जानिए कौन हैं फूडमैन विशाल सिंह, जिन्हें थाईलैंड में दिया जाएगा सम्मान
Food Man Vishal Singh : नर सेवा नारायण सेवा की मिशाल बन चुके फूडमैन विशाल सिंह आज वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं, जिसके फलस्वरूप फूडमैन विशाल सिंह का उद्देश्य है कि इस भयाभाय आपदा को मानवीय सेवा से रोका जाए, जिसके लिए वह अनवरत मानवीय सेवा कार्य कर रहे हैं।
Foodman Vishal Singh : उत्तर प्रदेश के लखनऊ का एक ऐसा कर्मयोगी जो निरंतर 17 वर्षों से अस्पतालों में आने वाले मरीजों के तीमारदारों को नि:शुल्क भर पेट पौष्टिक भोजन के अत्याधुनिक आदर्श स्थाई रैन बसेरा उपलब्ध कराकर प्रतिदिन हजारों लोगों को अपनी मानवीय सेवाएं दे रहे हैं। वहीं इस समाजसेवी को उत्तर प्रदेश के साथ देश और विदेश की कई प्रसिद्ध संस्थाओं के द्वारा वैश्विक मंचों पर सम्मानित किया गया है। नर सेवा नारायण सेवा की मिशाल बन चुके फूडमैन विशाल सिंह आज वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं, जिसके फलस्वरूप फूडमैन विशाल सिंह का उद्देश्य है कि इस भयाभाय आपदा को मानवीय सेवा से रोका जाए, जिसके लिए वह अनवरत मानवीय सेवा कार्य कर रहे हैं।
फूडमैन विशाल सिंह का एक वक्तव्य है " मज़हब कोई ऐसा चलाया जाए, कोई रहे भूखा तो मुझसे न खाया जाए" इस पवित्र भाव के साथ आज 17 वर्षों से भूखों का पेट भरने के काम करते आ रहे हैं। अब उनकी कई वर्षों से हंगर फ्री वर्ल्ड बनाने की मुहिम जारी है, जिसको लेकर कई देशों ने फूडमैन विशाल सिंह की खूब तारीफ करते हुए उन्हें इस मुहिम को सफल बनाने और जमीनी स्तर पर भूखों की सेवा के लिए बैंकॉक स्थित हैप्पी केयर ग्लोव्स कोऑपरेटिव लिमिटेड संस्था के द्वारा आमंत्रित किया गया है। यह एक ऐतिहासिक पल है, भारत देश जहां देश में कोई न रहे भूखा की पहल पर देश के असमर्थ लोगों को सरकार राशन उपलब्ध करा रही है तो वहीं बैंकॉक में फूडमैन विशाल सिंह हंगर फ्री वर्ल्ड मिशन बनाने के लिए बड़े आयोजन में शामिल होंगे, जहां विश्व के तमाम देशों के प्रमुख समाजसेवी और सामाजिक कार्य करने वाली महान हस्तियां जुटेंगी।
कौन हैं विशाल सिंह
बता दें विशाल सिंह का फूडमैन का सफर आज से 17 वर्षों पहले नोएडा के एक अस्पताल में अपने पिता स्व. विजय सिंह जादौन के इलाज के दौरान भूख से तड़पने के कारण उनके मन में गहरी पीड़ा बन गई। एक नामी अस्पताल के बाहर बड़े होटलों में दोनों टाइम खाने का खर्च इलाज में समस्या पैदा कर रहा था, वहीं अपने आसपास भूख से तड़पते तीमारदारों को देख विशाल सिंह का हृदय बहुत दुखी हुआ, बस वहीं से उन्होंने प्रतिज्ञा ली, जिसके बाद लखनऊ वापस आने पर उन्होंने सबसे पहले लखनऊ मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन सैकड़ों लोगों को नि:शुल्क भर पेट भोजन वितरण शुरू किया, जिसके बाद कुदरत ने उन्हें और समर्थवान बनाया, यह कारवां बढ़ता गया।
इसके बाद बलराम हॉस्पिटल, आरएमएल अस्पताल गोमतीनगर में भी नि:शुल्क भोजन प्रसाद की सेवा शुरू की। अब हजारों लोगों को प्रतिदिन नि:शुल्क भोजन प्रसाद प्राप्त होने लगा, जिसके बाद विशाल सिंह की सेवाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें "फूडमैन" के नाम से एक बड़ी पहचान दी गई। आज देश और विदेश में विशाल सिंह फूडमैन के नाम से मशहूर हैं। फूडमैन ने अपनी मानवीय सेवाओं को भोजन तक भी सीमित नहीं रखा, परंतु उन्होंने गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों के तीमारदारों को सरकार और अस्पताल प्रशासन द्वारा दी गई जगह पर अत्याधुनिक आदर्श स्थाई नि:शुल्क रैन बसेरे बनाकर उनको एक ही छत के नीचे भोजन और आश्रय उपलब्ध कराया।
निशुल्क भोजन और रैनबसेरा की दे रहे सेवा
विशाल सिंह का मानना है कि हमारे वर्तमान और अनंत शेष जीवन के क्षण में केवल पुण्यों का फिक्स डिपॉजिट ही काम आएगा। इस पावन पुनीत विचार और मिशन में मानवीय सेवा से बहुत से लोग जुड़ते गए और एक बड़ा कारवां बनता गया। आज के समय में फूडमैन विशाल सिंह की सामाजिक संस्था विजय श्री फाउंडेशन "प्रसादम सेवा" हजारों लोगों को कई स्थानों पर नि:शुल्क भोजन एवं आदर्श स्थाई रैन बसेरा की सेवा उपलब्ध कराकर उनके पीड़ा रूपी जख्मों पर मरहम का काम कर रही है।
इन्हीं सब कार्यों से प्रभावित होकर बैंकॉक स्थित हैप्पी केयर ग्लोव्स कोऑपरेटिव लिमिटेड के द्वारा हंगर फ्री वर्ल्ड मिशन को सफल बनाने के लिए रेड कारपेट वेलकम इनविटेशन भेजा गया है। यह हमारे प्रदेश और देश के लिए गौरव का क्षण कि वैश्विक स्तर पर फूडमैन विशाल सिंह के द्वारा भारत का नाम रोशन किया जा रहा है। निश्चित रूप से हंगर फ्री वर्ल्ड मिशन एक मानवीय सेवा का सच्चा उदाहरण सिद्ध होगा। इस ऐतिहासिक पल के लिए विजय श्री फाउंडेशन "प्रसादम सेवा" के सभी कर्मयोगियों और सहयोगियों का प्रशंसा योग कार्य जीवंत सेवा के लिए आभार स्वरूप है।