Lucknow University: रिसर्चर इन रेजिडेंस कार्यक्रम शुरू होगा, विदेशी शिक्षक और वैज्ञानिक कर सकेंगे शोध

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि रिसर्चर इन रेजिडेंस कार्यक्रम के लिए पूरे वर्ष आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। प्रस्तावित निवास अवधि से कम से कम छह महीने पहले आवेदन करना होगा।

Report :  Abhishek Mishra
Update:2024-06-09 14:45 IST

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से रिसर्चर-इन-रेजिडेंस कार्यक्रम शुरू करने की तैयारी है। जिससे अब विदेशी शिक्षक और वैज्ञानिक भी रिसर्च कर सकेंगे। इस कार्यक्रम के तहत शिक्षक तीन महीने तक एलयू में रहकर अपनी रिसर्च को पूरा कर सकेंगे। शोध पूरा करने के लिए विवि के शिक्षक, शोधार्थी और छात्र-छात्राएं सहायता करेंगे। 

एलयू में शुरु होगा रिसर्चर-इन-रेजिडेंस कार्यक्रम

एलयू में रिसर्चर-इन-रेजिडेंस कार्यक्रम शुरू होगा। इसके माध्यम से विदेशी शिक्षकों, वैज्ञानिकों और इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञों को एलयू में पढ़ाने और शोध करने का अवसर प्रदान किया जाएगा। बता दें कि इस कार्यक्रम में आवेदन करने के लिए पीएचडी या समकक्ष शोध अनुभव होना जरूरी है। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि रिसर्चर इन रेजिडेंस कार्यक्रम के लिए पूरे वर्ष आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। प्रस्तावित निवास अवधि से कम से कम छह महीने पहले आवेदन करना होगा। 

अंतरराष्ट्रीयकरण में मिलेगी सहायता

कुलपति के मुताबिक मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि, शोध उत्कृष्टता का सिद्ध रिकॉर्ड और एलयू की शोध प्राथमिकताओं से जुड़े प्रस्तावों वाले आवेदकों को वरीयता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम को विश्वविद्यालय की जीवंतता, इंटरनेशनल रिसर्च नेटवर्क को बढ़ाने और हमारे छात्रों को अंतरराष्ट्रीय शिक्षकों के संपर्क में लाने उद्देश्य से बनाया गया है। यह हमारे अकादमिक मूल्य को मजबूत करने में मदद करेगा। इससे अंतरराष्ट्रीयकरण, अकादमिक प्रतिष्ठा और रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन करने में सहायता मिलेगी। 

शोधार्थियों को आवास देगा एलयू 

कुलपति प्रो. आलोक राय के अनुसार इस पहल का उद्देश्य एक सहयोगी वातावरण बनाना है। आने वाले शोधकर्ता स्थानीय शिक्षकों और छात्रों के साथ मिलकर काम कर सकेंगे। सेमिनार और कार्यशालाओं में भाग ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि आगंतुक शोधकर्ताओं को अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों और अन्य आवश्यक शोध सुविधाओं तक पहुंच प्राप्त होगी। साथ ही शोधकर्ता को आवास और आकस्मिक अनुदान भी दिया जाएगा।

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