Maharajganj News: वाल्मीकिनगर बैराज से नहरों में छोड़ा गया पानी, किसानों के खिले चेहरे
Maharajganj News: क्रम में सुबह सिंचाई खंड प्रथम के अवर अभियंता भानुप्रताप की देखरेख में बाल्मिकीनगर बैराज से नारायणी शाखा नहर के लिए दो हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है।
Maharajganj News: खबर यूपी के जनपद महराजगंज से है जहां रबी की फसलों की सिंचाई के लिए लंबे समय से किसानों का इंतजार अब समाप्त हो गया। सुबह नेपाल के वाल्मिकीनगर बैराज से छोड़ा गया पानी नहरों में पहुंचने से किसानों के चेहरे खिल गए। सिचाई के इंतजार में रबी की फसलों को संजीवनी मिल गई है। मुख्य पश्चिमी गंडक नहर में पानी आने के बाद अब उसे धीरे-धीरे शाखा नहरों में छोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
ठंड व नारायणी नदी के जलस्तर को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन की बात पर पहले सिंचाई विभाग ने 16 दिसंबर को पानी छोड़ने की बात कही थी। लेकिन बाद में नेपाल के वाल्मीकिनगर बैराज पर गेट निर्माण में देरी के चलते सिंचाई विभाग ने पुनः 21 दिसंबर को पानी छोड़ने का आश्वासन दिया था।
इस क्रम में सुबह सिंचाई खंड प्रथम के अवर अभियंता भानुप्रताप की देखरेख में वाल्मीकिनगर बैराज से नारायणी शाखा नहर के लिए दो हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। इस पानी को हेड से टेल तक पहुंचने में 48 घंटे लगेंगे, पर इस पानी ने किसानों की उम्मीदें जगा दीं।
अधिशासी अभियंता सिचाई खंड प्रथम विनोद कुमार वर्मा ने बताया कि पहले दो हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज छोड़ा गया है। धीरे-धीरे इसे बढ़ाया जाएगा। अधिकांश नहरों की साफ-सफाई का कार्य भी पूरा कर लिया गया है, जिससे नहरों में टेल तक पानी पहुंचने में कोई परेशानी नहीं होगी।
नहर में पानी के इंतजार में थे किसान
तराई में 60 प्रतिशत किसानों के खेती की सिंचाई नहरों के सहारे होती है। आधा दिसंबर बीत जाने के बाद भी नहर में पानी नहीं आने से किसानों को मजबूरन डीजल फूंककर पंपिगसेट से सिंचाई करनी पड़ रही थी। नहर में पानी आने से उस समस्या का समाधान हो गया। किसानों का कहना है, कि नहर में पानी का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। पानी पहुंचने से राहत मिली है।