Lucknow News: मस्कुलर डिस्ट्राफी पीड़ित बच्चों ने अखिलेश यादव को दिया ज्ञापन, केंद्र सरकार तक आवाज पहुंचाने की मांग

Lucknow News: यह बीमारी 5 वर्ष से शुरू होकर संपूर्ण शरीर को अपनी गिरफ्त में ले लेती है। बच्चा चलने फिरने में असमर्थ ही नहीं अपने दैनिक कार्य करने में भी असमर्थ हो जाता है।;

Written By :  Santosh Tiwari
Update:2024-11-25 18:18 IST

सौंपा गया अखिलेश यादव को सम्बोधित ज्ञापन: Photo- Newstrack 

Lucknow News: मस्कुलर डिस्ट्राफी से पीड़ित बच्चों ने सोमवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सम्बोधित ज्ञापन राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल को सौंपा है। ज्ञापन में मस्कुलर डिस्ट्राफी जैसे गंभीर रोग से पीड़ित दिव्यांग बच्चों ने राज्य एवं केंद्र सरकार तक उनकी आवाज पहुंचाने की मांग की है। ज्ञापन में बताया गया कि मस्कुलर डिस्ट्राफी एक गंभीर अनुवांशिक बीमारी है। यह बीमारी 5 वर्ष से शुरू होकर संपूर्ण शरीर को अपनी गिरफ्त में ले लेती है। बच्चा चलने फिरने में असमर्थ ही नहीं अपने दैनिक कार्य करने में भी असमर्थ हो जाता है। इन बच्चों के शरीर का 85 प्रतिशत हिस्सा कार्य करना बंद कर देता है। इनकी देखभाल के लिए 24 घंटे सहायक की जरूरत होती है। इस वजह से परिवार आर्थिक-मानसिक बोझ से परेशान रहता है।

अन्य राज्यों में है पेंशन की व्यवस्था

ज्ञापन में बताया गया कि इन बच्चों की ओर से उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री को भी सहायता एवं दवाई के लिए आवेदन दिया गया था किन्तु सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की। इन रोग ग्रस्त बच्चों के टेस्ट, प्रतिदिन होने वाली फिजियो थरैपी, हाईड्रो थैरेपी, इलेक्ट्रिक व्हील चेयर, हाईड्रोलिक टेबल आदि के लिए राजस्थान, आंध्र प्रदेश, बिहार एवं उड़ीसा की सरकारों द्वारा बजट में प्रावधान करते हुए एक मुश्त धनराशि के अतिरिक्त मासिक पारिवारिक पेंशन भी दी जाती है। जबकि उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक दिव्यांग बच्चों के होने पर भी उनके साथ कोई मानवीय संवेदना नहीं हैं।

कई बार प्रदर्शन फिर भी सुनवाई नहीं

ज्ञापन में दिव्यांगों ने दर्द बयां करते हुए बताया कि जंतर-मंतर और इंडिया गेट दिल्ली में कई बार प्रदर्शन के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दवा व सहायता का आश्वासन दिया फिर भी कोई मदद नहीं मिली। प्रधानमंत्री कार्यालय से भी कोई सहयोग नहीं मिल सका। मस्कुलर डिस्ट्राफी से पीड़ित बच्चों की मांगे हैं कि अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी बच्चों को प्रतिमाह मासिक पेंशन मिले, बच्चों के फिजियो थैरेपी एवं अन्य आवश्यक उपकरण खरीदने के लिए एकमुश्त आर्थिक राशि प्रदान की जाए तथा बच्चों की स्पेशल देखरेल के लिए राज्य के लगभग चार जिलों में स्पेशल डे केयर केन्द्र बनवाये जाएं।

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