Mahoba News: यहां तांत्रिक बन गए डॉक्टर, अस्पताल में कर रहे मरीजों का इलाज

Mahoba News Today: रामदास का कहना है, कि अस्पताल के डॉक्टर ने आठ इंजेक्शन लगाए पर उसे आराम नहीं मिला

Report :  Imran Khan
Update:2022-10-31 20:21 IST

Mahoba News District Hospital Tantriks are treating patients

Mahoba News Today: जहां वर्तमान में सरकार अस्पतालों को आधुनिकीकरण करने में लगी हुई हैं। वहीं महोबा से चौका ने वाली तस्वीर सामने आई है, जहां तांत्रिक मरीजों का इलाज करते दिख रहा है। फोटो वायरल होते ही स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। सभी के दिमाग में यह सवाल घूम रहा है कि आखिर क्या कारण है कि जिला अस्पताल में लोकतांत्रिक से इलाज करवा रहे हैं। क्या जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है? यदि डॉक्टर मौके पर मौजूद होते तो तांत्रिक के आने का सवाल ही नहीं पैदा होता। दूसरा सवाल क्या जिला अस्पताल में इलाज करवाना महंगा हो गया है? महंगाई से बचने के लिए लोग तांत्रिक की तरफ मुड़ रहे हैं। क्योंकि वहां पर कोई खर्चा नहीं होता है एक चमत्कार की आशा होती है और लोगों का उसकी तरफ रुझान बढ़ता जाता है।

मामला महोबा जिले के कुलपहाड़ अंतर्गत दरियार सिंह के खुड़ा का है, जहां गुलाब सिंह की 22 वर्षीय पुत्री संध्या यादव को कल खेत में कार्य करते समय बिच्छू ने काट लिया था। उसके बाद परिजनो ने इलाज के लिए जिला अस्पताल ले कर आए थे और चितइयन गांव का रामदास भी बिच्छू काटने से अस्पताल में भर्ती हुआ था।जहाँ डॉक्टरों के इलाज से फायदा नही मिला तो परिजनों ने तांत्रिको को जिला अस्पताल में बुलाया और तांत्रिको ने जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ही दोनो मरीजों का झाड़ फूंक कर इलाज करना शुरू कर दिया । तांत्रिक मरीजों का अस्पताल के अंदर इलाज कर रहे थे, ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर वरुण को इसकी भनक तक नहीं लगी। उन्होने बताया कि उन्हें नहीं पता कि अस्पताल में तांत्रिकों ने मरीज का इलाज किया है।


पीड़ित महिला का कहना है कि उसे बिच्छू ने काट लिया था। वो कल जिला स्पताल में भर्ती हुई थी, मगर इलाज के बाद भी उसे लाभ नहीं मिला। महिला का कहना है, कि कल एक तांत्रिक ने उसे झाड़ा था और आज दो तांत्रिकों ने इमरजेंसी वार्ड में आकर मन्त्रों से इलाज किया। वहीँ बिच्छू के काटने से चितइयन गांव निवासी रामदास भी अस्पताल पहुंचा जिसे डॉक्टर के इलाज से लाभ नहीं मिला, तो उसने भी तांत्रिक से इलाज करनवाना शुरू कर दिया। रामदास का कहना है, कि अस्पताल के डॉक्टर ने आठ इंजेक्शन लगाए पर उसे आराम नहीं मिला। इंजेक्शन से ज्यादा तांत्रिक की झाड़फूक से सही आराम मिला है।

महोबा जिले में लोग आज भी डाक्टरों से ज्यादा झाड़ फूंक करने वाले तांत्रिको पर विश्वास करते है। तभी तो जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में महिला का इलाज करने एक नहीं दो तांत्रिक पहुँच गए और दोनों ने अपने मंत्रो के साथ झड़ फूंक कर के इलाज़ शुरू कर दिया । मगर बड़े हैरत की बात है कि खुलेआम जिला अस्पताल के वार्ड में झाड़फूक होती रही और जिम्मेदारों को इसकी भनक तक नहीं लगी । जिला अस्पताल में बाबाओ से इलाज कराने का मामला आने के बाद से लोग में स्वास्थय विभाग को लेकर तरह - तरह की चर्चाएं भी चल रही है । इलाज करने आया एक तांत्रिक गोरखा गांव निवासी लखनलाल का कहना है, कि वो गारंटेड इलाज करता है। उसके पास रोजाना कई मरीज इलाज कराने आते हैं। उसने जिला अस्पताल में महिला मरीज का इलाज किया और दावा किया कि महिला सौ फीसदी ठीक हो जाएगी । वहीँ दूसरे तांत्रिक संतोष कुमार का दावा है, कि उसकी झाड़फूंक से बिच्छू काटे के दो मरीजों का उसने इलाज किया है और उन्हें आराम भी मिल गया। यहीं नहीं तांत्रिकों ने मरीज को खाने के लिए दवा भी बताई।

यह पहला मौका नहीं है जब महोबा के जिला अस्पताल में तांत्रिको द्वारा मरीजों को झाड़ फूंक कर इलाज करने का मामला सामने आया है। इससे पहले भी इमरजेंसी वार्ड में महिला का तांत्रिक द्वारा इलाज करने का मामला सामने आ चुका है। मगर अबकी बार तीन तांत्रिक इमरजेंसी वार्ड में मरीज का इलाज करते देखे गए है। जिससे यह साबित होता है की महोबा जिले के लोग डाक्टरों से इलाज करवाने के बजाए तांत्रिको के इलाज पर ज्यादा भरोसा करते है। वहीँ अस्पताल में मौजूद जिम्मेदार भी तांत्रिकों के प्रवेश पर चुप्पी साधें हुए है।

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