Lucknow: टीबी रोगी खोजो अभियान के लिए कर्मचारियों की कमी, दूसरी विधा के डॉक्टर बने हैं जिला रोग अधिकारी

Lucknow News: जानकारी के मुताबिक टीबी विभाग में कर्मचारियों के 19% पद खाली हैं। इनमें डीपीटीसी के दो पद 2015 से खाली हैं।

Report :  Abhishek Mishra
Update: 2024-09-11 05:00 GMT

Lucknow News: देश को टीबी रोग से मुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2025 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके मद्देनजर भारत में टीबी रोगियों को खोजने के लिए हर साल अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन राजधानी के टीबी विभाग में इस अभियान को पूरा करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों की काफी कमी है। जानकारी के मुताबिक लखनऊ सहित प्रदेश के कई अन्य जिलों में जिला क्षय रोग अधिकारी के पद पर दूसरी विधा के डॉक्टर हैं। विभाग में 19 प्रतिशत कर्मचारियों की कमी है। 

455 टीमें कर रही रोगियों की तलाश
 

 इस प्ताह से लखनऊ में घर-घर टीबी रोगियों को खोजने के लिए अभियान शुरू किया गया है। अभियान के तहत 20 सितंबर तक टीबी विभाग की टीमें हर घर में जाकर रोगियों की तलाश करेंगी। राजधानी में अभियान के लिए 455 टीमें गठित हुई हैं। इसके अलावा अभियान को सफल बनाने के लिए 91 सुपरवाइजर लगाए गए हैं। हर टीम में दो स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं। जानकारी के मुताबिक टीबी विभाग में कर्मचारियों के 19% पद खाली हैं। इनमें डीपीटीसी के दो पद 2015 से खाली हैं।

ये पद खाली हैं

स्टेटिकल असिस्टेंट का एक पद वर्ष 2017 से रिक्त है। एसटीएस के पांच, एसटीएलएस के दो, टीबीएचवी व एलटी एंड एलटी (सीबीनैट) के छह-छह पद, एलटी मेडिकल कॉलेज के चार पद वर्ष 2020 से खाली हैं। आरटीपीएमयू कंसल्टेंट, एसएमओ एनडीआरसी का एक-एक पद खाली पड़ा है। टीबी विभाग में 158 पद स्वीकृत हैं, जिनमें 30 खाली हैं।

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