Lucknow University: समाज कार्य विभाग को मिला नया विभागाध्यक्ष, प्रो. राकेश द्विवेदी ने ग्रहण किया पदभार
लखनऊ विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग को नया विभागाध्यक्ष मिल गया है। एलयू के मुख्य कुलानुशासक प्रो. राकेश द्विवेदी को इस विभाग का नया विभागाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस संबंध में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने एक पत्र जारी किया है।
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के सामाज कार्य विभाग के नए विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राकेश द्विवेदी बनाए गए हैं। उन्होंने समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष के रुप में बुधवार को अपना पदभार ग्रहण किया। प्रो. द्विवेदी वर्तमान में एलयू के मुख्य कुलानुशासक भी हैं।
प्रो. राकेश द्विवेदी बने विभागाध्यक्ष
लखनऊ विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग को नया विभागाध्यक्ष मिल गया है। एलयू के मुख्य कुलानुशासक प्रो. राकेश द्विवेदी को इस विभाग का नया विभागाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस संबंध में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने एक पत्र जारी किया है। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर राकेश द्विवेदी को समाज कार्य विभाग का नया विभागाध्यक्ष बनाया गया है। प्रो. द्विवेदी अगले तीन वर्षों तक इस पद पर बने रहेंगे।
समाजकार्य क्षेत्र में 20 सालों का अनुभव
लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राकेश द्विवेदी वर्तमान में मुख्य कुलानुशासक की भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष के रुप में अब उनपर एक नई जिम्मेदारी है। एलयू के प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि प्रो. द्विवेदी को समाज कार्य के क्षेत्र में लगभग 20 वर्षों का अनुभव है। वह विभिन्न सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दों पर लंबे समय से सक्रियता से कार्य करते आ रहे हैं।
कई बार हुए हैं पुरस्कृत
एलयू के प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव के मुताबिक प्रो. राकेश द्विवेदी लखनऊ विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कार्यक्रम समन्वयक भी रह चुके है। उन्हें राष्ट्रीय सेवा योजना के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया गया है। उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ मिलकर विभिन्न शोध परियोजनाओं पर कार्य किया है। प्रो. द्विवेदी को निर्वाचन आयोग की ओर से मतदाता जागरूकता अभियानों में कार्यों के लिए भी पुरस्कृत किया गया है। पदभार ग्रहण करने के दौरान समाज कार्य विभाग में विश्वविद्यालय के कई प्रशासनिक अधिकारी, पूर्व विभागाध्यक्ष, विभाग के शिक्षक, छात्र व अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।