Lucknow News: आग के मुहाने पर सिविल और झलकारी बाई अस्पताल, बिना फायर NOC हो रहा संचालन
Lucknow News: इन दोनों अस्पतालों में रोजाना हजारों की संख्या में इलाज के लिए लखनऊ के साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों से मरीज पहुँचते हैं लेकिन यहां फायर फाइटिंग के इंतजाम नगण्य हैं।
Lucknow News: झाँसी मेडिकल कॉलेज में लगी आग ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों के दावों की बखिया उधेड़ दी है। करीब 10 बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद अब जिम्मेदार जाँच और कार्रवाई के आदेश जारी कर खानापूर्ति कर रहे हैं। इधर लखनऊ के ही दो बड़े सरकारी अस्पताल फायर अनुमति को दरकिनार कर संचालित हो रहे हैं। इसमें पहला नाम हज़रतगंज स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल और दूसरा नाम वीरांगना झलकारी बाई महिला अस्पताल का है। इन दोनों अस्पतालों में रोजाना हजारों की संख्या में इलाज के लिए लखनऊ के साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों से मरीज पहुँचते हैं लेकिन यहां फायर फाइटिंग के इंतजाम नगण्य हैं। नतीजतन दोनों अस्पतालों को फायर विभाग ने NOC नहीं दी।
सिविल में नहीं स्प्रिंकलर
90 बेड के झलकारी बाई अस्पताल में नहीं NOC
बलरामपुर के इमरजेंसी वार्ड में नहीं दिखे स्प्रिंकलर, CMS बोले- NOC है
CFO नहीं दे पाए जानकारी
सिविल, झलकारी बाई और बलरामपुर अस्पताल की फायर NOC पर दमकल विभाग का पक्ष जानने को लेकर न्यूज़ट्रैक की टीम ने लखनऊ के चीफ फायर ऑफ़िसर मंगेश कुमार को सीयूजी नंबर 9454418344 पर तीन बार फ़ोन किया। उन्हें पहला फोन 3:32, दूसरा फोन 5:21 और तीसरा फोन 5:25 पर किया गया। वह तीनों बार यह स्पष्ट नहीं कर सके की उक्त तीनों अस्पतालों की फायर NOC की क्या स्थिति है और इनके फ़ायर ऑडिट कब-कब हुए। हर बार वह यही बोलते रहे कि अभी पता कर के बता रहा हूँ।
अस्पतालों के सामने अतिक्रमण भी चुनौती
श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल, बलरामपुर अस्पताल के आसपास अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है। यहां अवैध ठेले खोमचे, ऑटो, ई-रिक्शा अस्पताल के प्रवेश द्वार से लेकर आधी सड़क पर कतारबद्ध रहते हैं। नतीजतन आपातकालीन स्थितियों में वाहनों का आना जाना बाधित होता है। इसके अलावा झलकारी बाई अस्पताल के सामने पार्किंग भी बड़ी समस्या है। यहां वाहनों को सड़क पर ही पार्क किया जाता है। इसकी वजह से अक्सर जाम की स्थिति बन जाती है। इसमें एम्बुलेंस भी फंस जाती हैं।