Lucknow News: गुरुदेव रोबिन्द्र नाथ ठाकुर को उनकी 83वीं पुण्य तिथि पर लोगों ने अर्पित की श्रद्धांजलि
Lucknow News: 1913 में उन्हें 'गीतांजली' नामक काव्य पुस्तक पर साहित्य का विश्वप्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार मिला वे एशिया के प्रथम व्यक्ति थे जिन्हें यह विश्व प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला था
Lucknow News: लखनऊ बंगीय नागरिक समाज द्वारा आज गुरुदेव रोबिन्द्र नाथ ठाकुर को उनकी 83वीं पुण्य तिथि पर हिंदी संस्थान लखनऊ से सटे एमजी मार्ग स्थित रोबिन्द्र उपवन में भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।रवींद्रनाथ टैगोर एक महान भारतीय कवि थे। इसके अलावा, वे एक महान दार्शनिक, देशभक्त, चित्रकार और मानवतावादी भी थे। लोग अक्सर उनके लिए गुरुदेव शब्द का इस्तेमाल करते थे। इस असाधारण व्यक्तित्व का जन्म 7 मई 1861 को कलकत्ता में हुआ था।टैगोर अपने माता-पिता की 13वीं और आखिरी संतान थे। उनके घर में बचपन में उन्हें प्यार से 'रबी' बुलाया जाता था।टैगोर की ख्याति बढ़ती गयी। 1913 में उन्हें 'गीतांजली' नामक काव्य पुस्तक पर साहित्य का विश्वप्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार मिला। वे एशिया के प्रथम व्यक्ति थे, जिन्हें यह विश्व प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला था। अब पूरा विश्व उन्हें विश्वकवि के रूप में देखने लगा।
साहित्य के अलावा चित्रकला और संगीत के क्षेत्र में भी महारत रखने वाले टैगोर की गीतांजलि, चोखेर बाली, गोरा, घरे बाइरे, काबुलीवाला और चार अध्याय समेत ढेरों बेहद चर्चित रचनाएं हैं। इनकी मृत्यु 7 अगस्त, 1941 हुई। रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा मूल रूप से बांग्ला में रचित जन-गण-मन गीत को 24 जनवरी, 1950 को भारत के राष्ट्रगान के रूप में संविधान सभा द्वारा इसके हिंदी संस्करण में अपनाया गया था। रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा मूल रूप से बांग्ला में रचित जन-गण-मन गीत को 24 जनवरी, 1950 को भारत के राष्ट्रगान के रूप में संविधान सभा द्वारा इसके हिंदी संस्करण में अपनाया गया था।इस महान व्यक्तित्व के सम्मान में लखनऊ बंगीय नागरिक समाज द्वारा आज गुरुदेव रोबिन्द्र नाथ ठाकुर को उनकी 83वीं पुण्य तिथि पर शाम 4 बजे बोकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित गीत वंदे मातरम् के गायन के साथ रोबिंद्र नाथ ठाकुर की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया और अन्य वर्षों की तरह गुरुदेव के नाम पर एक फूल का पौधारोपण भी किया गया। तत्पश्चात कई
सम्मानित कवियों की उपस्थिति में शाम 5 बजे गुरुदेव के नाम पर एक कवि गोष्ठी आहूत की गई। जिसमें शामिल होने वाले प्रख्यात कवियों में शिव मंगल सिंह, डॉ शरद पांडे, शशांक महेश चंद्र गुप्ता, मनमोहन बरकोटी, राम राज भारती, पंडित बेअदब लखनवी, कृष्णा नंद, मुकेशा नंद,नंदलाल शर्मा, चंचल, पीके शुक्ला,गोबर गणेश, डॉ निशा सिंह नवल, डॉ अलका अस्थाना, सुश्री भारती पायल, सुनीता चतुर्वेदी, अजिता गुप्ता, श्री कुलदीप शुक्ला, श्री अनिल अनाड़ीआदि ने काव्य पाठ किया।शाम 6 बजे लखनऊ बंगीय नागरिक समाज ने इस समाज की संस्थापक मानसी दत्ता जी की 4वीं पुण्य तिथि पर विशेष पूजा की,जिसे आचार्या पंडित विशाल शुक्ला द्वारा संपन्न कराया गया। शाम 7 बजे गुरुदेव को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए 83 मोमबत्तियों के साथ दीपदान किया गया।
इस मौके पर पी.के.दत्ता. मुख्य संयोजक लखनऊ बंगीय नागरिक समाज द्वारा अपनी कुछ मांगें भी रखी गईं जिसमें उन्होंने कहा कि लखनऊ बंगीय नागरिक समाज इस बात से आहत है कि न तो नगर निगम और न ही एलडीए पिछले कुछ वर्षों से रोबिंद्र ठाकुर के जन्मदिन और पुण्य तिथि पर फूलों की सजावट या प्रकाश व्यवस्था पर उचित ध्यान नहीं दे रहा है। यहां तक कि उत्तर प्रदेश के पूर्व माननीय राज्यपाल श्री राम नाईक जी की इच्छा पर कुछ वर्ष पहले ही नगर निगम द्वारा ही रवीन्द्र उपवन नाम का बोर्ड भी लगाया गया था। लेकिन खेद की बात ये है की अब उस बोर्ड को बिना किसी सूचना के हटा दिया गया है। जिसे वापस उसी जगह रवींद्र उपवन स्थल पर लगाया जाए। इस अवसर पर लखनऊ बंगीय नागरिक समाज ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश, लखनऊ के मेयर से संपर्क कर अपनी निम्न मांगों को लेकर का प्रस्ताव पारित करवाने का निर्णय लिया...
1.सौंदर्यीकरण, प्रकाश और सफाई की व्यवस्था के साथ "रविन्द्र उपवन" को नियमित तौर पर देखभाल की आवश्यकता है। जो ख़राब हालत में है और जिसे तत्परता के साथ "जीर्णोद्धार" की आवश्यकता है। साथ ही प्रकाश व्यवस्था हेतु तत्काल सोलर लाइट का प्रबंध प्रतिमा स्थल पर किए जाने की आवश्यकता है।
2.हनुमान सेतु से डालीगंज तक की सड़क महान कवि बोंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को समर्पित की जाए जिन्होंने राष्ट्र को "वंदे मातरम्" गीत दिया है ।
यह सम्मान समारोह जिन लोगों के सक्रिय सहयोग और योगदान के कारण संभव हुआ है उनमें मुख्य रूप से श्री सुधीर हलवासिया, श्री रोहित अग्रवाल, श्री पार्थो सेन, श्रीमती रत्ना बापुली, निहार रंजन डे, आरएस निगम, कृष्णानंद रॉय, डीके पाल डीके हलधर, अर्चना कश्यप, माधवी मिश्रा, विजय कुमारी मौर्य और आचार्य पं. विशाल शुक्ला आदि का नाम शामिल है। दीपदान के पश्चात समाज की कुछ हस्तियों को रवीन्द्र नाथ ठाकुर सम्मान से सम्मानित किया गया एवं सभी अतिथियों को माँ तुलसी का मंगल पौधा भी भेंट किया गया। रात्रि 8 बजे राष्ट्रगान के सामूहिक गायन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।