Amarmani Triprathi की रिहाई पर मचा हंगामा, मधुमिता की बहन निधि बोली-11 साल जेल से बाहर, सपा-कांग्रेस ने भी साधा निशाना
Madhumita Shukla Murder: मधुमिता की बहन निधि ने उत्तर प्रदेश सरकार से अमरमणि और उनकी पत्नी की रिहाई का आदेश रद्द करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अमरमणि त्रिपाठी पिछले 11 साल से जेल के अंदर नहीं रहा और वह इलाज के नाम पर अस्पताल में रहा है ऐसे में सजा माफी की बात कैसे आ गई?
Amarmani Triprathi Release: बहुचर्चित मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उम्र कैद की सजा पाने वाले पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई को लेकर तमाम सवाल उठने लगे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आज मधुमिता की बहन निधि शुक्ला की याचिका पर सुनवाई की मगर अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि अदालत ने निधि की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करते हुए आठ हफ्ते में जवाब जरूर मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट के इस कदम के बाद मधुमिता की बहन निधि ने उत्तर प्रदेश सरकार से अमरमणि और उनकी पत्नी की रिहाई का आदेश रद्द करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अमरमणि त्रिपाठी पिछले 11 साल से जेल के अंदर नहीं रहा और वह इलाज के नाम पर अस्पताल में रहा है ऐसे में सजा माफी की बात कैसे आ गई?
उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने भी अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई के आदेश पर सवाल उठाए हैं। दूसरी ओर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने योगी सरकार पर निशान चाहते हुए पीड़ित परिवार के प्रति संवेदनशीलता दिखाने की मांग की है।
निधि शुक्ला ने कहा-2012 से ही जेल से बाहर
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और मुख्यमंत्री से अनुरोध करती हूं कि उन्हें अमरमणि और उनकी पत्नी की रिहाई रोकने की दिशा में कदम उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने बस दूसरे पक्ष के दस्तावेजों के आधार पर रिहाई का फैसला ले लिया जबकि आरटीआई के आवेदनों से साफ हुआ है कि अमरमणि वास्तव में कभी जेल ही नहीं गया। निधि ने कहा कि जेल से बाहर निकलने पर अमरमणि कोई भी कदम उठा सकता है। अगर उसने मेरी हत्या करा दी तो इस केस में कोई पैरवी करने वाला भी नहीं बचेगा।
मधुमिता की बहन कहा कि अमरमणि 2012 से ही जेल से बाहर है। जब उसने 2012 से 2023 तक का वक्त जेल से बाहर काटा है तो फिर सजा माफी की बात कैसे पैदा हो गई? उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि उत्तर प्रदेश में कौन सा शासन चल रहा है। जब सुप्रीम कोर्ट ने अमरमणि की आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखी थी तो प्रदेश सरकार ने उस आदेश का अनुपालन क्यों नहीं कराया। क्या अगर किसी को उम्र कैद की सजा हुई हो तो वह सजा घर पर काटेगा? एक कैदी गोरखपुर के अस्पताल में फाइव स्टार होटल की तरह सारी सुख-सुविधाओं का उपभोग कर रहा है। ऐसे में उसके चाल-चलन को अच्छा कैसे बताया जा सकता है। प्रदेश सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
पूर्व डीजीपी ने भी रिहाई का किया विरोध
उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक विक्रम सिंह ने भी अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी की रिहाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हर किसी को इस बात की जानकारी है कि अमरमणि त्रिपाठी का कितना रसूख है और उसे किस मामले में प्रसिद्धि मिली हुई है। वह जेल के भीतर से अपना साम्राज्य चलने वाला व्यक्ति रहा है। ऐसे व्यक्ति की रिहाई पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए। उन्होंने अमरमणि की रिहाई के आदेश का विरोध करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश शासन को फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
सारा सिंह की मां ने भी उठाए सवाल
अमरमणि के बेटे अमन मणि त्रिपाठी की सास सीमा सिंह ने भी रिहाई को लेकर सवाल उठाए हैं। सीमा की बेटी सारा सिंह की शादी अमनमणि के साथ हुई थी मगर बाद में सारा की हत्या कर दी गई थी। सारा की हत्या का आरोप अमनमणि पर लगा है। सारा की मां सीमा ने कहा कि अमनमणि अतीक अहमद की तरह ही माफिया है। अमरमणि के बाहर निकालने के बाद दोनों मिलकर हम लोगों और हमारे बच्चों की हत्या करवा देंगे। अमरमणि ने अमनमणि के साथ मिलकर सारा सिंह की हत्या करवाई थी और इनकी रिहाई किसी भी सूरत में नहीं होनी चाहिए।
सपा और कांग्रेस ने भी साधा निशाना
अमरमणि प्रकरण को लेकर सपा और कांग्रेस ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा है। सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने कहा कि योगी सरकार को बताना चाहिए कि यह रिहाई कितनी जायज है। उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला सर्वोपरि है मगर इस मामले में सरकार को भी संवेदनशील होना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र सिंह राजपूत ने भी कहा कि इस मामले में योगी सरकार को पीड़ित परिवार के साथ मानवता दिखानी चाहिए। किसी भी अपराधी और हत्या के आरोपी के पक्ष में मानवता दिखाने की क्या जरूरत है। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह सबकुछ वोटो की राजनीति के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अमरमणि की रिहाई से समाज में गलत संदेश जाएगा।
अमरमणि की रिहाई का मुद्दा धीरे-धीरे गरमाने लगा है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से यूपी सरकार को नोटिस जरूर जारी की गई है मगर सरकार को जवाब देने के लिए आठ हफ्ते का समय दिया गया है। निधि शुक्ला के वकील की ओर से इतना लंबा समय दिए जाने पर भी अदालत में सवाल उठाए गए थे। अब सबकी निगाहें उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दिए जाने वाले नोटिस के जवाब पर टिकी हुई है।