Lucknow University: हिंदी भाषा में पुस्तकें तैयार करेगा एलयू, UGC ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

Lucknow University: यूजीसी तथा भारतीय भाषा समिति की ओर से एलयू को हिंदी पाठ्यक्रम की पुस्तकें तैयार करने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

Report :  Abhishek Mishra
Update:2024-07-16 16:30 IST

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय को हिंदी भाषा में पाठ्य पुस्तक तैयार करने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके लिए यूजीसी तथा भारतीय भाषा समिति ने एलयू को नोडल संस्था बना दिया है। 

एलयू को बनाया गया नोडल संस्था

यूजीसी तथा भारतीय भाषा समिति की ओर से नई दिल्ली स्थित आईएनएसए ऑडिटोरियम में मंगलवार को उच्च शिक्षा के लिए भारतीय भाषा में पुस्तक लेखन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें देश भर के अलग अलग विश्वविद्यालयों के करीब 150 कुलपतियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में कुलपतियों ने भाषा प्रगति पर प्रस्तुतिकरण दिया। एलयू के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने भारतीय मात्रा समिति के तत्वाधान में हिन्दी माध्यम से पुस्तक लेखन का प्रस्तुतिकरण किया। 

एलयू की 17 अनुवादित पुस्तकों का हुआ था विमोचन 

बीते वर्ष 29 जुलाई को राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तृतीय वर्षगांठ के मौके पर नई दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा समागम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एलयू की 17 पुस्तकों का विमोचन किया था। जिन्हें अंग्रेजी से हिंदी, उर्दू और गुरमुखी में अनुवादित किया गया था। समागम में प्रधानमंत्री ने पूरे देश से क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवादित की गईं 100 पुस्तकों का विमोचन किया था।कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि एलयू ने 17 पुस्तकें अनुवाद की थी। इनमें दो पुस्तकें केजीएमयू की हैं। इनका अनुवाद अनुवादिनी सॉफ्टवेयर की मदद से किया गया था। इन पुस्तकों में लैंगिग मुद्दे और मानव अधिकार शिक्षा, शिक्षण और अधिगम में कंप्यूटर, उपभोक्ता व्यवहार और विज्ञापन प्रबंध, उत्तर प्रदेश की गोंड जनजाति के वदलते परिवेश, अफ्रीकी और एशियाई साहित्य, चोर बाजार और दीगर ड्रामे, गंगा की अविरल धारा (आजादी के अमृतकाल में कविताएं और नज्में), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सिद्धार्थनगर जनपद का पुरातात्विक अंवेषण एशियंट इंडियन हिस्ट्री, गर्भ संस्कारःभीतर की एक तीर्थयात्रा, व्यक्तिगत विकासः पश्चिम और पूर्वी प्रतिविंव, पुस्तकालयों के कानूनी प्रतिमान, विष विज्ञान की अवधारणा, फैशिओला जाइजैन्टिक कोवोल्ड, 1855 (सामान्य भारतीय लिवर फ्लूक), टीवी और अस्थमा में योग की भूमिका पुस्तकों का हिंदी, उर्दू और गुरमुखी में अनुवाद किया गया।

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