Lucknow News: BBAU में हुआ वृक्षारोपण कार्यक्रम, शिक्षकों और विद्यार्थियों ने लगाए पौधे
BBAU: शिक्षकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों के साथ मिलकर गौतम बुद्ध केंद्रीय पुस्तकालय के बाहर विभिन्न पौधे लगाये।
Plantation Drive in BBAU: बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। 'एक वृक्ष- एक छात्र' एवं 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान के तहत यहां शिक्षकों और विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए।
एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत लगाए पौधे
बीबीएयू में बागवानी एवं सौंदर्यीकरण अनुभाग और सूचना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विद्यापीठ की ओर से शनिवार को वृक्षारोपण कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम के दौरान सूचना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विद्यापीठ के संकायाध्यक्ष प्रो. एम. पी. सिंह ने विभिन्न शिक्षकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों के साथ मिलकर गौतम बुद्ध केंद्रीय पुस्तकालय के बाहर विभिन्न पौधे लगाये। कार्यक्रम के दौरान पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. के. एल. महावर, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. धीरेन्द्र पाण्डेय, प्रो. शिल्पी वर्मा, प्रो. शूरा दारापुरी, प्रो. शरद सोनकर, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. राजश्री, डॉ. अमित कुमार सिंह, उद्यान निरीक्षक डॉ. समीर कुमार दीक्षित, विभिन्न शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।
वृक्षारोपण से प्रकृति से जुड़ सकते हैं
अंबेडकर विवि में 'एक वृक्ष- एक छात्र' एवं 'एक पेड़ माँ के नाम' कार्यक्रम के तहत बागवानी एवं सौंदर्यीकरण अनुभाग एवं अंबेडकर स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज की ओर से भी वृक्षारोपण किया गया। प्रो. मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि वृक्षारोपण के माध्यम से आप स्वयं को प्रकृति से जोड़ने का कार्य कर सकते हैं। मानव जीवन सदैव ही वृक्षों से जुडा़ रहा है, क्योंकि हम अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए पेड़- पौधों पर ही निर्भर हैं। प्रो. दीपा एच द्विवेदी ने कहा कि भारत में विभिन्न तरह की जैव विविधतायें देखने को मिलती है, इसीलिए भारत जैव विविधता के क्षेत्र में समृद्ध देश है। परंतु दूसरी ओर मानवीय क्रियाकलापों एवं वृक्षों को काटने से पर्यावरण का क्षरण हो रहा है, जो कि एक गंभीर विषय है। समस्त कार्यक्रम के दौरान प्रो. जया श्रीवास्तव, प्रो. बी. सी. यादव, प्रो. नवीन कुमार अरोरा, प्रो. शूरा दारापुरी, डॉ. समीर कुमार दीक्षित, डॉ. ओ. पी. बी. शुक्ला, डॉ. राजश्री, डॉ. प्रणब कुमार आनंद, डॉ. रेनू पाण्डेय , अन्य शिक्षकगण, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।