प्रदूषण से हो रही मौतें! रोगियों के फेफड़े हुए काले, COPD और अस्थमा अटैक का खतरा बढ़ा

UP News In Hindi: सभी लोग इस बात से तो वाकिफ ही हैं कि प्रदूषण के कारण लोगों के फेफड़े पर बुरा असर पड़ता है। अब कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें पॉल्युशन की वजह से इंसान के फेफड़े काले हो रहे हैं।

Newstrack :  Network
Published By :  Shreya
Update:2021-11-23 07:30 IST

मरीज (सांकेतिक फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

UP News In Hindi: दिवाली के बाद से दिल्ली, एनसीआर समेत कई राज्यों में प्रदूषण (Pollution) की वजह से हवा दमघोटू बन चुकी है। लोगों को एयर पॉल्यूशन (Air Pollution) में सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा यह प्रदूषण (Pradushan) लोगों के लिए कई तरह की मुश्किलें खड़ी कर रहा है। सभी लोग इस बात से तो वाकिफ ही हैं कि वायुमंडल में प्रदूषण होने के कारण लोगों के फेफड़े पर बुरा असर पड़ता है। अब कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें पॉल्युशन की वजह से इंसान के फेफड़े काले (Lungs Kale Hona) हो रहे हैं। 

जी हां, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर (Kanpur) में ऐसे मामले देखे गए हैं, जहां पर प्रदूषण की वजह से लोगों के फेफड़े काले पड़ गए और बलगम भी काले रंग का निकल रहा है। इसके अलावा क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) या COPD बीमारियों के मरीजों को सेकेंडरी संक्रमण भी होने का खतरा बढ़ गया है। इससे अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है। बता दें कि सीओपीडी में मरीजों को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है और खांसी भी आती है। 

वेंटिलेटर पर रखे जा रहे सीओपीडी के मरीज 

प्रदूषण की वजह से क्रोनिक मरीजों को सांस लेने में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। सीओपीडी, अस्थमा रोगियों की हालत बिगड़ रही है। अस्पतालों में सीओपीडी के रोगी वेंटिलेटर पर हैं। केवल हैलट के ओपीडी में सांस के मरीज काफी संख्या में भर्ती हुए। इसके अलावा किडनी और लिवर फेल के भी केस सामने आए हैं। अब तक सीओपीडी से दो मरीजों की मौत हो गई है, इनकी उम्र 55 से 60 साल के बीच ररही। इससे पहले भी रविवार को दो मरीजों को COPD के चलते जान गंवानी पड़ी थी। 

सांकेतिक फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

क्या होता है सीओपीडी (COPD Kya Hota Hai)?

क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज या सीओपीडी, बीमारियों का एक समूह होता है। इससे पीड़ित मरीजों को सांस लेने में मुश्किल होती है और लगातार खांसी आती है। दरअसल, सीओपीडी मरीज की श्वसन प्रणाली (Respiratory System) को प्रभावित करता है। जिसके चलते रोगियों को सांस लेने में तकलीफ होती है। बता दें कि यह बीमारी धीरे धीरे बढ़ती है और लक्षण भी बाद में दिखने शुरू होते हैं।  

क्रानिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज के लक्षण (COPD Ke Lakshan)

लंबे समय तक खांसी आना। 

खांसी के साथ बलगम भी आना। कभी-कभी बलगम के साथ खून भी आ सकता है। 

सांस लेने में तकलीफ होना। 

हल्का बुखार और ठंड लगना।

श्वसन संक्रमण में वृद्धि (जैसे फ्लू और जुकाम) होना।

सीओपीडी का इलाज (COPD Ka Ilaj Hindi)

बता दें कि अब तक क्रानिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज का कोई इलाज नहीं मिला है। केवल बीमारी की रोकथाम और प्रबंधन के द्वारा ही इससे बचा जा सकता है। जैसे कि अगर लक्षणों को नियंत्रित कर लिया जाए, बीमारी के विकास को धीमा कर दिया जाए और समस्याओं को रोकना और उनका इलाज करने से रोगी ठीक हो सकता है।

दोस्तों देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News