Lucknow University: NEP लागू करने के बाद एलयू का बड़ा फैसला, हर विभाग में होंगे कम से कम सात शिक्षक
Lucknow University: लखनऊ विशवविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय विश्वविद्यालयों के पहचान छोड़ने के लिए मानक के अनुसार शिक्षकों का होना जरुरी है। इसके लिए एलयू में एक समिति का गठन किया जा रहा है। यह समिति मानक पूरा करने के लिए विभागवार पदों का आकलन करेगी।
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति लागू करने के बाद बड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत अब हर विभाग में कम से कम सात शिक्षक होंगे। इससे साफ है कि एलयू अपने शिक्षक और छात्र के औसत पर भी काम कर रहा है। जिन विभागों में शिक्षकों की कमी है उनकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जा रहा है।
दस विभागों में मानक से कम शिक्षक
यूजीसी की गाइडलाइन के मुताबिक विभाग के संचालन के लिए कम से कम सात शिक्षकों का होना आवश्यक है। इनमें एक प्रोफेसर, दो एसोसिएट प्रोफेसर और चार एसिस्टेंट प्रोफेसर होने चाहिए। एलयू के कई विभागों में शिक्षकों कि संख्या मानक से कम है। इसलिए अब रिक्त पदों पर शिक्षक नियुक्त होंगे। विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार, उर्दू, लोक प्रशासन, पाश्चात्य इतिहास, मनोविज्ञान, मानवशास्त्र, अरेबिक, पर्शियन, ओरिएंट अरेबिक और पर्शियन जैसे विभागों में शिक्षक कम हैं।
मानक से कम हैं पद
एलयू में छात्रों पर शिक्षकों के कम अनुपात होने से उन्हें पढ़ाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। छात्रों की पढ़ाई के साथ विश्वविद्यालय को रैंकिंग का भी खामियाजा भुगतना पड़ता है। बता दें कि एनआईआरएफ के साथ ही विदेशी रैंकिंग में शिक्षकों की संख्या को काफी महत्व दिया जाता है। एलयू में शिक्षकों की संख्या तो दूर पद ही मानक से कम हैं। अब हर विभाग में शिक्षकों की संख्या सात होगी।
समिति का किया जा रहा गठन
लखनऊ विशवविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय विश्वविद्यालयों के पहचान छोड़ने के लिए मानक के अनुसार शिक्षकों का होना जरुरी है। इसके लिए एलयू में एक समिति का गठन किया जा रहा है। यह समिति मानक पूरा करने के लिए विभागवार पदों का आकलन करेगी। इसके साथ मानकों के मुताबिक हर विभाग में शिक्षकों की संख्या सुनिश्चित करेगी। जिसके बाद शासन को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।