अखिलेश यादव के PDA फार्मूले पर मायावती बिफरीं,कहा-पिछड़े,दलित और अल्पसंख्यक सपा से सतर्क रहें
देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सियासी जंग लगातार तेज होती जा रही है। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटों के लिए भाजपा के साथ सपा और बसपा ने भी सक्रियता बढ़ा दी है।
नई दिल्ली: देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सियासी जंग लगातार तेज होती जा रही है। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटों के लिए भाजपा के साथ सपा और बसपा ने भी सक्रियता बढ़ा दी है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने हाल में एनडीए के खिलाफ पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) का सियासी दांव आजमाने की बात कही थी।
अब बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर इस बयान को लेकर तीखा हमला बोला है। सपा मुखिया के पीडीए संबंधी बयान की आलोचना करते हुए मायावती ने कहा कि दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को समाजवादी पार्टी से सतर्क रहना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बिजली कटौती का मुद्दा उठाते हुए प्रदेश सरकार को भी घेरा है।
मायावती ने की पीडीए की नई व्याख्या
अगले लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा सियासी अखाड़ा बनेगा क्योंकि यहां पर लोकसभा की 80 सीटें हैं। दिल्ली की सत्ता का फैसला करने में उत्तर प्रदेश हमेशा प्रमुख भूमिका निभाता रहा है। उत्तर प्रदेश में विभिन्न सियासी दलों के नेताओं के बीच जुबानी जंग लगातार तेज होती जा रही है। बसपा मुखिया मायावती ने सपा के खिलाफ बड़ा मोर्चा खोलते हुए अखिलेश यादव के पीडीए संबंधी बयान की तीखी आलोचना की है।
उन्होंने कहा कि पिछड़े,दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को सपा से सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने सपा मुखिया के पीडीए संबंधी बयान की चर्चा करते हुए पीडीए की नई व्याख्या भी की है। उन्होंने कहा कि सपा के लिए पीडीए का मतलब परिवार,दल और एलायंस है। सपा इस दायरे से कभी बाहर नहीं निकल सकती है। ऐसे में प्रदेश के मतदाताओं को सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एनडीए के जवाब में पीडीए का राग इन वर्गों के अति कठिन समय मे भी केवल तुकबंदी के सिवाय और कुछ नही है।
बिजली कटौती पर प्रदेश सरकार को घेरा
बसपा मुखिया ने प्रदेश में बिजली कटौती का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लोग भीषण गर्मी और लू से बेहाल हैं। भीषण गर्मी के इस माहौल में बिजली कटौती लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है। पूरे प्रदेश की जनता बिजली संकट से जूझ रही है और विभिन्न जिलों में बिजली की लंबी-लंबी कटौती की जा रही है।
उन्होंने कहा कि बलिया समय प्रदेश के कई जिलों से काफी संख्या में लोगों की मौत होने की खबरें मिल रही हैं। उन्होंने भीषण गर्मी और लू से लोगों की मौतों पर दुख जताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार को बिजली व्यवस्था सुधारने की दिशा में तुरंत कदम उठाना चाहिए। विभिन्न जिलों के अस्पतालों में बिजली कटौती तत्काल प्रभाव से बंद की जानी चाहिए ताकि मरीजों और तीमारदारों को राहत मिल सके।
क्या है अखिलेश का पीडीए फार्मूला
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने हाल में लखनऊ में एक चैनल के कार्यक्रम में कहा था कि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के गठबंधन को हराने की ताकत पीडीए के पास है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए पीडीएफ फार्मूले का जिक्र करते हुए कहा कि इस फार्मूले का मतलब पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक हैं। उनका कहना था कि इस फार्मूले की मदद से उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराया जा सकता है।
सपा मुखिया ने कहा कि अगर बड़े राष्ट्रीय दलों ने हमें समर्थन दिया तो प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर भाजपा हार जाएगी। विपक्षी एकता को लेकर अखिलेश यादव का कहना था कि उनका एकमात्र नारा है-80 हराओ, भाजपा हटाओ। सपा मुखिया के मुताबिक विपक्षी दलों के बीच सीटों का बंटवारा इस आधार पर किया जाना चाहिए कि किस प्रदेश में कौन सा सहयोगी दल ज्यादा मजबूत है। अब सपा मुखिया के इस बयान पर मायावती की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है।