maharajganj News: भारत-नेपाल सीमा पर फिर शुरू हो गई चाइनीज लहसुन की तस्करी

maharajganj News: कस्टम अधीक्षक केएन सिंह ने बताया कि सीमा पर तस्करी रोकने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। जांच में प्रतिबंधित फल एवं खाद्य सामग्री पकड़े जाने पर उसे जब्त करने के साथ ही कड़ी कार्रवाई भी की जाती है।

Report :  Upendra Kumar
Update:2024-11-29 10:08 IST

maharajganj news (social media)

Maharajganj News : खबर यूपी के जनपद महराजगंज से है जहां भारत-नेपाल सीमा पर चाइनीज लहसुन की तस्करी फिर से तेज हो गई है। सुरक्षा कर्मियों की कड़ी निगरानी के बाद भी तस्करी की गतिविधियों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। तस्कर दिन में सीमा पर लहसुन का भंडारण और रात के अंधेर में सीमा पार भेज रहे हैं। भोर होते ही तस्कर लहसुन को पिकअप से सीमा से सटे शहर सहित अन्य जगहों पर पड़े आसानी से भेज रहे हैं। नेपाल में चीनी लहसुन 70 रुपये प्रति किग्रा बिक रही है, जबकि भारतीय सीमा में पहुंचने के बाद यह 280 रुपये प्रति किग्रा बिक रही है। ऐसे में तस्कर चाइनीज लहसुन भारत-सीमा पार कराकर मालामाल हो रहे हैं।

भारत-नेपाल पर तस्करों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि कभी-कभी दिन में ही पिकअप से तस्करी करा रहे हैं। प्रतिदिन चीनी और चावल पूरे दिन नेपाल भेजी जा रही है। तस्करी पर अंकुश लगाने में सुरक्षा एजेंसियां फेल साबित हो रही हैं। कुछ नेपाली तस्कर सीमा के नेपाली क्षेत्र में दर्जनों गोदाम बना रखे हैं जहां पर भंडारण करते हैं। फिर धीरे-धीरे इसे तस्करों के जरिए बाजारों में पहुंचा दिया जाता है। तस्कर पूरे दिन सुरक्षित रास्ते की खोज करते हैं और फिर लहसुन लदी गाड़ियों को सीमा पार करा देते हैं। शीतलापुर और बहुआर मार्ग से तस्करी चल रही है। सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने हुए हैं। कुछ लोगों का कहना है कि लक्ष्मीपुर खुर्द गांव में तस्करों द्वारा कई जगह चीनी लहसुन व चावल का भंडारण किया गया है, लेकिन अधिकारियों के द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है। रात होते ही तस्कर साइकिल से सामानों को आर पार करा देते हैं। तस्कर दिन में ही सीमा पर लगे गन्ने के खेतों में भी लहसुन को चावल और गेहूं की बोरियों में छिपाकर रखते हैं और फिर रात होते ही सीमा पार करा देते हैं। भारत नेपाल सीमा पर तस्करी करने वाले तस्करों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह किसी से भी उलझ जाते हैं। सीमा की सुरक्षा करने वाले एसएसबी जवानो पर तस्कर हमला भी कर चुके हैं। झुलनीपुर से निचलौल जाने वाली मार्ग पर भोर चार बजे से ही पिकअप से लहसुन की तस्करी शुरू हो जाती है।

सेहत के लिए खराब है चाइनीज लहसुन

चाईनीज लहसुन से भारत का सीमावर्ती बाजार पटा हुआ है। तस्कर रात होते ही नेपाल से चाइनीज लहसुन भारतीय सीमा में पहुंचा दे रहे हैं। सभी सब्जी व खाद्य सामग्री की दुकानों पर यह धड़ल्ले से बिक कर रही हैं। लेकिन यह लहसुन स्वास्थ्य के लिए खराब है। देखने में तो चाइनीज लहसुन बड़े-बड़े दानों वाले दिखाई दे रहे हैं। लेकिन इसको खाने से सेहत पर काफी प्रभाव पड़ सकता है। चाइनीज लहसुन से संक्रामक बीमारियों के फैलने की भी खतरा है, क्योंकि चीन में लहसुन उत्पादन के दौरान सबसे अधिक केमिकल और दवाओं का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा लहसुन में मेंटल लेड और क्लोरीन का भी इस्तेमाल किया जाता है। यहां तक चाइनीज लहसुन को सफेद करने के लिए ब्लीच का भी इस्तेमाल किया जाता है। जिससे बड़ी-बड़ी बीमारियां होने का भी डर है। भारत सरकार ने 2014 में इसीलिए चाइनीज खाद्य पदार्थों पर रोक लगा दी है।

क्या कहते हैं, कस्टम अधीक्षक

कस्टम अधीक्षक केएन सिंह ने बताया कि सीमा पर तस्करी रोकने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। जांच में प्रतिबंधित फल एवं खाद्य सामग्री पकड़े जाने पर उसे जब्त करने के साथ ही कड़ी कार्रवाई भी की जाती है। तस्करी रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है

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