Drivers Strike: चालकों की हड़ताल से यूपी की यातायात व्यवस्था ठप, परिवहन आयुक्त ने मंडलायुक्त-डीएम को लिखा पत्र

Drivers Strike: परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह ने प्रदेश के सभी मंडलायुक्त, जिलाधिकारी को पत्र लिखकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का संचालन सुचारु रूप से चलाने के लिए अपील की है।

Update: 2024-01-02 06:03 GMT

परिवहन आयुक्त ने मंडलायुक्त-डीएम को लिखा पत्र (सोशल मीडिया)

Lucknow News: नए साल के पहले दिन राजधानी लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में सड़क दुर्घटना कानून के विरोध में बस चालक हड़ताल कर रहे हैं। हड़ताल के चलते पूरे प्रदेश में यातायात व्यवस्था ठप हो गई है। नए साल पर यूपी में 4652 बसों में से महज 852 बसों का संचालन हुआ। बस चालकों के हड़ताल के चलते यात्रियों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं इस संबंध में परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह ने प्रदेश के सभी मंडलायुक्त, जिलाधिकारी को पत्र लिखकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का संचालन सुचारु रूप से चलाने के लिए अपील की है।

परिवहन आयुक्त ने पत्र जारी करते हुए कहा कि रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक और सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक बस यूनियनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें समझाएं और बसों का संचालक शुरू करायें। जिससे यात्रियों को आवागमन में कठिनाईयों का सामना न करना पड़े। परिवहन आयुक्त ने पत्र में कहा है कि सड़क दुर्घटना कानून के प्राविधान अभी लागू नहीं हुए हैं। कानून के लागू होने के पश्चात ही इसका स्वरूप परिभाषित किया जा सकता है ऐसे में संचालन प्रभावित होने से यात्रियों को आवागमन में दिक्कत हो रही है।

क्या है हिट एंड रन कानून

अगर सड़क पर किसी भी गाड़ी की टक्कर के बाद ड्राइवर घटनास्थल से फरार हो जाता है तो ऐसे मामलों को ’हिट एंड रन’ केस माना जाता है। सड़क हादसों पर नियंत्रण करने के लिए केंद्र सरकार ’हिट एंड रन’ कानून में बदलाव करने जा रही है। इसी संशोधन के विरोध में ड्राइवर सड़कों पर उतर गये हैं। दरअसल, इंडियन पीनल कोड, 2023 में हुए संशोधन के बाद सड़क हादसे होने के बाद ड्राइवर को 10 साल की सजा और 7 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। नए कानून के नियम निजी वाहन चालकों पर भी समान रूप से लागू होंगे।

आखिर क्यों सख्त किया गया कानून?

आंकड़ों के मुताबिक हर साल हिट एंड रन के मामलों में 50 हजार लोग काल के गाल में समा जाते हैं। इसलिए सरकार ने हादसों पर नियंत्रण करने के लिए कानून में संषोधन किया है। इस कानून का विरोध कर रहे ड्राइवरों का कहना है कि हादसे के बाद अगर वह भागते हैं तो उन्हें नए कानून के तहत सख्त सजा काटनी होगी और यदि वह मौके पर रुकते हैं तो वहां मौजूद भीड़ उन पर हमला कर सकती है। अक्सर सड़क हादसों के बाद मौके पर मौजूद भीड़ उग्र हो जाती है और ड्राइवर पर हमला कर देती है। भीड़ सिर्फ पिटाई तक नहीं रुकती और कभी-कभी मामला मॉब लिंचिंग का रूप ले लेता है।

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