Bike Taxi Fraud Case: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हैलो राइड कंपनी के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई, 2.38 करोड़ की संपत्तियां जब्त
Bike Taxi Fraud Case: शुक्रवार 15 दिसंबर को एजेंसी की तरफ से कार्रवाई को लेकर बयान जारी किया गया। जिसमें बताया गया कि जब्त की गई जमीन हेलो राइड लिमिटेड की सहयोगी कंपनियों के नाम हैं और ये शहर (लखनऊ) के मोहनलालगंज इलाके में है।;
Hello Ride Company ED Action (photo: social media )
Bike Taxi Fraud Case: प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने चर्चित बाइक टैक्सी योजना घोटाला मामले में शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने आरोपियों के 28 कृषि योग्य भूखंड जब्त कर किए, जिसकी कीमत 2.38 करोड़ रूपये है। इस योजना के प्रमोटरों पर जनता के साथ 72 करोड़ रूपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर अपने स्तर से जांच शुरू की थी।
शुक्रवार 15 दिसंबर को एजेंसी की तरफ से कार्रवाई को लेकर बयान जारी किया गया। जिसमें बताया गया कि जब्त की गई जमीन हेलो राइड लिमिटेड की सहयोगी कंपनियों के नाम हैं और ये शहर (लखनऊ) के मोहनलालगंज इलाके में है। जब्त किए गए सभी भूखंड 2018-19 के दौरान निवेशकों से जुटाए गए धन से खरीदे गए थे।
क्या है बाइक टैक्सी योजना घोटाला ?
हेलो राइड लिमिटेड नामक एक कंपनी ने बाइक टैक्सी योजना शुरू की गई थी। इसके तहत प्रत्येक बाइक के लिए 61 हजार रूपये का निवेश करने वालों को एक साल तक हर महीने 9585 रूपये देने का वादा किया गया था। कम समय में ज्यादा रिटर्न मिलने का लालच देकर निवेशकों को योजना की ओर आकर्षित किया गया। प्रमोटरों ने इसके जरिए 72 करोड़ रूपये जमा किए। मगर जब पैसे लौटाने की बारी आई तो वे मुकर गए। उन्होंने वादे के अनुसार निवेशकों को हर माह पैसे नहीं लौटाए।
काफी हो-हंगामे के बाद मामला पुलिस के पास पहुंचा और कंपनी के प्रमोटरों अभय कुमार कुशवाहा, निखिल कुशवाहा, मोहम्मद आजम अली और नीलम वर्मा के विरूद्ध मामला दर्ज किया गया। साल 2019 में प्रवर्तन निदेशालय भी इस केस को लेकर एक्टिव हो गई। ईडी ने चारों प्रमोटरों के विरूद्ध मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। एजेंसी ने आरोपी निदेशकों की अन्य संपत्तियों के बारे में भी पता लगा रही है।