महोबा: सांसद द्वारा गोद लिए गांव मजरा पठारी में किसी तरह की मूलभूत सुविधा न मिलने से अब यहां के लोगों ने अनशन का रास्ता अख्तियार कर लिया है। स्थानीय लोगों ने बताया, गांव का विकास तो दूर, सांसद इस गांव को देखने तक नहीं आते।
जिला प्रशासन को दर्जनों बार ज्ञापन सौंपने और सांसद को आपबीती सुनाने के बाद भी जब कोई समाधान नहीं निकला तो अब लोगों ने अनशन का रास्ता अख्तियार किया है।
क्या है ग्रामीणों की मांग
-ग्राम पंचायत मजरा पठारी का मामला।
-यहां के सांसद हैं पुष्पेंद्र सिंह चंदेल।
-इसी पंचायत के गांव पिपरामाफ को सांसद ने गोद लिया है।
-स्थानीय लोगों का कहना है कि इस गांव में बिजली, सड़क, पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है।
-इस बारे में कई बार सांसद को बताया गया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
-ग्रामीणों ने आखिरकार सांसद के खिलाफ अनशन का रास्ता चुना।
दो साल बाद भी हालत जस की तस
-पिपरामाफ गांव के लोगों का कहना है, उन्होंने बड़ी उम्मीद से पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को संसद भेजा था।
-पीएम मोदी के आह्वान पर सांसदों ने एक-एक गांव को 'आदर्श गांव' के रूप में गोद लिया।
-महोबा-हमीरपुर सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने महोबा के पिपरामाफ गांव को गोद लिया था।
-लेकिन दो वर्ष बाद भी वहां की हालत जस की तस है।
कभी पलटकर नहीं आए सांसद
-ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन ने भी इस गांव की और कभी पलटकर नहीं देखा।
-कई बार ज्ञापन देने के बावजूद हर बार बस आश्वासन ही मिला।
-अंत में थक-हार कर लोगों ने अनशन का रास्ता चुना।
-गांव के तीन दर्जन से अधिक लोग तहसील प्रांगण में अनशन पर बैठे हैं।
उल्लेखनीय है कि मजरा पठारी में आज़ादी के बाद से न तो बिजली आई है और न सड़क, पानी ही नसीब हुआ है। अब इस गांव के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। ग्रामीण सांसद और जिला प्रशासन से गांव के विकास की मांग कर रहे हैं।