Lucknow University: '2047 में संस्थानों के भविष्य' विषय पर हुआ सत्र, वक्ता बोले- शिक्षा से आएगा आर्थिक विकास में बदलाव

Lucknow University: अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम के ‘2047 में भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) के भविष्य’ विषय पर सत्र आयोजित किया गया। जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह, मुंबई विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवींद्र डी. कुलकर्णी और आईआईआईटी लखनऊ के निदेशक डॉ. अरूण मोहन शेरी मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे।

Report :  Abhishek Mishra
Update: 2024-02-17 17:26 GMT

'2047 में संस्थानों के भविष्य' विषय पर हुआ सत्र, वक्ता बोले- शिक्षा से आएगा आर्थिक विकास में बदलाव: Photo- Social Media

Lucknow University: अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम के ‘2047 में भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) के भविष्य’ विषय पर सत्र आयोजित किया गया। जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह, मुंबई विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवींद्र डी. कुलकर्णी और आईआईआईटी लखनऊ के निदेशक डॉ. अरूण मोहन शेरी मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे।

शिक्षा से आएगा आर्थिक विकास में बदलाव

अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम में दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने एनईपी 2020 की मौलिकता, नवीनता और उद्यमिता के बारे में बताया। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि भारत में एप्पल जैसी 100 कंपनियां बनाने का लक्ष्य है। प्रो. सिंह ने कहा कि शिक्षा के जरिए ही आर्थिक विकास में बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सेवा आधारित अर्थव्यवस्था में बदलाव हो। 2047 तक उच्च शिक्षा अधिनियम के विकास का प्रस्ताव रखा।

पंचामृत योजना से स्थिरता आएगी

इस सत्र में मुंबई विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवींद्र डी. कुलकर्णी ने कहा कि पंचामृत कार्य योजना के जरिए स्थिरता और छात्र उद्यमियों के लिए अंतराल वर्ष जैसे उपायों पर ध्यान देना चाहिए। सत्र का समापन शिक्षा में खेल पर ध्यान केंद्रित करने, एनईपी के साथ तालमेल बिठाने, पाठ्यक्रम में खेल को शामिल करने, खेल-विशेष उच्च शिक्षा और खेल प्रशिक्षण में आईसीटी उपकरणों पर जोर देने के साथ हुआ।

ज्ञान निर्माण एचईआई की अहम जिम्मेदारी

संस्थागत नेतृत्व समागम में आईआईआईटी लखनऊ के निदेशक डॉ. अरुण मोहन शेरी ने कहा कि एचईआई की मुख्य जिम्मेदारी ज्ञान निर्माण, प्रसार और प्रमाणन है। उन्होंने अनुसंधान पहल बढ़ाने, छात्र-संकाय अनुपात में सुधार और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों पर एनईपी 2020 के प्रभाव को सराहा। सत्र की अध्यक्षता आरजीपीवी के कुलपति प्रो. सुनील और संचालन वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर मुन्ना सिंह ने किया।

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