Sri Lal Shukla Janmashati Utsav: नजाकत-नफासत और तहजीब के शहर में उमड़ा साहित्य प्रेमियों का हुजूम, मनोज सिन्हा ने किया उद्घाटन

Sri Lal Shukla Janmashati Utsav: अभिनेता पंकज त्रिपाठी और उभरते कलाकार अशोक पाठक ने श्रीलाल शुक्ल की प्रसिद्ध कृति ‘राग दरबारी’ के अंशों का सजीव पाठ किया, जो दर्शकों के बीच मंत्रमुग्ध कर देने वाला अनुभव बना।;

Update:2025-03-20 17:31 IST

अभिनेता पंकज त्रिपाठी और अशोक पाठक- श्रीलाल शुक्ल की प्रसिद्ध कृति ‘राग दरबारी’ के अंशों का पाठ करते हुए (Photo- Ashutosh Tripathi- Newstrack)

Lucknow News: गोमती नगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के जुपिटर प्रेक्षागृह में आज सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल की जन्मशती के उपलक्ष्य में एक भव्य उत्सव का आयोजन किया गया। साहित्य और कला से जुड़ी दिग्गज हस्तियों की उपस्थिति से इस कार्यक्रम की आभा देखते ही बन रही थी। इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) के भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में साहित्य, कला और संस्कृति जगत के अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने श्रीलाल शुक्ल के व्यक्तित और कृतित्व से जुड़े अपने उद्गार साझा किए।

Photo- Ashutosh Tripathi- Newstrack

उद्घाटन सत्र:

कार्यक्रम का शुभारंभ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने किया। उन्होंने चित्र और पुस्तक प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए कहा, "श्रीलाल शुक्ल का साहित्य समाज की सच्चाई को उजागर करता है। उनकी कृतियाँ आज भी हमारे बीच प्रासंगिक हैं, जो हमें समाज की वास्तविकताओं से परिचित कराती हैं।"

इस सत्र में प्रसिद्ध अभिनेता पंकज त्रिपाठी और अशोक पाठक ने 'राग दरबारी' के अंशों का पाठ किया, जिससे दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। उनकी प्रस्तुति ने श्रीलाल शुक्ल की कृतियों के पात्रों को जीवंत कर दिया।

इस विशेष मौके पर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर, इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी और प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी समेत कई सम्मानित लोग मौजूद रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने चित्र और पुस्तक प्रदर्शनी के उद्घाटन करने से हुई। इसके बाद अभिनेता पंकज त्रिपाठी और उभरते कलाकार अशोक पाठक ने श्रीलाल शुक्ल की प्रसिद्ध कृति ‘राग दरबारी’ के अंशों का सजीव पाठ किया, जो दर्शकों के बीच मंत्रमुग्ध कर देने वाला अनुभव बना।

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'श्रीलाल शुक्ल: कुछ रंग, कुछ राग' सत्र:

इस सत्र में वरिष्ठ लेखक यतीन्द्र मिश्र ने श्रीलाल शुक्ल की रचना यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा, "उनकी लेखनी में समाज की जटिलताओं को सरलता से प्रस्तुत करने की क्षमता थी, जो पाठकों को सोचने पर मजबूर करती थी।"

वरिष्ठ लेखक महेंद्र भीष्म ने श्रीलाल शुक्ल की साहित्यिक यात्रा को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने श्रीलाल शुक्ल की रचनाओं की प्रासंगिकता और उनके समाज पर प्रभाव पर चर्चा की। मनोज सिन्हा ने श्रीलाल शुक्ल के लेखन की समाज पर प्रभावशाली छाप को सराहा।

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'राग दरबारी: कल, आज और कल' सत्र:

इस सत्र की अध्यक्षता इफको के अध्यक्ष दिलीप संघाणी ने की। किस्सागो हिमांशु वाजपेई, साहित्यकार डॉ. जय प्रकाश कर्दम और संपादक आशुतोष शुक्ल ने 'राग दरबारी' की आधुनिक संदर्भ में प्रासंगिकता पर विचार साझा किए। दिलीप संघाणी ने कहा, "श्रीलाल शुक्ल की कृतियां समय की सीमाओं को पार करती हैं, और उनकी व्यंग्यात्मक दृष्टि आज भी हमें समाज की वास्तविकताओं से अवगत कराती है।"

श्रीलाल शुक्ल पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन

चौथे सत्र में कवि-फिल्मकार देवी प्रसाद मिश्र द्वारा निर्मित श्रीलाल शुक्ल के जीवन और कर्म पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया, जिसने दर्शकों को उनकी जीवन यात्रा से रूबरू कराया। इसके बाद ‘स्मृतियों के आईने में श्रीलाल शुक्ल’ सत्र में साहित्यकारों ने उनकी रचनाओं पर अपने विचार साझा किए।

'स्मृतियों के आईने में श्रीलाल शुक्ल' सत्र:

इस सत्र में वरिष्ठ कवि नरेश सक्सेना, लेखक-अनुवादक वंदना मिश्रा, लेखक-संपादक अखिलेश, कथाकार शिवमूर्ति, रेडियो प्रोड्यूसर अनामिका श्रीवास्तव और युवा लेखक उत्कर्ष शुक्ल ने अपने अनुभव साझा किए। नरेश सक्सेना ने कहा, "श्रीलाल शुक्ल की लेखनी में एक विशेष प्रकार की गहराई थी, जो पाठकों को आकर्षित करती थी। उनकी कहानियां समाज की सच्चाई को बिना किसी लाग-लपेट के प्रस्तुत करती थीं।"

वंदना मिश्रा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, "उनकी रचनाओं में हास्य और व्यंग्य का अनूठा मिश्रण था, जो समाज की खामियों को उजागर करता था। उनकी लेखनी ने हमें सोचने और समझने की नई दृष्टि दी।"

साहित्यकार अखिलेश ने कहा, "श्रीलाल शुक्ल का साहित्य हमारे समाज का आईना है। उनकी कहानियाँ और उपन्यास हमें हमारे आसपास की दुनिया से परिचित कराते हैं और सोचने पर मजबूर करते हैं।"

नाट्य प्रस्तुति:

समापन सत्र में दर्पण नाट्य मंच के कलाकारों ने 'राग दरबारी' पर आधारित नाटक 'कहानी शिवपाल गंज की' का मंचन किया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने सभी कलाकारों का मंच पर सम्मान किया।

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समापन और धन्यवाद ज्ञापन

कार्यक्रम के समापन पर इफको के मुख्य प्रबंधक डॉ. नलिन विकास ने सभी अतिथियों, साहित्य प्रेमियों और दर्शकों का धन्यवाद ज्ञापन किया। इस महोत्सव ने श्रीलाल शुक्ल की साहित्यिक विरासत को और सशक्त किया और साहित्य प्रेमियों के दिलों में एक नई ऊर्जा का संचार किया।

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