Lucknow News: फूड पॉइजनिंग की वजह से ICU पहुंचे 'अनाथ गोपाला' में कितना हुआ सुधार! जानकारी देने से कतरा रहा स्वास्थ्य विभाग, 5 बच्चों की हो चुकी मौत
Lucknow News: गोपाला के स्वास्थ्य को लेकर स्टाफ से लेकर अस्पताल के CMS तक सिर्फ इतना बताया गया कि स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।;
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Lucknow News: लखनऊ के निर्वाण आश्रय केंद्र में फ़ूड पॉइजनिंग की वजह से 25 बच्चों का स्वास्थ्य तेजी से खराब हुआ था, जिसके बाद उन्हें अलग अलग अस्पतालों में भर्ती किया जाने लगा। मामले में 5 बच्चों की मौत के बाद शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया। इसी बीच लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में फ़ूड पॉइजनिंग की वजह से भर्ती 2 बच्चियों की हालत में सुधार हुआ है, जिन्हें जल्द ही डिस्चार्ज किया जाएगा।
इसी बीच अस्पताल के ICU में भर्ती 15 वर्षीय गोपाला की हालात खराब बताई जा रही थी। शनिवार को जब गोपाला की हालत जा जायजा लेने के लिए Newstrack की टीम ICU पहुंची तो स्टाफ जानकारी देने से कतराता हुआ नजर आया। गोपाला के स्वास्थ्य को लेकर स्टाफ से लेकर अस्पताल के CMS तक सिर्फ इतना बताया गया कि स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। बाकी, जांच में क्या क्या बीमारियां या दिक्कतें सामने आई, उसके विषय में जानकारी देते हुए सभी बचते नजर आए।
किडनी से संबंधित बीमारी की जानकारी नहीं दे रहे डॉक्टर
गोपाला की मौजूदा हालात के विषय में डॉक्टरों का कहना है कि कल से गोपाला की हालत में सुधार होता हुआ दिख रहा है। पूर्व में जानकारी आई थी कि फ़ूड पॉइजनिंग की वजह से गोपाला की किडनी पर भी असर पड़ा है, जिसकी वजह से गोपाला को गंभीर हालत में बलरामपुर अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया था। शनिवार को गोपाला का डायलिसिस भी हुआ है। इन सारी स्थितियों के बीच बलरामपुर अस्पताल के ICU में तैनात स्टाफ और अधीक्षक गोपाला की किडनी से संबंधित जानकारी नहीं दे रहे। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग पर एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर, स्वास्थ्य विभाग बच्चों में फ़ूड पॉइजनिंग की समस्या को छोड़कर और कोई जानकारी देने को तैयार क्यों नहीं है।
सभी बच्चों की जांच में निकल रहीं गंभीर बीमारियां
बलरामौर अस्पताल से लेकर लोकबंधु अस्पताल तक फ़ूड पॉइजनिंग की वजह से भर्ती हुई बच्चों के इलाज के बीच उनकी खून से लेकर हर प्रकार की जांच कराई जा रही है। बताया जाता है कि भर्ती बच्चों की खून, एक्स-रे और सीटी स्कैन जांच कराई गई, जिसकी रिपोर्ट चौंकाने वाली आयी है। लोकबंधु अस्पताल में 9 बच्चे गंभीर एनीमिया, 2 किडनी के रोग, 4 सेप्सिस के अलावा 1 बच्चे में त्वचा रोग मिला है। इसके साथ ही, 16 साल के एक किशोर में टीबी, हेपेटाइटिस और एनीमिया जैसे कई रोगों की पुष्टि भी हुई है। इन रोगों की पुष्टि होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग बच्चों में ये रोग कैसे पहुंचा, इसकी जानकारी नहीं दे रहा है।
बच्चों का केंद्र में नहीं हो रहा था रेगुलर हेल्थ चेकअप
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लखनऊ के पारा स्थित निर्वाण आश्रय केंद्र में पल रहे बच्चों का रेगुलर हेल्थ चेकअप नहीं कराया जाता था। यहां तक कि केंद्र में रेगुलर हेल्थ चेकअप से जुड़ी कोई व्यवस्था ही नहीं है। सेंटर में न फार्मासिस्ट और नर्स नजर आती हैं और न ही मनोचिकित्सक दिखाई देते हैं। यहां तक कि कृमिनाशक यानी पेट के कीड़े मारने की दवा एल्बेंडाजोल बच्चों को दिए एक साल हो गया। ऐसे अनेकों लापरवाही से जुड़े खुलासे आए दिन प्रशासन के सामने आ रहे हैं। अब देखना ये है कि स्वास्थ्य विभाग, खाद्य विभाग और जल विभाग की ओर से लिए गए सैम्पल की रिपोर्ट आने के बाद क्या कार्रवाई की जाती है।