Lucknow News: शिया पीजी कॉलेज में 'राष्ट्रीय विकास में स्त्रियों का योगदान' पर हुई संगोष्ठी

Lucknow News: शिया महाविद्यालय के हिंदी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर एवं संगोष्ठी की संयोजक डॉ० अर्चना सिंह ने आये हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार प्रकट किए।

Written By :  Santosh Tiwari
Report :  Abhishek Mishra
Update:2024-09-29 21:46 IST

Photo- Newstrack

Lucknow News: उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान एवं शिया पी जी कॉलेज के हिन्दी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ' राष्ट्रीय विकास में स्त्रियों का योगदान' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।' इस कार्यक्रम का शुभारंभ बीए पंचम सेमेस्टर की छात्रा शमा परवीन के द्वारा तिलावते कुरान से हुई। इसके बाद कार्यक्रम में सहभागिता कर रहे सभी अतिथियों का शॉल और माला पहनाकर स्वागत किया गया।

शिया महाविद्यालय के हिंदी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर एवं संगोष्ठी की संयोजक डॉ० अर्चना सिंह ने आये हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में नारियाँ प्रत्येक क्षेत्र में अपना वर्चस्व स्थापित कर रही हैं। शिक्षा एवं आर्थिक स्वतंत्रता ने महिलाओं में नवीन चेतना भर दी है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका में वृद्धि हो रही है। विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ० रश्मि शील ने उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए भारत के निर्माण में स्त्रियों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज महिलाएँ राजनीति, बिज़नेस, कला तथा खेल सहित रक्षा क्षेत्र में भी नए आयाम गढ़ रही हैं।

मुख्य अतिथि एवं वक्ता के रूप में डॉ.हरि शंकर मिश्र, सेवानिवृत्त प्रोफेसर, हिंदी तथा आधुनिक भारतीय भाषा विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय विकास में स्त्रियों के योगदान के विषय में विस्तार से बताते हुए कहा कि स्त्रियाँ देश के हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही हैं। किसी संस्कृति को अगर समझना है तो सबसे आसान तरीका है कि उस संस्कृति में नारी के हालात को समझने की कोशिश की जाए। किसी भी देश के विकास संबंधी सूचकांक को निर्धारित करने हेतु उद्योग, व्यापार, खाद्यान्न उपलब्धता, शिक्षा इत्यादि के स्तर के साथ ही इस देश की महिलाओं की स्थिति का भी अध्ययन किया जाता है। नारी की सुदृढ़ एवं सम्मानजनक स्थिति एक उन्नत, समृद्ध तथा मज़बूत समाज की द्योतक है।

संगोष्ठी की अध्यक्षता ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने की। उन्होंने घर, परिवार ,समाज एवं राष्ट्र के निर्माण में स्त्रियों की भूमिका को रेखांकित किया और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को सराहा। संगोष्ठी में शिया महाविद्यालय के सम्पत्ति अधिकारी डॉ. ऐजाज़ अतहर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे एवं अपने वक्तव्य में उन्होंने राष्ट्र के विकास के लिए महिलाओं की शिक्षा पर बल दिया।

संगोष्ठी के संरक्षक के रूप में शिया महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो। एस. एस. आर. बाकरी ने भारत ही नही बल्कि पूरे विश्व में स्त्रियों ने जो संघर्ष करते हुए सफलता की बुलंदियों को छुआ है उसके बारे में चर्चा करते हुए छात्राओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एस. एस. एच. आमिल ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने पर मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों महाविद्यालय के सभी शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों और विद्यार्थियों के प्रति आभार व्यक्त किया। संगोष्ठी में हिन्दी विभाग की डॉ. नगीना बानो, डॉ. आलोक यादव, मधुलिका चौधरी, बबिता वर्मा भी शामिल हुई।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान की प्रतिनिधि अंजू सिंह तथा शिया महाविद्यालय से अंग्रेजी विभाग की प्रो. ज़रीन ज़ेहरा, प्रो. आबिद रिजवी, प्रो. सिबतेन बेग एवं डॉ. साइमा मेंहदी, जन्तुविज्ञान विभाग से डॉ. कुमार बाजपेई, अर्थशास्त्र विभाग से मारिया फातिमा, उर्दू विभाग से प्रो। नाजिम खान, डॉ. सफिया फातिमा, रसायन विज्ञान विभाग के प्रो. जे.पी.सिंह, इतिहास विभाग के डॉ. अमित राय आदि उपस्थित रहे। मंच संचालन हिन्दी विभाग की असिस्टेंट प्रो. डॉ. अर्चना सिंह द्वारा किया गया।  

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