Lucknow News: डॉ. एस आर रंगनाथन की जयंती, पुस्तकालय संघ ने किया "विकसित भारत के लिए पुस्तकालय" विषय पर व्याख्यान का आयोजन

Lucknow News: लखनऊ के राजकीय पॉलीटेक्निक के सभागार में भारत में पुस्तकालय विज्ञान के जनक पद्मश्री डॉ. एस आर रंगनाथन की 132 वीं जयंती के अवसर पर विकसित भारत के लिए पुस्तकालय" विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।

Newstrack :  Network
Update: 2024-08-13 14:03 GMT

उप्र पुस्तकालय संघ लखनऊ शाखा द्वारा पद्मश्री डॉ. एस आर रंगनाथन की 132 वीं जयंती: Photo- Newstrack

Lucknow News: राजधानी लखनऊ के राजकीय पॉलीटेक्निक के सभागार में भारत में पुस्तकालय विज्ञान के जनक पद्मश्री डॉ. एस आर रंगनाथन की 132 वीं जयंती के अवसर पर उप्र पुस्तकालय संघ लखनऊ शाखा द्वारा "विकसित भारत के लिए पुस्तकालय" विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में डीन सूचना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विद्यापीठ, बीबीएयू लखनऊ के प्रो. एम पी सिंह ने कहा कि आदिकाल से ही ज्ञान संरक्षण में पुस्तकालय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राष्ट्र के कला एवं सांस्कृतिक विरासत के सहेजने का कार्य पुस्तकालयों के द्वारा किया जा रहा है।

सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए ज्ञान और विज्ञान दोनों आवश्यक

आधुनिक युग में सूचना प्रौद्योगिकी के विकास के कारण सिर्फ पुस्तकालयों का स्वरूप परिवर्तित हुआ है। राष्ट्र के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए ज्ञान और विज्ञान दोनों आवश्यक अंग हैं। जिसका विकास पुस्तकालयों से बिना असंभव है। डॉ. एस आर रंगनाथन द्वारा बताए गए पुस्तकालय विज्ञान के नियम आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने नए लाइब्रेरियन के सलाह भी दिया कि वे तकनीकी को आत्मसाथ करें।

इस पदाधिकारियों द्वारा आरडीएसओ पुस्तकालय से सेवानिवृत्ति लखनऊ शाखा के आजीवन सदस्य अवधेश कुमार श्रीवास्तव को उत्कृष्ट योगदान के लिए भी सम्मानित किया गया।


इस अवसर पर उपस्थित रहे

इस अवसर पर मंच का संचालन डॉ. मनीष बाजपेयी ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन लखनऊ शाखा के अध्यक्ष विनोद कुमार मिश्र ने किया। इस अवसर पर पदाधिकारियों में महामंत्री गिरीश चंद्र, उपाध्यक्ष मो. एहतिशाम, सेक्रेटरी कुंवर अभिषेक प्रताप, संयुक्त मंत्री आर सी गुप्ता और सदस्यों में सुशील त्रिपाठी, हिमांशु अंचल, अफरोज आलम, सुनील कुमार उपस्थित रहे। कार्यक्रम में लखनऊ एवं आसपास जनपदों के विभिन्न संस्थानों जैसे लविवि, बीबीडीयू, कैरियर संस्थान, इंट्रीगल विवि आदि से पुस्तकालय जगत से लगभग 100 लोग भी उपस्थित रहे।

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