Lucknow University: सोशल वर्क के छात्र अब पढ़ेंगे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बीए के चतुर्थ सेमेस्टर में 30 सीटें की गई तय

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय में अगामी सत्र के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया गया है। अब समाज कार्य विभाग के छात्र-छात्राएं एआई के बारे में पढ़ सकेंगे। विभाग की ओर से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए कुल 30 सीटों तय की गयी हैं।

Newstrack :  Network
Update: 2024-01-20 15:53 GMT

सोशल वर्क के छात्र अब पढ़ेंगे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बीए के चतुर्थ सेमेस्टर में 30 सीटें की गई तय: Photo- Social Media

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय में अगामी सत्र के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया गया है। अब समाज कार्य विभाग के छात्र-छात्राएं एआई के बारे में पढ़ सकेंगे। विभाग की ओर से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए कुल 30 सीटों तय की गयी हैं।

छात्र वोकेशनल कोर्स के रूप में पढ़ेंगे एआई

स्नातक पाठ्यक्रम के चतुर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थी अगले सत्र से वोकेशनल कोर्स के रूप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई कर सकेंगे। इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय का शीर्षक ‘इंट्रोडकशन टू आर्टिफिशल इंटेलिजेंस’ होगा।

एआई की संभावनाओं के बारे में जानेंगे छात्र

इंट्रोडकशन टू आर्टिफिशल इंटेलिजेंस में चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र-छात्राएं एआई के इतिहास, 5जी नेटवर्क, एआई पर आधारित प्रॉजेक्ट्स के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे। इसके साथ ही विद्यार्थी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के मौलिक प्रारूप और समाज पर उसके प्रभाव के बारे में भी जान पाएंगे। भविष्य में एआई की संभावनाएं और चुनौतियां पर भी इस विषय के माध्यम से अध्ययन किया जा सकेगा।

इंटेल कंपनी देगी शिक्षकों को ट्रेनिंग

इस विषय के लिए विश्व की सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर कंपनी इंटेल शिक्षकों को ट्रेनिंग देगी। समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अनूप कुमार भारतीय ने बताया कि विश्व की सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर कंपनी इंटेल की मदद से शिक्षकों को एआई के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद ही शिक्षक विद्यार्थियों को एआई के बारे में बताने के लिए तैयार हो सकेंगे।

एआई से विश्व का नेतृत्व करेगा भारत

समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अनूप कुमार भारतीय ने कहा कि एआई के जरिए भारत जल्द ही विश्व का नेतृत्व करेगा। उन्होंने कहा कि देश के पूर्व वित्तमंत्री स्व. अरुण जेटली ने वर्ष 2018-19 के बजट में ही कहा था कि नीति आयोग जल्दी ही राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि अब हम उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में इसे शामिल कर युवाओं को इसकी आधिकारिक जानकारी देकर उन्हें हुनरमंद बनाएंगे।

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