Lucknow Crime: स्कूल में एक साल से बिना वेतन काम कर रहा था चालक, आखिरकार मौत को लगाया गले

Lucknow Crime: मृतक की पत्नी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब उनका पति स्कूल प्रबंधन से वेतन की मांग करता तो वेतन देने की जगह उसे भद्दी भद्दी गालियां दी जाती थी।

Report :  Santosh Tiwari
Update: 2024-08-08 15:04 GMT

स्कूल में इसी जगह सोता था चालक(बाएं), मृतक लालता (फाइल फोटो) (दाएं)- Photo: Newstrack 

Lucknow Crime: राजधानी के अर्जुनगंज के सरसवां स्थित जीआरएस मेमोरियल स्कूल के प्रबंधन के अत्याचार से परेशान होकर चालक लालता प्रसाद ने मौत को गले लगाया था। इस बात का खुलासा मृतक की पत्नी मीरा के द्वारा सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस को दी गई तहरीर में हुआ है। इसमें स्कूल प्रबंधन के ऊपर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पुलिस को दी गई तहरीर में मृतक की पत्नी ने कहा कि उसके पति पिछले एक साल से स्कूल में चालक की नौकरी करते थे। दिन में वह स्कूल की गाड़ी चलाते थे जबकि शाम और रात में स्कूल के अन्य काम भी करते थे। वह एक साल से लगातार स्कूल में सेवाएं दे रहे थे। इसके बावजूद स्कूल के मालिक दुर्गेश और रवींद्र उन्हें तनख्वाह नहीं दे रहे थे। इसी बात से परेशान होकर मृतक ने गुरुवार की सुबह स्कूल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। 

वेतन मांगने पर दी जाती थी गालियां

मृतक की पत्नी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब उनका पति स्कूल प्रबंधन से वेतन की मांग करता तो वेतन देने की जगह उसे भद्दी भद्दी गालियां दी जाती थी। कई बार उसने यह बात अपने घर पर भी बताई थी। मृतक के परिवार में पत्नी मीरा के अलावा दो बेटे आशीष व आकाश और एक बेटी है जिसकी शादी हो चुकी है। वेतन न मिलने पर मृतक और उसका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। इसी से परेशान होकर गुरुवार की सुबह उसने स्कूल के पिछले हिस्से में बने अहाते में प्रथम तल पर लगी रेलिंग में रस्सी का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली। सूचना पर पहुँची पुलिस ने उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरा की फुटेज भी जब्त कर ली है।

प्रताड़ना से तंग आकर शुरू किया शराब का सेवन

मूलरूप से सीतापुर जनपद के थाना संदना स्थित नटवल ग्रंट का रहने वाला लालता प्रसाद पुत्र छेद्दू करीब एक साल पहले स्कूल में चालक के पद पर नौकरी करने के लिए आया था। यहाँ उससे चपरासी और चौकीदार का भी काम लिया जाने लगा। काम करने के बावजूद स्कूल प्रबंधन उसे तनख्वाह नहीं दे रहा था। वह जब भी तनख्वाह मांगता था तो उसे गाली गलौच के साथ प्रताड़ित भी किया जाता था। सूत्र बताते हैं कि इसी बात की वजह से मृतक ने शराब का सेवन शुरू कर दिया। शुरुआत में प्रबंधन ने उसे स्कूल में ही कमरा दिया था जबकि थोड़े दिन बाद उसे कमरे से भी निकाल दिया गया। नतीजतन, वह अर्जुनगंज में किराए पर कमरा रहकर परिवार के साथ रह रहा था।

स्कूल प्रबंधन ने कहा- मरने से पहले फूंकी गाड़ियां

वहीं, स्कूल प्रबंधन ने मृतक पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने स्कूल की दो वैन और एक अप्पे ई-रिक्शा फूंक दिया है। उसके बाद आत्महत्या की है। यह बात स्कूल के अकाउंटेंट ने पुलिस को बताई है। इंस्पेक्टर सुशांत गोल्फ सिटी अंजनी कुमार मिश्रा ने कहा कि गाड़ियां किसने फूंकी हैं इस बात की पुष्टि स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखने के बाद ही हो सकेगी। फ़िलहाल फुटेज को जब्त कर लिया गया है। साथ ही मृतक की पत्नी की तहरीर पर रवींद्र और दुर्गेश के खिलाफ BNS की धारा 108 के तहत मुकदमा दर्ज कर जाँच पड़ताल की जा रही है। 

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