किया था । भारत में कभी भी जातिवाद नहीं रहा है। समन्वय का भाव था एक दूसरे के प्रति द्वेष भाव नहीं था।

ब्राह्मण जाति नहीं बल्कि एक परम्परा

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ब्राह्मण जाति नहीं बल्कि एक परम्परा, परोपकार, आध्यात्म, संस्कार, राष्ट्रभक्ति और सामाजिक समरसता के भाव का नाम है। वह दूसरों के हितचिन्तन का कार्य करता है। दुनिया में ब्राह्मण से अधिक पवित्र शब्द दूसरा नहीं है। यह ऐसा वर्ग है जिसमें देवत्व के गुणों का समावेश होता है। यह धर्म को धारण करने वाला तथा मानव के कल्याण के लिए कार्य करने वाला सनातन संस्कृति का संवाहक है। त्याग समर्पण और बलिदान इसका इतिहास रहा है। इसने दूसरों को राजा बनाया है।

चाणक्य ने चन्द्रगुप्त मौर्य को सम्राट बनाया था। यह दूसरों की उन्नतिशीलता के लिए कार्य करता है। भगवान शिव ने अमृत मंथन से निकले विष का पान किया था और ब्राह्मण समाज आज विष रूपी हिंसा , द्वेष आदि का पान करते हुए सबको आनन्द की अनुभूति देता है। सर्वे भवन्तु सुखिन: ही उसके जीवन का आधार है। उसे केवल स्वयं का सम्मान, अपने देश की तरक्की और अपने देवी देवताओं व ग्रन्थों का सम्मान चाहिए।

देश में आए आक्रान्ताओं ने सबसे अधिक ब्राह्मणों को ही प्रताडित किया था। उनकी चोटी काटने और जनेऊ जलाने से लेकर ग्रन्थों को भी जलाया गया जिससे समाज को एकजुट करने वाले वर्ग को डराया जा सके पर यह डरा नहीं और संस्कृति को संरक्षित करने का कार्य करता रहा । इस वर्ग की आलोचना करने वाले कभी पनप नहीं सके हैं।

दहेज नहीं लेने का संकल्प लें

उन्होंने लोगों से कहा कि वे अपनी परम्पराओं को फिर से जीवन में अपनाना आरंभ करें तथा पुत्र के विवाह में दहेज नहीं लेने का संकल्प लें। ब्रह्म सागर संस्था के कार्यक्रम में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी श्री एसके द्विवेदी आईपीएस सूर्यकुमार शुक्ला ओपी त्रिपाठी न्यायमूर्ति रंगनाथ पांडे श्री अनुराग पांडे श्री राजीव मिश्रा तथा तमाम अन्य ब्राह्मण संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

मुख्य बातें-

-भारत को मजबूत बनाने के लिए एकजुट होकर कार्य करने की जरूरत

-संत रविदास जी के विचार आज के समय में और अधिक प्रासंगिक

-मंदिरों को नया स्वरूप मिलने से धार्मिक पयर्टन को मिली गति : बढी अर्थ व्यवस्था की रफ्तार

-एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था का सपना साकार होने की दिशा में

-ब्राह्मण धर्म को धारण करने वाला सनातन संस्कृति का संवाहक

(लेखक राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री हैं)

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