Lucknow Acid Attack: आखिरकार पुलिस ने मौसेरे भाई को बनाया आरोपी, जल्द ही भेजा जाएगा जेल
Lucknow Acid Attack: घटना की जांच में हर्ष तिवारी की संलिप्तता की बात सामने आ रही थी। हर्ष और एसिड फेंकने वाले आरोपी अभिषेक वर्मा के पूर्व में परिचित होने की बात सामने आई है।
Lucknow Acid Attack: राजधानी के चौक इलाके में युवती पर हुए एसिड अटैक के मामले में आखिरकार पुलिस ने घटना में शुरू से आखिर तक साथ रहने वाले युवती के मौसेरे भाई हर्ष तिवारी उर्फ हर्षित को आरोपी बनाया है। वारदात के बाद से ही परिजन और पुलिस उसे शक की निगाहों से देख रहे थे। चौक पुलिस अब उसके बयान दर्ज करने की तैयारी में है। एसिड अटैक में पीठ और बाकी अंग झुलसने के कारण वह अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है।
चौक इलाके में हुई थी घटना
बताते चलें कि चौक के लोहिया पार्क के पास बीती तीन जुलाई को एसिड अटैक में चौपटिया निवासी छात्रा झुलस गई थी। इस दौरान मौके पर मौजूद मौसेरे भाई की पीठ भी झुलस गई थी। बाद में वह एसिड फेंकने वाले आरोपी का दोस्त ही निकला। फिलहाल युवती और उसके मौसेरे भाई का केजीएमयू के न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट में इलाज चल रहा है। जबकि एसिड फेंकने वाले आरोपी को पुलिस ने घटना के 24 घंटे के भीतर ही ठाकुरगंज थानाक्षेत्र के गऊघाट इलाके से मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया था। चौक इंस्पेक्टर नागेश उपाध्याय ने बताया कि बीते 3 दिनों से लगातार विवेचक अस्पताल जा रहे हैं। दोनों की हालत गंभीर होने के कारण वह अभी बयान दर्ज कराने की स्थिति में नहीं हैं। जैसे ही हालत में सुधार होगा उनके बयान दर्ज किए जाएंगे। फिलहाल पुलिस उसके भाई की भी जांच कर रही है। शुरुआती तफ्तीश में उसके भाई के साजिश में शामिल होने की बात सामने आ रही है।
मौसेरे भाई का जेल जाना तय, जल्द ही मुकदमे में जुड़ेगा नाम
घटना के बाद से पड़ताल में परत दर परत हर्ष तिवारी की संलिप्तता की बात सामने आ रही थी। पुलिस को कई ऐसी कड़ियां भी मिली जिसमें हर्ष और एसिड फेंकने वाले आरोपी अभिषेक वर्मा के पूर्व में परिचित होने की बात सामने आई। नतीजतन, शक की सुई हर्ष की तरह भी घूमी। अब पुलिस उसकी स्थिति में सुधार होने का इंतजार कर रही है। जैसे ही उसकी हालत में सुधार होगा पुलिस उसे हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी। सूत्रों के अनुसार आरोपी हर्ष का जेल जाना तय माना जा रहा है।
हीरो बनने के चक्कर में बन गया विलेन
सूत्रों की मानें तो पीड़िता हर्ष को अपने सगे भाई से भी ज्यादा मानती थी लेकिन हर्ष के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था। वह पीड़िता की नजर में हीरो बनना चाहता था। जिसकी वजह से एसिड अटैक के दौरान वह खुद सामने आ गया और तेजाब से उसकी पीठ जल गई। जब विभिन्न पहलुओं से घटना की जांच शुरू हुई तो आरोपी अभिषेक और हर्ष दोस्त ही निकले। जब इस बात का पता पीड़िता को चला तो उसने हर्ष से बोलना तक छोड़ दिया। सोमवार को हर्ष उसके कमरे में भी पहुंचा था लेकिन उसने हर्ष को कमरे से बेइज्जत कर भगा दिया। साथ ही पीड़िता ने यह भी कहा कि मेरे साथ विश्वासघात हुआ है। पीड़िता का परिवार भी हर्ष से दूरियां बना चुका है। बहन की नजरों में हीरो बनने की जगह आखिरकार हर्ष विलेन बन गया।
आरोपी अभिषेक के पिता ने भी कही थी हर्ष के शामिल होने की बात
घटना की सूचना मिलने के बाद लखीमपुर निवासी आरोपी अभिषेक वर्मा के पिता कोमल वर्मा ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा था कि अभिषेक और पीड़िता कभी एक दूसरे के संपर्क में नहीं रहे और न ही दोनों के बीच कोई संबंध था। हर्ष ने ही दोस्ती का हवाला देकर उससे ऐसा काम कराया होगा। उन्होंने कहा था कि अभिषेक लखनऊ में रहकर पढ़ाई करता था। हर्ष पहले से ही उसे जानता था। हर्ष ने अभिषेक को मोहरा बनाकर इस्तेमाल किया है। असली मास्टरमाइंड हर्ष ही है।
इन वजहों से गहराया हर्ष पर शक
घटना के बाद पुलिस मुठभेड़ में आरोपी अभिषेक के पास से हर्ष के पिता की बाइक मिली थी। वारदात के पहले अभिषेक के खाते में लगभग 1.60 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे। आरोपी और अभिषेक ने लखीमपुर में एक साथ शुरुआती पढ़ाई की थी। हर्ष ने ही अभिषेक वर्मा को घटनास्थल की लोकेशन बताई थी। पुलिस ने जब इन बिंदुओं पर तफ्तीश की तो घटना में हर्ष के शामिल होने के पुख्ता साक्ष्य सामने आने लगे।