Lucknow University: अब साल में कभी भी दे सकेंगे बैक पेपर परीक्षा, प्रश्न बैंक लगभग तैयार

Lucknow University: कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि अभी किसी विद्यार्थी का यदि सम सेमेस्टर में बैक पेपर लगता है तो वह अगले सम सेमेस्टर में ही बैक पेपर परीक्षा दे सकता है। यही प्रक्रिया विषम सेमेस्टर के लिए भी लागू है।

Report :  Abhishek Mishra
Update:2024-07-06 10:56 IST

Lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय में अब बैक पेपर देने के लिए वर्ष के अंत तक का इंतजार नहीं करना पडेगा। अब कोई भी विद्यार्थी साल में कभी भी बैक पेपर परीक्षा दे सकेगा। इस संबंध में रूपरेखा तय कर ली गई है। प्रश्न बैंक भी लगभग बन गया है। आगामी सत्र से इसे लागू करने की तैयारी है। जिसके लिए इसका प्रस्ताव एकेडमिक काउंसिल और कार्य परिषद की बैठक में रखा जाएगा। जहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया जा सकेगा। 

कभी भी दे सकेंगे बैक पेपर 

एलयू के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि अभी किसी विद्यार्थी का यदि सम सेमेस्टर में बैक पेपर लगता है तो वह अगले सम सेमेस्टर में ही बैक पेपर परीक्षा दे सकता है। यही प्रक्रिया विषम सेमेस्टर के लिए भी लागू है। ऐसे में छात्रों को एक वर्ष इंतजार करना पड़ता है। कुलपति का कहना है कि इस प्रावधान के कारण सबसे बडी समस्या अंतिम सेमेस्टर के छात्रों को होती है। क्योंकि उनका एक वर्ष बर्बाद हो जाता है। जिसे देखते हुए विश्वविद्यालय इसे लागू करने की योजना बना रहा है। कुलपति प्रो. आलोक राय ने बताया कि इसके लिए प्रश्न बैंक पर कार्य चल रहा है। आने वाले कुछ दिनों में प्रश्न बैंक बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद जरूरी विधायिका से संस्तुति प्राप्त कर इसे लागू किया जाएगा। 

एकेटीयू में इसी सत्र से होगा लागू 

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में इसी सत्र 2024-25 से हर सप्ताह बैक पेपर यानी कैरी ओवर परीक्षा देने का प्रावधान लागू किया जा सकेगा। कुलपति प्रो. जेपी पांडेय का कहना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में पाठ्यक्रम और परीक्षा को सरल बनाने का प्रावधान है। इसके तहत अब हर रविवार को कैरी ओवर परीक्षा का आयोजन किया जा सकेगा। इससे विद्यार्थियों को बैक पेपर परीक्षा देने के लिए वर्ष भर का इंतजार नहीं करना पडेगा। इससे छात्रों पर परीक्षा का दबाव कम होगा। कुलपति प्रो. पांडेय ने बताया कि यह प्रस्ताव एकेडमिक काउंसिल की बैठक से पास हो गया है। इसे अब कार्य परिषद में रखा जाएगा। जहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा।

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