Lucknow News: स्वस्थ शैक्षणिक वातावरण बनाना लक्ष्य...पुनर्वास विवि के दीक्षांत समारोह में बोलीं राज्यपाल
Lucknow News: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि दस से बारह दिव्यांगजनों को पुरस्कृत किया गया। सामान्य और दिव्यांगों की पढ़ाई एकसाथ बहुत जरूरी है। लेकिन दिव्यांगजनो और समान्य विद्यार्थियों के लिए अलग अवार्ड होने चाहिए।
Rehabilitation University Convocation Ceremony: डॉ. शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय का 11वां दीक्षांत समारोह परिसर स्थित अटल प्रेक्षागृह में शुक्रवार को आयोजित हुआ। यहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मेधावियों को पदक देकर सम्मानित किया। उन्होंने दीक्षांत 'स्मारिका' का विमोचन किया। मुख्य अतिथि पद्मश्री मुरलीकांत पेटकर ने विद्यार्थियों को प्रेरित किया। राज्यपाल ने स्पर्श राजकीय विद्यालय के बच्चों को फल, किताबें व अन्य सामग्रियां भेंट की।
सामान्य व दिव्यांग छात्रों के लिए अलग मेडल हों
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि दस से बारह दिव्यांगजनों को पुरस्कृत किया गया। सामान्य और दिव्यांगों की पढ़ाई एकसाथ बहुत जरूरी है। लेकिन दिव्यांगजनो और समान्य विद्यार्थियों के लिए अलग मेडल होने चाहिए। अगले साल अलग-अलग मेरिट लिस्ट बनाई जाए। ऐसा कार्यक्रम विद्यार्थियों के अभिवावकों के लिए गौरवशाली पल होता है। उन्होंने कहा कि डिजिलॉकर के मध्यम से सभी विद्यार्थियों की डिग्रियां अपलोड कर दी गई हैं। जिससे संस्थान आने की जरूरत न हो। डिग्रियों के साथ मार्कशीट भी डिजीलॉकर पर अपलोड की जाए। सबकुछ ऑनलाइन होना चाहिए। यूपी के सभी विश्वविद्यालय समर्थ पोर्टल के जरिए काम कर रहे हैं। एडमिशन, फीस, परीक्षा समेत सभी अन्य कार्य पोर्टल के माध्यम से होना चाहिए।
हमारा लक्ष्य स्वस्थ शैक्षणिक वातावरण बनाना
राज्यपाल ने कहा कि आईटी कंपनियां काम में गड़बड़ करती थी। जब मैं आई तो बीस लाख डिग्रियां पड़ी थी। पहले होने वाली गड़बड़ियों को समाप्त करना लक्ष्य है। हर जगह सुधार होना चाहिए। हमारा लक्ष्य स्वस्थ शैक्षणिक वातावरण बनाना है। विश्वविद्यालय में मुरलीकांत पेटकर के जीवन पर आधारित चंदू चैंपियन दिखाई जानी चाहिए। यह विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने में अहम भूमिका निभाएगी।
यूपी के दिव्यांग सबसे मेहनती
मुख्य अतिथि मुरलीकांत पेटकर ने कहा कि देश के सभी प्रदेशों में गया हूं। लेकिन उत्तर प्रदेश से ज्यादा तेज और मेहनती दिव्यांग कहीं नहीं देखा। शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय में दिव्यांगजनों के लिए सबसे उत्तम व्यवस्था है। कहीं अच्छे छात्र या खिलाड़ी होते हैं तो कोच अच्छे नहीं मिलते और कहीं अच्छे कोच होते हैं तो खिलाड़ी अच्छे नहीं मिलते। यहां मैंने देखा विद्यार्थियों के लिए कोच अच्छे हैं। उन्होंने कहा कि अपने मेडल इसलिए लगाकर चलता हूं क्योंकि आप इसे देखकर प्रेरणा ले सकें। छात्रों को देश की पहली महिला पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट दीपा मालिक के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
दिव्यांगजनों के लिए उपयोगी मोबाइल कोर्ट
दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्य मंत्री यूपी सरकार नरेंद्र कश्यप ने कहा कि दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के द्वारा राज्य दिव्याग आयुक्त के माध्यम से दिव्यांगजनों की समस्याओं का निस्तारण लखनऊ स्थित कार्यालय से किया जा रहा है, वर्तमान परिस्थितियों को दृष्टिगत् रखते हुए मोबाइल कोर्ट के माध्यम से विभिन्न जनपदों में राज्य दिव्यांग आयुक्त द्वारा दिव्यांगजनों की समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद, कानपुर, वाराणसी आदि जनपदों में मोबाइल कोर्ट के माध्यम से दिव्यांगजनों की समस्याओं को सुना जा रहा है। मोबाइल कोर्ट व्यवस्था दिव्यांगजनों के लिये बहुत ही उपयोगी साबित हो रही है। इसके साथ ही दिव्यांगजनों के अधिकारों की रक्षा के लिए मुफ्त कानूनी सहायता, परामर्श और न्यायिक प्रक्रियाओं में सहायता दी जाती है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दिव्यांगजन अपने अधिकारों से वंचित न हों और उन्हें न्याय प्राप्त हो।