LDA News: एलडीए पोर्टल व वेबसाइट होगी हाईटेक, फीचर्स अपग्रेडेशन के साथ सुरक्षित होगा डाटा

LDA News: लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि प्राधिकरण में जो ईआरपी साॅफ्टवेयर चल रहा है। उसकी टेक्नोलाॅजी कई वर्ष पुरानी है।

Report :  Santosh Tiwari
Update: 2024-08-13 13:18 GMT
Symbolic Photo- Social Media

LDA News: लखनऊ विकास प्राधिकरण का पोर्टल व वेबसाइट जल्द ही अत्याधुनिक टेक्नोलाॅजी से लैस होंगे। इससे न सिर्फ वेबसाइट का रिस्पाॅन्ड टाइम बेहतर हो जाएगा, बल्कि किसी भी तरह की इंट्री को ऑनलाइन ट्रेस करके सत्यापित किया जा सकेगा। सुरक्षा के लिहाज से भी नया साॅफ्टवेयर फुल प्रूफ होगा और इसमें डाटा का संरक्षण बेहतर तरीके से किया जा सकेगा। एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार के निर्देश पर आईटी अनुभाग ने इसकी कार्ययोजना तैयार की है। नया ईआरपी (इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) साॅफ्टवेयर विकसित करने के लिए ईओआई आमंत्रित किया गया है।

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि प्राधिकरण में जो ईआरपी साॅफ्टवेयर चल रहा है। उसकी टेक्नोलाॅजी कई वर्ष पुरानी है। वर्तमान में यह टेक्नोलाॅजी प्रचलित नहीं है और इनका कम्यूनिटी सपोर्ट भी बंद हो चुका है। इस ईआरपी में जीयूआई (ग्राफिकल यूजर इंटरफेस) न तो यूजर फ्रेंडली है और न ही आज के मानकों पर खरा उतरता है। इसके अलावा प्राधिकरण द्वारा जब भी आवासीय/व्यावसायिक योजनाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन खोले जाते हैं, तब वेबसाइट पर अत्याधिक ट्रैफिक बढ़ने से वेब पोर्टल पर रिस्पाइंड टाइम धीमा हो जाता है। साथ ही कई बार वेबसाइट बंद होने की भी शिकायतें सामने आती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण के लिए नया ईआरपी साॅफ्टवेयर विकसित करने का निर्णय लिया गया है।

वेबसाइट का रिस्पाॅन्ड टाइम होगा बेहतर

इसमें अत्याधुनिक टेक्नोलाॅजी के साथ क्या-क्या फीचर्स होंगे, इसकी पूरी कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है। नया साॅफ्टवेयर विकसित करने के लिए ईओआई आमंत्रित किया गया है, जिसकी बिड दिनांक-17.08.2024 को खोली जाएगी। नया ईआरपी साॅफ्टवेयर वर्क फ्लो बेस्ड होगा। जिससे ऑपरेटर द्वारा की जाने वाली इंट्री को जरूरत पड़ने पर आसानी से ट्रेस करके सत्यापित किया जा सकेगा। साथ ही नयी व्यवस्था लागू होने से वेबसाइट का रिस्पाॅन्ड टाइम कई गुना तेज हो जाएगा।

नये साॅफ्टवेयर में डाटा रहेगा सुरक्षित

उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि पुराने साॅफ्टवेयर में तकनीकि खामियों के चलते डाटा की सुरक्षा सुदृढ़ नहीं है। नया साॅफ्टवेयर विकसित किये जाने के बाद सारा डाटा उसमें माइग्रेट कर दिया जाएगा, जो पूरी तरह सुरक्षित होगा और डाटा में किसी भी तरह की छेड़छाड़ की संभावना नहीं रहेगी। इसके अलावा नये सॉफ्टवेयर में व्हाट्सएप बाॅट, चैटबाॅट व डिजीलाॅकर जैसे वर्तमान में प्रचलित टूल्स के साथ-साथ और भी नये फंक्शन्स संचालित हो सकेंगे, जो अभी चल रहे साॅफ्टवेयर में इंटीग्रेट नहीं हो पाते हैं।

आधार बेस्ड सत्यापन की सेवा भी होगी

उपाध्यक्ष ने बताया कि नवीनतम टेक्नोलाॅजी पर संचालित ईआरपी में प्लानिंग, सम्पत्ति, अभियंत्रण, वित्त एवं लेखा, मानव संसाधन, अभिलेखागार, अनुरक्षण, विधि व जनसूचना आदि अनुभागों के माॅड्यूल विकसित किये जाएंगे। इसमें पेमेंट गेट-वे, डिजिटल सर्टीफिकेट, डाॅक्यूमेंट मैनेजमेंट सिस्टम, आधार बेस्ड वेरीफिकेशन जैसी अन्य सेवाएं उपलब्ध रहेंगी।

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