Lucknow Building Collapse: पांच मिनट पहले बिल्डिंग से पानी लेकर निकले थे गुलाब सिंह, पीछे मुड़कर देखा तो जमींदोज हो गई इमारत
Lucknow Building Collapse: रविवार को न्यूज़ट्रैक से बातचीत में गुलाब सिंह ने कहा कि मैंने इतना भयावह हादसा अपने जीवन में कभी नहीं देखा।
Lucknow Building Collapse: 'मैं बिल्डिंग में पानी लेने गया था, वापस दुकान पर पहुंचकर दो घूँट पानी पिया और जैसे ही पीछे मुड़कर देखा तीन मंजिल की पूरी इमारत जमींदोज हो चुकी थी। 10 मिनट के अंदर पूरी बिल्डिंग मलबे में तब्दील हो चुकी थी और हर तरफ सिर्फ शोरगुल मचा हुआ था। भयंकर धूल का गुबार पूरे आसमान में फैला हुआ था और कोई भी कुछ समझ नहीं पा रहा था। जब धूल का गुबार खत्म हुआ तो इस हादसे की भयावहता का अंदाजा हुआ। इसके बाद सूचना पुलिस और प्रशासन को मिली तब कार्रवाई शुरू हुई।' यह कहना था पूरे हादसे के चश्मदीद गुलाब सिंह यादव का जो घटना से पांच मिनट पहले ही बिल्डिंग के अंदर से पानी लेकर लौटे थे। वह कहते हैं कि अगर मुझे निकलने में 5 मिनट की देरी हो जाती तो शायद मैं भी दुर्घटना का शिकार हो जाता।
बोले- पूरी रात नहीं आई नींद, भयावह था मंजर
रविवार को न्यूज़ट्रैक से बातचीत में गुलाब सिंह ने कहा कि मैंने इतना भयावह हादसा अपने जीवन में कभी नहीं देखा। घटना के बाद हर तरफ सिर्फ सायरन, घायलों के कराहने की आवाज और उनके परिजनों की चित्कारें गूँज रही थी। रात भर आँखों के सामने यही दॄश्य घूमता रहा। बहुत प्रयास करने के बावजूद बीती रात एक पल के लिए भी नींद नहीं आई। हालत यह थी की हादसे के बाद से अभी तक एक निवाला भी नहीं खा सका। गुलाब बताते हैं कि वह बीते 25 वर्षों से ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में ट्रकों के इंजन रिपेयर कर रहे हैं लेकिन आज तक इतनी बड़ी घटना नहीं देखी।
जिनसे रोज होती थी दुआ-सलाम वो एक झटके में बिछड़े
जिस बिल्डिंग में हादसा हुआ गुलाब उसी के सामने एक छोटी सी दुकान लगाकर ट्रकों के इंजन रिपेयर करने का काम करते हैं। वह कहते हैं कि मरने वालों में अधिकांश मजदूर ऐसे हैं जिनसे रोजाना दुआ-सलाम होती थी। दिन भर में कई बार मुलाकात भी हो जाती थी। कई बार काम करने वाले लोग दुकान पर आकर बातचीत भी करते रहते थे। रविवार को भी जब वह गोदाम में पानी लेने के लिए गए थे तो वहाँ लोगों से थोड़ी बातचीत हुई और इसके बाद वह पानी लेकर बाहर आ गए। इसी के 5 मिनट बाद हादसा हो गया और एक झटके में कई परिचित लाशों में तब्दील हो गए।
करोड़ों की दवाएं और माल हुआ नष्ट
जिस बिल्डिंग में हादसा हुआ उसमें दवा और मोबिल आयल आदि का गोदाम था। अचानक हादसा होने के चलते न तो वहाँ मौजूद लोगों को बाहर निकलने का समय मिला और न ही अंदर रखे सामान को हटाया जा सका। नतीजतन इस हादसे में करोड़ों रुपये की बहुमूल्य दवाएं नष्ट हो गई। वहीं, हादसे के दौरान अंदर अनलोड हो रहे DCM में लदी दवाएं भी क्षतिग्रस्त हो गई। रविवार को दिन भर डीसीएम में लदी दवाएं खुले में पड़ी रही। इस बीच बारिश होने लगी तो गोदाम के अन्य कर्मचारियों ने तिरपाल आदि की मदद से दवाओं को ढक दिया। प्रथम दृष्टया इस हादसे में तकरीबन 10 से 12 करोड़ रुपये की दवाएं नष्ट होने का अनुमान लगाया जा रहा है। वहीं, मोबिल आयल के गोदाम में कितना नुकसान हुआ है अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है।
CM ने गठित की जाँच समिति
हादसे में घायलों से मिलने के लिए रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोकबंधु अस्पताल पहुंचे। यहाँ उन्होंने सभी घायलों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। इसके बाद उन्होंने अधिकारियों को सभी के समुचित इलाज हेतु उचित दिशा-निर्देश दिए। CM ने पूरे प्रकरण की जाँच के लिए तीन सदस्यीय जाँच समिति का गठन किया है। इस समिति में गृह विभाग के सचिव डॉ. संजीव गुप्ता को अध्यक्ष, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के सचिव बलकार सिंह और PWD मध्य क्षेत्र के मुख्य अभियंता विजय कनौजिया को सदस्य बनाया गया है। कमिटी से जांच के बाद पूरे मामले की रिपोर्ट शासन से अति शीघ्र भेजने को कहा गया है।
गोमती नगर के डम्पिंग ग्राउंड में भेजा गया मलबा
रविवार की सुबह से ट्रांसपोर्ट नगर में गिरी इमारत का मलबा वहाँ से हटाकर सुरक्षित स्थान पर भेजा जा रहा है। मलबे में कीमती दवाइयां, सिलेंडर समेत अंदर रखा सारा सामान मौजूद है। ऐसे में इस मलबे को गोमती नगर में फन मॉल के पास बने नगर निगम के डम्पिंग ग्राउंड में इकट्ठा किया जा रहा है। विभिन्न विभागों से समन्वय के बाद इस मलबे को लेकर निर्णय लिया जाएगा। मलबे की सुरक्षा हेतु पुलिसकर्मियों की ड्यूटी भी लगाई गई है।