Lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय 2025 में भारतीय गणितीय सोसायटी के 91वें वार्षिक सम्मेलन की करेगा मेजबानी

Lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय के गणित विभाग को भारतीय गणितीय सोसायटी के प्रतिष्ठित 91वें वार्षिक सम्मेलन की मेज़बानी के लिए चुना गया है। यह विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।;

Report :  Virat Sharma
Update:2025-01-19 19:13 IST

Lucknow University: Image Credit- Social Media

Lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय के गणित विभाग को भारतीय गणितीय सोसायटी के प्रतिष्ठित 91वें वार्षिक सम्मेलन की मेज़बानी के लिए चुना गया है। यह विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। जिसे लेकर वैज्ञानिक समुदाय में हर्ष की लहर है। यह सम्मेलन दिसंबर 2025 में आयोजित होगा, जिसका आयोजन स्थानीय स्तर पर गणित विभाग के प्रमुख प्रोफेसर विवेक सहाय करेंगे।

वहीं हाल में ही लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार राय के नेतृत्व में ताजिकिस्तान गए प्रतिनिधि मंडल ने ताजिकिस्तान के दो प्रमुख चिकित्सा विश्वविद्यालयों, इब्न ए सीना स्टेट मेडिकल युनिवर्सिटी दुशांबे और मेडिकल युनिवर्सिटी खफलन के साथ एक महत्वपूर्ण सहयोग ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। इसको लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार राय ने कहा था कि यह समझौता लखनऊ विश्वविद्यालय और ताजिकिस्तान के मेडिकल विश्वविद्यालयों के बीच एक नए युग की शुरुआत करेगा। हम दोनों विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जिससे वैश्विक शिक्षा को एक नया दिशा मिले।

सम्मेलन की घोषणा और प्रमुख जानकारी

आईएमएस के महासचिव, डॉ. एमएम शिकारे ने इस फैसले की घोषणा पुणे स्थित एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी में आयोजित परिषद की बैठक में की। सम्मेलन के आयोजन की तारीखों और शेड्यूल पर अंतिम निर्णय लेने के लिए अकादमिक योजना समिति (APC) की बैठक मई-जून 2025 में लखनऊ विश्वविद्यालय में होगी।

आईएमएस की भूमिका और महत्व

भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी वैज्ञानिक सोसायटी के रूप में IMS में 6,500 से अधिक गणितज्ञ, शोधकर्ता और विद्वान सदस्य हैं। यह सम्मेलन गणित के क्षेत्र में महत्वपूर्ण चर्चाओं और प्रगति का केंद्र होगा, और दुनियाभर के गणितज्ञों के लिए एक अद्वितीय मंच प्रदान करेगा।

लखनऊ विश्वविद्यालय की अकादमिक उत्कृष्टता

आईएमएस ने लखनऊ विश्वविद्यालय के उत्कृष्ट बुनियादी ढांचे और अकादमिक प्रतिष्ठा को इस निर्णय का प्रमुख कारण बताया। इस सम्मेलन के आयोजन से विश्वविद्यालय की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को और भी मजबूती मिलेगी, और यह वैज्ञानिक समुदाय में लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगा। 

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