Lucknow News: भैया…आधार कार्ड चोरी हो गया है, रैन बसेरे में कैसे सोये?

Lucknow News: हनुमान सेतु पुल पर एक 6 साल की बच्ची सोयी हुई थी, उसके माता-पिता से बात करने पर पता चला कि बिना आधार कार्ड के रैन बसेरे में नहीं घुसने देते हैं।

Update:2024-12-31 12:18 IST

भीषण ठंड के बीच सड़कों पर सोते लोग (फोटो: Newstrack.com) 

Lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय का मेट्रो स्टेशन…रात में 12 बजे हुए हैं, तापमान यही कोई 7 डिग्री के आसपास होगा..ठंडी हवा इतनी तेज है कि मानों सब कुछ अपने साथ उड़ा ले जाएगी। इसी भीषण ठंड के बीच मेट्रो स्टेशन के नीचे दूर तक सोने वालों की कतार दिख रही थी, ठंड इतनी ज़्यादा थी कि ख़ुद की आँखों की पल्कों पर ओंस की बूँदों की झलक धुंधली-धुंधली दिख रही थी। इस तस्वीर को अपने कैमरे में क्लिक करने के लिए कैमरा उठाया ही था कि एक कंबल के नीचे से एक चेहरा सामने आता है, पूछने पर उस व्यक्ति ने अपना नाम संतोष बताया, उसने बताया कि साहब आधार कार्ड चोरी हो गया है और रैन बसेरे में बिना आधार कार्ड के एंट्री नहीं मिलती है, तो अंदर कैसे सोयें।

ऐसे ही हनुमान सेतु पुल पर एक 6 साल की बच्ची सोयी हुई थी, उसके माता-पिता से बात करने पर पता चला कि बिना आधार कार्ड के रैन बसेरे में नहीं घुसने देते हैं। सिर्फ अपने चहेतों को सुलाते हैं और किसी को सोने नहीं देते हैं।


लखनऊ में शीतलहर के चलते लोगों का बुरा हाल है, रात का न्यूनतम तापमान 5 डिग्री तक पहुँच रहा है, ऐसे में नगर निगम द्वारा लगाए गए रैन बसेरों की हकीकत जानने पहुंची न्यूज़ट्रैक की टीम ने पाया कि रैन बसेरे खाली होने के बावजूद गरीब और मजदूर लोगों को वहां सोने को नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि उनके पास आधार कार्ड नहीं है।


कंबल के लालच में सोते हैं बाहर

हालांकि रैन बसेरों पर ड्यूटी कर रहे लोगों का कहना है कि ये सही है कि आधार कार्ड जरूरी है, नगर निगम द्वारा हमें एक रजिस्टर दिया गया है जिसमें रैन बसेरा में आने वालों की डिटेल लिखनी होती है। पूरी रात वहीं पर रखवाली करनी होती है। लेकिन अगर कोई बिना आधार कार्ड का व्यक्ति भी आता है तो हम उसे सोने देते हैं। लेकिन ये लोग जान-बूझकर बाहर सोते हैं ताकि रात में जो लोग कंबल बाँटने निकलते हैं वो इन्हें मिल सकें।





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