UP: यूपी में शिक्षकों के बाद अब बेसिक शिक्षा अधिकारियों के तबादले भी मेरिट पर होंगे, योगी सरकार का बड़ा निर्णय

UP: राज्य में अब शिक्षकों की तरह बेसिक शिक्षा अधिकारियों के ट्रांसफर भी मेरिट के आधार पर ही होंगे। खण्ड शिक्षा अधिकारियों व बेसिक शिक्षा अधिकारियों के तबादले से संबंधित सभी सूचनाएं मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट होंगी।

Update:2023-05-26 18:14 IST
बेसिक शिक्षा अधिकारियों के तबादले भी मेरिट पर होंगे (फोटो: सोशल मीडिया)

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग में तबादलों को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया है। राज्य में अब शिक्षकों की तरह बेसिक शिक्षा अधिकारियों के ट्रांसफर भी मेरिट के आधार पर ही होंगे। खण्ड शिक्षा अधिकारियों व बेसिक शिक्षा अधिकारियों के तबादले से संबंधित सभी सूचनाएं मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट होंगी। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, शिक्षकों के ट्रांसफर के बाद बीएसए और बीईओ के तबादले की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
खबरों के मुताबिक, पोर्टल पर आवेदन व अन्य जानकारियों के अलावा तीन सालों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर दोनों संवर्ग के अधिकारियों के तबादलों पर जून में मंथन होगा। इसमें चिकित्सीय आधार से लेकर अन्य महत्वपूर्ण मामलों को प्राथमिकता देते हुए तबादले की कार्रवाई शुरू की जाएगी। विभाग के एक सीनियर अधिकारी बताया कि शिक्षकों के अंतः जिला और अंतर जिला तबादलों की प्रक्रिया के दौरान ही खण्ड शिक्षा अधिकारियों व बेसिक शिक्षा अधिकारियों के भी ट्रांसफर करने की की कवायद शुरू करने की तैयारी है।
शिक्षा विभाग के अधिकारी का कहना है कि शिक्षकों की तुलना में अधिकारियों की संख्या बेहद मामूली है। इसलिए उनके तबादले की प्रक्रिया में तो ज्यादा समय लगेगा और न ही कोई खास दिक्कत पेश आएंगी। इसके विपरीत शिक्षकों की संख्या काफी अधिक होने के कारण उनके तबादले की प्रक्रिया के दौरान कई तरह की समस्याएं आती हैं, जिसके कारण समय लगता है। बता दें कि प्रदेश में बीएसए और उनके समकक्ष अधिकारियों की संख्या 145 है जबकि 910 के करीब खंड शिक्षा अधिकारी हैं।

शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर हाईकोर्ट में कल हुई सुनवाई

69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती घोटाला केस में कल यानी गुरूवार 25 मई को लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच में महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। जस्टिस राजन राय और जस्टिस मनीष कुमार की पीठ ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया। दरअसल, सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार की ओर से पेश हुए अधिवक्ता संजय भसीन एवं सीएससी रणविजय सिंह कोर्ट के समक्ष अपने जवाब नहीं रख पा रहे थे। जिससे पीठ नाराज हो गई। अदालत ने सरकार को फटकार लगाते हुए अगली सुनवाई की तारीख 29 मई को तय कर दी।

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