Lucknow University: B.Ped छात्राओं के बेहोश होने पर प्रदर्शन, छात्रों ने लगाए कई आरोप, जानें पूरा मामला
Lucknow University: बीपीएड के छात्रों ने बताया कि मैदान और स्टोर रूम की सफाई करने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है। सुबह पांच बजे से छात्रों की कक्षा शुरु होती है। इसके बाद शाम छह बजे तक छात्रों को क्लास के लिए रुकना पड़ता है। विद्यार्थियों ने बताया कि सुबह 5:30 बजे से सात बजे तक फिजिकल एजुकेशन की क्लास होती है।
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय में मंगलवार को सुबह से लेकर शाम तक बीपीएड छात्रों और शिक्षकों के बीच खींचतान चलती रही। सुबह धूप से बेहोश हुई छात्राओं को उपचार के लिए एलयू के आरोग्य भवन ले जाया गया। इसके बाद भी छात्र विभागाध्यक्ष को बुलाने पर अड़े रहे।
क्या था पूरा मामला
एलयू में बीपीएड दूसरे सेमेस्टर के छात्र सुबह 5:30 बजे की कक्षा के लिए जुटे थे। छात्रों के मुताबिक कक्षा के बाद शिक्षक मो. तारिक ने कहा कि वह प्रैक्टिकल लेंगे। इसमें छात्रों को 100 मीटर स्प्रिंट रेस लगाने को कहा गया। विद्यार्थी सुबह से बिना कुछ खाए पिए मैदान में भागते रहे। उन्हें सिर्फ मट्ठा पीने के लिए दिया गया। थकान से छात्र बेहाल थे। इस बीच दो छात्राएं बेहोश हो गईं। उन्हें आरोग्य भवन ले जाया गया।
नाराज छात्रों ने जमकर किया प्रदर्शन
छात्रों को बेहोश देखकर कुछ विद्यार्थी घबरा गए। कुछ रोने लगे। इस घटना से कुछ छात्र नाराज हो गए। जिसके बाद छात्रों ने प्रदर्शन करना शुरु कर दिया। इस बीच परिसर में जा रही डीएसडब्ल्यू प्रो. संगीता साहू की गाड़ी को विद्यार्थियों ने रोक लिया। उन्हें अपनी सारी समस्या बताई। छात्रों ने उन्हें प्रार्थना पत्र सौंपा। घटना की जानकारी मिलने पर विभागाध्यक्ष रुपेश कुमार प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मिलने पहुंचे। उन्होंने विद्यार्थियों की समस्या सुनकर उसका समाधान करने का आश्वासन दिया।
छात्रों से कराई जाती है मैदान की सफाई
बीपीएड के छात्रों ने बताया कि मैदान और स्टोर रूम की सफाई करने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है। सुबह पांच बजे से छात्रों की कक्षा शुरु होती है। इसके बाद शाम छह बजे तक छात्रों को क्लास के लिए रुकना पड़ता है। विद्यार्थियों ने बताया कि सुबह 5:30 बजे से सात बजे तक फिजिकल एजुकेशन की क्लास होती है। इसके बाद सुबह 11 से दोपहर एक बजे तक थ्योरी क्लास होती। शाम चार से छह बजे तक फिर प्रैक्टिकल क्लास कराई जाती है। लेकिन सात बजे से पहले नहीं छोड़ा जाता है। छात्र-छात्राओं ने आरोप लगाया कि स्टोर रूम के साथ सारे उपकरणों और ग्राउंड की सफाई भी करवाई जाती है। किसी खेल एक्टिविटी के पहले चूना डालने की जिम्मेदारी भी छात्रों पर होती है।
छात्राओं को दी गई दवा
लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि बीपीएड छात्रों के प्रैक्टिकल के दौरान दूसरे सेमेस्टर की दो छात्राओं को चक्कर आ गया। उन्हें तुरंत एम्बुलेंस से एलयू की डिस्पेंसरी ले जाया गया। छात्राओं को ग्लूकोज और दवा दी गई। इसके बाद छात्राएं ठीक हो गईं।