Lucknow: पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह बोले- प्रदेश के हर जिले में संभावनाएं, इको टूरिज्म उन्हें बढ़ाएगा
Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, इको बोर्ड के गठन के बाद से कितना काम हुआ, आगे क्या होना है इसे लेकर संवाद होते रहना चाहिए। धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने नए कीर्तिमान स्थापित किए।
Lucknow News: उत्तर प्रदेश में ईको टूरिज्म पर आधारित “संवाद” कार्यक्रम का आयोजन गोमती नगर स्थित इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान के मरक्यूरी हॉल में हुआ। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, डॉ. अरुण कुमार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) वन और पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उ.प्र. और राज्य मंत्री कृष्णपाल मलिक, आयुष विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र ''दयालु'' की गरिमामय उपस्थिति रही। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र सहित अन्य गणमान्य लोगों की भी मंच पर उपस्थिति रही।
उदघाटन सत्र को उ.प्र. ईको टूरिज्म विकास बोर्ड/महानिदेशक पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम ने संबोधित किया। कार्यक्रम में इको पर्यटन के प्रतिभागियों और स्टेकहोल्डर्स के साथ विभिन्न राज्यों के जाने-माने वक्ता और विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए। ईको पर्यटन की संभावनाओं पर गहन मंथन हुआ। गंगा नदी बेसिन में ईको टूरिज्म के विकास हेतु उ.प्र. ईको टूरिज्म विकास बोर्ड एवं WII-NMCG सहित अन्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। उप्र ईको टूरिज्म विकास बोर्ड की ओर से प्रखर मिश्रा ने एमओयू साइन किए। अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मनोज मिश्र ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संवाद कार्यक्रम में इको टूरिज्म विकास बोर्ड के लोगो का अनावरण किया। समापन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने इको टूरिज्म के भविष्य और संभावनाओं पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा, इको बोर्ड के गठन के बाद से कितना काम हुआ, आगे क्या होना है इसे लेकर संवाद होते रहना चाहिए। धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने नए कीर्तिमान स्थापित किए। वर्ष 2023 में 48 करोड़ पर्यटकों ने उत्तर प्रदेश का भ्रमण कर सबका ध्यान खींचा। राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में प्रतिदिन डेढ़ से दो लाख पर्यटक/श्रद्धालुओं का प्रदेश में आना हो रहा है। यह शुभ संकेत है।
मुख्यमंत्री बोले, 'प्रदेश में बौद्ध तीर्थ स्थलों, जैन तीर्थ क्षेत्रों, सूफी तीर्थ से जुड़े कई धार्मिक स्थल हैं। यहां बड़ी संख्या में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। इन स्थलों से भविष्य को लेकर अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, फासिल्स पार्क जीव सृष्टि को प्रदर्शित करता है। यहां पौराणिक काल के वन हैं। भारत-नेपाल सीमा के पास ऐसे वन संरक्षित हैं। बहराइच, श्रावस्ती इसका जीता-जागता उदाहरण हैं।'
सीएम योगी ने कहा कि 'उत्तर प्रदेश में स्पिरिचुअल टूरिज्म की ही तरह इको टूरिज्म की संभावनाएं भी उतनी हैं। इको टूरिज्म बोर्ड के गठन से हमें जो उम्मीदें थी, उस पर आगे कार्य करना है। उन्होंने हाल की प्रचंड गर्मी का उदाहरण देते हुए जलवायु परिवर्तन को लेकर सचेत किया। बोले, हमारी प्रकृति के दोहन की प्रवृति ने संकट खड़ा किया है। मुख्यमंत्री ने लखनऊ के कुकरैल में नाइट सफारी, कुकरैल नदी को पुनर्जीवित करने तथा नदी के पास से चार दशक पुराने अवैध कब्जे को हटाकर जल श्रोत को पूर्व स्थिति में लाने के वादे को दोहराया। उन्होंने कहा, हम अगली पीढ़ी के लिए उपहार के लिए अभिनव प्रयास कर रहे हैं।'
इससे पहले, उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का स्वागत किया। पर्यटन मंत्री ने संबोधन में कहा, आज सुबह से विभिन्न सत्रों में इको टूरिज्म पर महामंथन हुआ। मुख्यमंत्री द्वारा इको टूरिज्म बोर्ड के गठन के फैसले का आज लाभ मिल रहा है। इस बोर्ड के अधीन पर्यटन, वन, आयुष सहित अन्य विभागों का सहयोग मिल रहा है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के कुप्रभावों से बचने के लिए मानव गतिविधियों में संतुलन बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने वन, आयुष सहित अन्य विभागों से सहयोग और समन्वय स्थापित कर इको टूरिज्म को और आगे ले जाने के प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा, इको टूरिज्म को ग्रामीण पर्यटन से जोड़कर स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। प्रचार-प्रसार के जरिए पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के प्रयास सफल रहे हैं। उन्होंने कहा, प्रदेश के हर जिले में अलग-अलग संभावनाएं हैं। इको टूरिज्म उन्हीं संभावनाओं को आगे बढ़ाएगा। व्यापक पैमाने पर लोगों को जागरूक कर ग्रामीण पर्यटन, होम स्टे आदि के माध्यम से इसे व्यापक रूप दिया जा सकता है। ग्रामीण पर्यटन को विकसित कर स्थानीय लोगों को भी विकास की मुख्यधारा में लाया जा सकता है। सरकार अलग-अलग क्षेत्र के लोगों से भी इको टूरिज्म के लिए सुझाव लेगी।
इसी कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में सरकार के मंत्री डॉ.अरुण कुमार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) वन और पर्यावरण, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन ने कहा, उत्तर प्रदेश में प्रचुर वन संपदा है। इको टूरिज्म के विकास के लिए ये शुभ संकेत है। प्रकृति के हम जितने करीब रहेंगे, उतने स्वस्थ रहेंगे। वन जीवन प्रदान करता है। पर्यटकों को भी चाहिए कि वन की ओर चलें। उन्होंने कहा, प्रदेश में कई वाटर फॉल्स हैं, टाइगर रिजर्व हैं, पक्षी विहार है। यहां आने वालों को इको टूरिज्म का लाभ मिले। हमारा विभाग इस प्रयास में साथ है। एक पर्यटक प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से छह लोगों को रोजगार देता है।
संवाद कार्यक्रम में आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा, उत्तर प्रदेश भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण की नगरी है। प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। इको टूरिज्म की दिशा में सराहनीय कार्य हो रहे हैं। आज हम गर्व से कह सकते हैं कि बदली स्थिति में हमारे राज्य में जितने पर्यटक आ रहे हैं, वह रिकॉर्ड स्तर पर जा रहा है। पर्यटन का विकास राज्य सरकार की वन ट्रिलियन इकॉनमी के सपने को साकार करने में मदद करेगा। काशी, मथुरा, अयोध्या जैसे धार्मिक स्थलों के साथ मीरजापुर, सोनभद्र आदि में ऐसे स्थल हैं जो पर्यटकों को खासा आकर्षित कर रहा है। आयुष, वन, पर्यटन सहित कई विभाग एक साथ मिलकर आगे बढ़ रहे हैं, ये सकारात्मक प्रयास है। प्रदेश में कई आध्यात्मिक सर्किट भी हैं जो बेहतर परिणाम लेकर आएंगे। आज हुए अलग-अलग समझौतों से भी परिणाम आएंगे। वर्तमान समय में लोग गोवा की जगह उत्तर प्रदेश का रुख कर रहे हैं।
संवाद कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में उ.प्र. ईको टूरिज्म विकास बोर्ड/महानिदेशक पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा, मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में इको टूरिज्म बोर्ड का गठन हुआ था। एक बोर्ड के तले कई विभाग मिलकर काम कर रहे हैं, जिसका सकारात्मक परिणाम अपेक्षित है। उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि ने नई उम्मीद जगाई है। उन्होंने कहा, कोरोना के बाद लोगों में प्रकृति से जुड़ने की इच्छा बढ़ी है। प्रकृति से जुड़ाव लोगों को जीवंत रखता है, जापान इसका उदाहरण है। वहां पहाड़, जंगल, सरोवर के करीब लोग जाना पसंद करते हैं। मुकेश मेश्राम ने कहा, एडवेंचर टूरिज्म, वाटर स्पोर्ट्स जैसे क्रियाकलापों से इको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित 'संवाद' कार्यक्रम में विभिन्न लोक कलाकारों ने नृत्य प्रस्तुति से मेहमानों का मन मोहा। पर्यटन प्रदर्शनी भी कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रही।