Mahoba News: जिला अस्पताल में नेत्रदान पखवाड़ा कार्यक्रम का हुआ समापन, विशेषज्ञों ने लोगों को किया जागरूक

Mahoba News: कोई भी व्यक्ति, किसी भी उम्र, लिंग, धर्म या किसी भी रक्त समूंह का हो वह अपनी आंखें दान कर सकता है। उसके लिए जीवित अवस्था प्रतिज्ञा फॉर्म भरना पड़ता है ।

Report :  Imran Khan
Update: 2024-09-08 12:36 GMT

जिला अस्पताल में नेत्रदान पखवाड़ा कार्यक्रम का हुआ समापन: Photo- Newstrack

Mahoba News: उत्तर प्रदेश के जनपद महोबा में राष्ट्रीय दृष्टि विहीनता नियंत्रण एवं विजुअल कार्यक्रम के तहत 25 अगस्त से 8 सितम्बर तक चलने वाले राष्ट्रीय नेत्र दान पखवाड़ा का आज समापन हो गया। कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को नेत्रदान के लिए जागरुक किया गया। इस दौरान नेत्र रोग विशेषज्ञों ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को नेत्रदान के महत्व के बारे में शिक्षित करने के साथ मृत्यु के बाद अपनी आंखें दान करने के लिए प्रोत्साहित करना है । इस अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रत्यारोपण के जरिए कॉर्निया की कमी को दूर करना है ।


राष्ट्रीय नेत्र दान पखवाड़ा, नेत्रदान महादान

महोबा जिला अस्पताल में 25 अगस्त से 8 सितम्बर तक चलने वाले राष्ट्रीय नेत्र दान पखवाड़ा का आज़ समापन कार्यक्रम आयोजित हुआ है। इस दौरान कई लोगों ने अपने नेत्रदान के लिए सहमति जताते हुए प्रतिज्ञा पत्र भरा। समापन कार्यक्रम के दौरान डॉक्टर ए.के. सक्सेना ने बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों को समझाते हुए कहा कि अंगदान के प्रति लोगों में आज भी नकारात्मक सोच है। उन्होनें कहा कि नेत्रदान महादान है यह नेत्रहीनों के लिए वरदान भी है।


कौन कर सकता है आंखें दान

उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति, किसी भी उम्र, लिंग, धर्म या किसी भी रक्त समूंह का हो वह अपनी आंखें दान कर सकता है। उसके लिए जीवित अवस्था प्रतिज्ञा फॉर्म भरना पड़ता है, व्यक्ति के मरणोपरांत विशेषज्ञ उसकी आखों से कॉर्निया निकाल लेते हैं और दूसरे व्यक्ति की आंखों में इसको लगाकर उसे नई रोशनी दी जाती है। ये कॉर्निया उन लोगों को ट्रांसप्लांट की जाती है जिनकी आखों की पुतली सफेद हो जाती है । इस दौरान जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को आंखों की सुरक्षा के लिए भी डॉक्टर ने जितना भी हो कम से कम, मोबाइल का प्रयोग करने की सलाह दी है।

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