Mahoba News: रेल रोको आंदोलन से पहले किसान नेता नजरबंद, ऐसे फेल हुआ आंदोलन

Mahoba News: बुंदेलखंड किसान यूनियन के रेल रोको आंदोलन से पहले ही पुलिस और प्रशासन ने किसान नेताओं को नजरबंद कर दिया। संयुक्त किसान मोर्चा के निर्देश पर किसानों द्वारा एमएसपी गारंटी कानून और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के साथ ही फसल नुकसान के मुआवजे की मांग को लेकर रेल रोको आंदोलन किया जाना था।

Report :  Imran Khan
Update:2024-10-03 17:35 IST

Mahoba News (Pic- Newstrack)

Mahoba News: महोबा में बुंदेलखंड किसान यूनियन के रेल रोको आंदोलन से पहले ही किसान नेताओं को पुलिस और प्रशासन ने नजरबंद कर दिया। संयुक्त किसान मोर्चा के निर्देश पर किसानों द्वारा फसल का एमएसपी गारंटी कानून और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू किए जाने सहित फसल बर्बादी में मुआवजा की मांग को लेकर रेल रोको आंदोलन होना था। लेकिन प्रशासन ने आंदोलन से पहले ही किसान नेताओं को नजरबंद कर घर से ही ज्ञापन ले लिया। जिससे किसानों का रेल रोको विफल हो गया और प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है।

आपको बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के निर्देश पर महोबा जनपद के कुलपहाड़ स्टेशन में किसानों द्वारा रेल रोको आंदोलन की रूपरेखा बनाई गई थी। जिसके तहत बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल शर्मा के नेतृत्व में किसानों को रेल रोक कर प्रदर्शन करना था। जिसकी भनक लगते ही प्रशासन ने किसान नेताओं को उनके ही घर में नजरबंद कर दिया।

कुलपहाड़ तहसील क्षेत्र के जैतपुर निवासी किसान नेताओं को पुलिस और प्रशासन ने उनके ही घरों में कैद कर दिया। किसान यूनियन के राष्ट्रीय सचिव अखिलेश रावत और महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष किरन पाठक को आंदोलन से पहले ही घरों में कैद किया गया। दोनो ही नेता किसानों को लेकर कुलपहाड़ रेलवे स्टेशन में रेल रोको आंदोलन करने जाने वाले थे। इस तरह से किसानों के रेल रोको आंदोलन को समय रहते प्रशासन ने विफल कर दिया।

आपको बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा फसल का एमएसपी गारंटी कानून और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग के साथ-साथ दैवीय आपदा में फसल नुकसान के मुआवजा और प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ दिए जाने की मांग को लेकर रेल रोको आंदोलन होना था। दोनों ही नेता बताते हैं कि प्रशासन ने उन्हें आंदोलन से पहले ही घरों में कैद कर दिया और सुबह जब वह उठे तो खुद को कैद पाया। आंदोलन के पहले ही उन्हें रोके जाने से किसान भी बैरंग वापस लौट गए। जिसके चलते किसान नेताओं ने घर से ही प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंप कर मांगें पूरी किए जाने की मांग की। साथ ही कहा कि यदि मांगे पूरी नहीं की गईं तो बहुत जल्द बड़ा आंदोलन बुंदेलखंड किसान यूनियन करेगा।

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