Lucknow News: लारी में हाथ जोड़कर मिन्नतें करता रहा मरीज...नहीं मिला वेंटिलेटर हो गई मौत

Lucknow News: अबरार बेड पर बैठे-बैठे डाक्टरों और स्टाफ से हाथ जोड़कर वेंटिलेटर मांगते रहे, लेकिन डॉक्टरों ने उनकी एक न सुनी। उल्टे उन्हें डॉ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान रेफर कर दिया गया। इस दौरान अबरार की रास्ते में ही सांसें थम गईं।

Report :  Network
Update:2024-11-26 11:13 IST

Lucknow News (Pic:Newstrack)

Lucknow News: लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में एक दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मरीज इलाज के लिए डाक्टरों से वेंटिलेटर की भीख मांगता रहा लेकिन उसकी किसी ने एक न सुनी और नतीजा यह रहा कि वेंटिलेटर के अभाव में उसकी मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार केजीएमयू के हृदय रोग विभाग (लारी कार्डियोलॉजी) में दुबग्गा के छंदोइया निवासी अबरार अहमद (60) इलाज के लिए आए थे, उन्हें वेंटिलेटर की जरूरत थी लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद उन्हें वेंटिलेटर नहीं मिल पाया। अबरार बेड पर बैठे-बैठे डाक्टरों और स्टाफ से हाथ जोड़कर वेंटिलेटर मांगते रहे, लेकिन डॉक्टरों ने उनकी एक न सुनी। उल्टे उन्हें डॉ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान रेफर कर दिया गया। इस दौरान अबरार की रास्ते में ही सांसें थम गईं।

बताया जा रहा है कि 2018 में अबरार अहमद की लारी में ही एंजियोप्लास्टी हुई थी। हालत बिगड़ने पर रविवार रात उन्हें करीब 12ः30 बजे लारी की इमरजेंसी में एडमिट कराया गया। यहां पर डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर होने की बात कही और उन्हें वेंटिलेटर की जरूरत बताई। वहीं वेंटिलेटर खाली नहीं होने की बात कहते हुए उनको डाक्टर राममनोहर लोहिया संस्थान या फिर पीजीआई जाने के लिए कहा। इस पर परिजनों ने उनकी हालत को गंभीर देखते हुए लारी में ही के लिए डॉक्टरों से मिन्नतें कीं। अबरार के बेटे सैफ के अनुसार पिता भी हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन डॉक्टर ने एक न सुनी और मजबूर होकर हम पिता को लेकर लोहिया संस्थान गए, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया।

ज्यादा शोर कर रहे हो, नहीं देखेंगे

बेटे सैफ के अनुसार इमरजेंसी में उनके पिता को तीन-चार इंजेक्शन लगाए गए, इसके बाद उनकी नाक और मुंह से खून आने लगा। जब पिता डाक्टरों के सामने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाने लगे तो डॉक्टर बोले ज्यादा शोर कर रहे हो, इसलिए हम तुम्हें नहीं देखेंगे। मरीज की मौत के बाद वजीरगंज थाने में कार्रवाई के लिए तहरीर भी दी गई है।

केजीएमयू की सफाई-इलाज किया और उपलब्ध कराई एंबुलेंस

वहीं इस मामले में केजीएमयू के प्रवक्ता प्रो. सुधीर सिंह का कहना है कि अबरार अहमद को हार्ट की बीमारी की गंभीर समस्या थी। अबरार की 2018 में कोरोनरी आर्टरी डिजीज होने के बाद उनकी लारी में एंजियोप्लास्टी की गई थी। इसके बाद डॉक्टर समय-समय पर उन्हें जांच के लिए बुलाया था, लेकिन वे फॉलोअप के लिए ओपीडी में नहीं आए। रविवार देर रात उनकी तबीयत बिगड़ी तो गंभीर अवस्था में उन्हें इमरजेंसी में लाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें एडमिट कर उनका तुरंत इलाज शुरू किया और उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा। कई जरूरी जांचें कराई गईं। उसके बाद भी जब उनकी हालत में सुधार नहीं होता दिखा तो डाक्टरों ने वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत बताई। लेकिन लारी कार्डियोलॉजी के सभी आईसीयू-वेंटिलेटर बेड मरीजों से भरे हुए थे। इसलिए उन्हें डाक्टर ने पीजीआई और लोहिया संस्थान के लिए रेफर किया। संस्थान ने मरीज को ले जाने के लिए एंबुलेंस भी उपलब्ध कराई, लेकिन दुर्भाग्य से उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।

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