UP News: सरकार किसी की रही हो नवनीत सहगल का हमेशा रहा दबदबा, आज होंगे रिटायर, जानिए इनके बारे में

UP News: नवनीत सहगल एक ऐसे आईएएस अफसर हैं जो अपने हुनर और कार्य के बल पर हर सरकार के चहेते अफसर बने रहे। जो कार्य सौंपा गया उसे उन्होंने बखूबी निभाया। आज वे रिटायर हो रहे हैं तो ऐसे में इस अफसर को उनके कार्य शैली और टैलेंट के लिए हमेशा याद किया जाएगा।

Update:2023-07-31 11:24 IST
IAS Navneet Sehgal (photo: social media )

UP News: नवनीत सहगल उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में एक ऐसा आईएएस अफसर जिनका दबदबा हमेशा कायम रहा। सरकार चाहे किसी की भी आए इनको हमेशा महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलती रही। मायावती सरकार रही हो या अखिलेश की या योगी आदित्यनाथ की सब में नवनीत सहगल अपने हुनर और कार्य के बल पर महत्वपूर्ण पदों पर रहे।

आईएएस नवनीत सहगल किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वैसे तो उत्तर प्रदेश में बहुत सारे आईएएस अफसर काम करते हैं, लेकिन इनमें से कुछ ही ऐसे होते हैं जो अपने काम और हुनर के दम पर हर सरकार की जरूरत बन जाते हैं और सरकार भी इन्हें पसंद करती है, इनके काम और हुनर के कारण। इसी तरह के शख्सियत का नाम है नवनीत सहगल। कई सरकारों का अहम हिस्सा रहे आईएएस अफसर नवनीत सहगल आज 31 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं। सहगल वर्तमान में यूपी की योगी सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव खेल एवं युवा कल्याण का कार्यभार संभाल रहे हैं और उन्हें विभाग में व्यापक बदलाव लाने का श्रेय दिया जाता है। उनके आने से विभाग में काफी बदलाव देखने को मिला है।

मायावती सरकार में सबसे प्रभावशाली अफसरों में रहे-

मुल रूप से पंजाब के रहने वाले नवनीत सहगल बसपा सरकार में मुख्यमंत्री मायावती के सचिव थे। तब उन्हें पंचम तल का सबसे प्रभावशाली अफसरों में से एक माना जाता था। सपा और बसपा सरकारों में भी सहगल मुख्यधारा में रहे हालांकि, 2012 में सपा सरकार बनने के बाद उन्हें किनारे कर दिया गया और प्रतीक्षा में डाल दिया गया। लेकिन, दो साल बाद वह 2014 में प्रमुखता और मुख्यधारा की नौकरशाही में फिर वापस आ गए और उन्हें प्रमुख सचिव सूचना की जिम्मेदारी सौंपी गई। वह तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव के सबसे भरोसेमंद अफसरों में से एक थे।

शासन भी उनकी प्रतिभा का मान चुका था लोहा-

नवनीत सहगल की सबसे पहली महत्वपूर्ण पोस्टिंग उपाध्यक्ष हरिद्वार विकास प्राधिकरण की थी। यहां पर उन्होंने अपनी कार्यशैली से कुछ ही समय में खुब नाम कमाया। शासन भी उनकी प्रतिभा का लोहा मान चुका था। उनका टैलेंट ही था कि उन्हें युवावस्था में ही संयुक्त सचिव गृह विभाग तक बना दिया गया। यूपी में जब बीजेपी की सरकार थी और प्रधानमंत्री लखनऊ के सांसद अटल बिहारी वाजपेई थे। उस समय नवनीत सहगल लखनऊ के जिलाधिकारी थे।
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की महत्वपूर्ण स्कीमों को अमलीजामा पहनाने के लिए नवनीत सहगल को निदेशक सूडा का पद भी दिया गया था। अलग-अलग सरकारों में नवनीत सहगल 12 बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सचिव भी रहे।

बनवाया लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे-

सहगल की स्मार्ट कार्यशैली और उनका हुनर हर सरकार में उनके महत्व को बताता है। अखिलेश सरकार में उनके पास डीआईपीआर के अलावा यूपीडा की भी जिम्मेदारी थी। यूपीडा के सीईओ के रूप में, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के त्वरित और गुणवत्तापूर्ण निर्माण के पीछे नवनीत सहगल ही थे। जिसे सपा ने अपने प्रमुख विकास प्रदर्शन के रूप में पेश किया था।

योगी की पहली सरकार में मिला सूचना विभाग-

नवनीत सहगल को योगी की पहली सरकार में भी सूचना जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन योगी सरकार दुसरी बार सत्ता में आई तो उन्हें अगस्त 2022 में हटा दिया गया और खेल विभाग की जिम्मेदारी सौंप दी गई। मीडिया से हमेशा फ्रेंडली संपर्क रखने वाले नवनीत सहगल भाजपा सरकार के चहेते अफसरों में भी हैं। आज सहगल रिटायर हो रहे हैं। जानकारों की मानें तो सहगल को रिटायरमेंट के बाद योगी सरकार उन्हें कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप सकती है।

कई महत्वपूर्ण खेल संघों के भी रह चुके हैं पदाधिकारी-

नवनीत सहगल की पहचान एक आईएएस अफसर के रूप में ही नहीं बल्कि वे कई खेल संघों से जुड़े रहे हैं। जिनमें क्रिकेट, बैडमिंटन, गोल्फ और अन्य महत्वपूर्ण खेल शामिल हैं। जिनमें वे महत्वपूर्ण पदों पर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाया है। यही नहीं कई सामाजिक संगठनों से भी वे जुड़े हुए हैं। वे अपने जमाने के अच्छे क्रिकेटर भी रहे। लंबे समय तक मैदान में खुद उतर कर बल्लेबाजी और गेंदबाजी पर हाथ आजमाते रहे। रिटायर होने के बाद भी नवनीत सहगल की यूपी की ब्यूरोक्रेसी में पहचान हमेशा रहेगी।

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