AKTU: संबद्ध कॉलेज शुरु करें इंक्यूबेशन सेंटर, डेढ़ करोड़ रूपए की सहायता करेगा विश्वविद्यालय

AKTU: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त कॉलेज यदि अपने कॉलेज परिसर में इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना करेंगे तो विश्वविद्यालय उन संस्थानों को डेढ़ करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता देगा। इस विषय में विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने 67 संस्थानों के लिए सर्कुलर जारी किया है।

Newstrack :  Network
Update:2024-01-15 21:55 IST

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय: Photo- Social Media

AKTU: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त कॉलेज यदि अपने कॉलेज परिसर में इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना करेंगे तो विश्वविद्यालय उन संस्थानों को डेढ़ करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता देगा। इस विषय में विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने 67 संस्थानों के लिए सर्कुलर जारी किया है।

एकेटीयू अपने संबद्ध कॉलेजों को सेक्शन 8 कंपनी और इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए तैयारी में है। स्टार्टअप व इनोवेशन के लिए सभी संबद्ध संस्थानों में यह इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित हो रहे। जिससे इनोवेशन और स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जा सकेगा। इसके लिए लगातार कार्यशालाएं होंगी।

इसी क्रम में मंगलवार को भी कार्यशाला आयोजित की जाएगी। विश्वविद्यालय की कुलसचिव रीना सिंह ने कहा कि सभी संस्थान अपने संस्थानों में प्रदेश सरकार की स्टार्टअप नीति-2020 के तहत सेक्शन 8 कंपनी और इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना करें। जिससे संस्थान स्टार्टअप नीति के तहत वित्तीय मदद का लाभ उठा सकें। कार्यशाला में जुड़ने के लिए गूगल फॉर्म जारी कर दिया गया है। सभी संस्थान फॉर्म भरकर कार्यशाला से जुड़ सकते हैं।

इंक्यूबेशन सेंटर्स के लिए डेढ़ करोड़ की सहायता देगा एकेटीयू

स्टार्टअप नीति-2020 के अनुसार इंक्यूबेशन सेंटर्स को कैपिटल ग्रांट के रूप में एक करोड़ रुपये दिया जाएगा। बुंदेलखंड व पूर्वांचल क्षेत्र के लिए राशि 1.25 करोड़ रुपये तय की गई है। ऑपरेटिंग ग्रांट के तौर पर डेढ़ करोड़ रुपये देने का प्रावधान रखा गया है। यह राशि पांच वर्षों में 30-30 लाख रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से दी जाएगी।

इंक्यूबेशन सेंटर के लिए जरुरी मानक

इंक्यूबेशन सेंटर का सेक्शन 8 कंपनी के रूप में पंजीकरण होना जरुरी है। संस्थानों के लिए 10 हजार वर्ग फीट का स्थान होना चाहिए। सेंटर में एक इंक्यूबेशन मैनेजर व दो सपोर्टिंग स्टॉफ हो। प्रति सीट कम से कम 100 वर्ग फीट का को-वर्किंग स्पेस होना आवश्यक है। कम से कम 10 को-वर्किंग ऑफिस, मीटिंग, कांफ्रेंस रूम और रिफ्रेशमेंट जोन।

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