Maharajganj News: महराजगंज में अब विवाह में 'रथ' पर सवार नहीं हो पाएंगे दूल्हे राजा
Maharajganj News:महराजगंज में शादी विवाह में दूल्हे को शादी रथ पर बैठाकर ले जाना अब मुश्किल होने जा रहा है। किसी चार पहिया वाहन में परिवर्तन कर उसका विवाह रथ तैयार करना अवैध है।
Maharajganj News: महराजगंज में अब विवाह में 'रथ' पर सवार नहीं हो पाएंगे दूल्हे राजा खबर यूपी के जनपद महराजगंज से है जहां शादी विवाह में दूल्हे को शादी रथ पर बैठाकर ले जाना अब मुश्किल होने जा रहा है। किसी चार पहिया वाहन में परिवर्तन कर उसका विवाह रथ तैयार करना अवैध है। उप संभागीय परिवहन विभाग अब इन शादी रथों की तलाश कर उस पर रोक लगाने की कार्रवाई कर रहा है।
शादी विवाह में बारात स्थल से दुल्हा को दुल्हन के घर जाने की कई परम्पराएं हैं। इसमें एक परम्परा विवाह रथ का भी है। बारात स्थल से दुल्हन के घर तक ढोल नगाड़ों, डीजे के धून पर दूल्हा को विवाह रथ से पहुंचाया जाता है। लेकिन इस रथ में न तो असली घोड़ा होता है और न ही वह असली रथ ही होता है। इसके मालिक संचालक पुराने जीप व अन्य वाहनों की बाड़ी तो उतरवाकर उसे रथ के मॉडल में बनवा देते हैं। इस रथ के महंगा होने के साथ ही इसकी बड़ी डिमांड भी होती है। लेकिन जीप व अन्य वाहनों को परिवर्तन कर शादी रथ का रूप देना वाहन नियमों के खिलाफ है। इससे दुघर्टनाएं भी होती हैं।
रथों की तलाश करेगा परिवहन विभाग
इधर लगन भी शुरू हो गया है। लोग इस रथ से पहुंच रहे हैं। वहीं उप संभागीय परिहवन विभाग ने परिवर्तन कर रथ के इस्तेमाल पर रोक लगाने का अभियान छेड़ दिया है। एआरटीओ विनय कुमार ने एक शादी रथ का चालान कर दिया। अब अभियान चलाकर ऐसे वाहनों को पकड़ा जा रहा है जो परिवर्तन करके चलाते हैं। परिवहन विभाग के अधिकारी पहुंचकर जांच करेंगे। परिवर्तित गाड़ियों को बंद कराएंगे।
15 से 30 हजार लेते हैं किराया
शादी विवाह में इस्तेमाल होने वाले शादी रथ को संचालक 15 से 30 हजार रुपए किराया लेते हैं। महज एक रात के लिए इतना किराया केवल शादी रथ के लिए ही लिया जाता है। बैंड, डीजे आदि का पैसा अलग से लिया जाता है।
दुघर्टना पर नहीं मिलता मुआवजा
एआरटीओ विनय कुमार ने बताया कि रूपांतरित वाहनों पर शादी रथ से दुघर्टना होने पर मुआवजा भी नहीं मिलता। ऐसे वाहनों का बीमा व फिटनेश नहीं होने से किसी प्रकार क्लेम नहीं मिलता। संचालक के पास न लाइसेंस होता है और न इससे संबधित कागजाद। ऐसे में जो लोग भी इस तरह के रूपांतरित वाहन विवाह रथ संचालित कर या करा रहे हैं वह तत्काल बंद कर दें।
एआरटीओ विनय कुमार ने बताया कि वाहनों का रूपांतरण करके संचालित करना वाहन नियमों के खिलाफ है। इससे दुघर्टनाओं की आशंका बनी रहती है। ऐसे वाहनों से दुघर्टना पर मुआवजा भी नहीं मिलता। इससे राजस्व की भी हानी होती है। ऐसे में इस पर रोक लगाने का अभियान चलाया जा रहा है