Mahoba News: बुंदेलखंड राज्य आंदोलन में कूदे पूर्व DGP सुलखान सिंह, खून से खत लिख पीएम से की भूल सुधार की मांग

Mahoba News: बुंदेलखंड राज्य आंदोलन में सूबे के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह भी खुलकर आ गए है। वे बुंदेली समाज के काला दिवस कार्यक्रम में माथे पर काली पट्टी बांधकर शामिल हुए।

Report :  Imran Khan
Update: 2023-11-01 10:39 GMT

बुंदेलखंड राज्य आंदोलन में पहुंचे पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह (न्यूजट्रैक)

Mahoba News: बुंदेलखंड अलग राज्य आंदोलन में उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह भी खुलकर आ गए है। वे महोबा के आल्हा चौक में बुंदेली समाज के काला दिवस कार्यक्रम में माथे पर काली पट्टी बांधकर शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को रिकार्ड 34वीं बार खून से खत लिखकर बुंदेलखंड राज्य की मांग कर रहे बुंदेलों के पक्ष में उन्होंने कहा कि राजनैतिक दल नहीं चाहते कि बुंदेलखंड राज्य बने। वे इसके खिलाफ हैं। पूर्व डीजीपी ने केंद्र सरकार से बुंदेलखंड अलग राज्य की मांग की है।

बता दें कि महोबा में बुंदेली समाज आंदोलन कर बुंदेलखंड अलग राज्य की मांग कर रहे हैं। अब इस आंदोलन में यूपी के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह भी कूद पड़े है। आज आल्हा चौक के अंबेडकर पार्क में आयोजित कार्यक्रम में बुंदेली समाज के सदस्यों ने काले कपड़े पहने और अपने माथे पर काली पट्टी बांधकर एक नवंबर, 1956 के उस सबसे त्राषदीपूर्ण दिन को याद किया। जब बुंदेलखंड के दो टुकड़े कर भारत के नक्शे से मिटा दिया गया। साथ ही बुंदेली समाज ने नेहरू सरकार की उस ऐतिहासिक भूल को सुधार कर फिर से बुंदेलखंड राज्य बहाल करने की अपील की।

देश आजाद होने के बाद तक अस्तित्व में था बुंदेलखंड राज्य

बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर बुंदेलखंडी ने कहा कि हमारा बुंदेलखंड राज्य देश आजाद होने के 8 वर्ष 7 माह बाद तक अस्तित्व में था और नौगांव इसकी राजधानी थी। बुंदेलखंड राज्य को बनाए रखने की 1953 में न्यायमूर्ति फजल अली की अध्यक्षता में बने प्रथम राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिश को भी नेहरू सरकार ने खारिज कर दिया। आयोग के सदस्य हृदय नाथ कुंजरू और केएम पणिक्कर बुंदेलखंड राज्य को बनाए रखना चाहते थे। एक नवंबर,1956 को जब मध्यप्रदेश राज्य का गठन हुआ तो बुंदेलखंड राज्य को आधा-आधा बांटकर भारत के नक्शे से मिटा दिया गया।

आजादी के वक्त जब देश की 562 रियासतों को एक किया गया तो संविधान सभा ने 35 रियासतों को मिलाकर बुंदेलखंड बनाया था और कामता प्रसाद सक्सेना पहले मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को बुंदेलखंड की जनता ने भरपूर समर्थन दिया है और अब पीएम को भी जनभावनाओं का सम्मान करते हुए बुंदेलखंड राज्य बना देना चाहिए ताकि क्षेत्र को विकास की मुख्य धारा में लाया जा सके। सभी ने खून से खत लिखकर अलग राज्य दिए जाने की मांग की है।

वहीं पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा कि पृथक राज्य बनाने के लिए बुंदेली समाज आंदोलन कर रहा है। यहाँ के विकास और आर्थिक मजबूती के लिए यह बहुत जरुरी है। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बंटे इस बुंदेलखंड की जरूरतें और संस्कृति एक जैसी है, इसका विकास राज्य बनकर ही संभव है जिसके लिए केंद्र सरकार से अलग राज्य किये जाने की मांग कर रहा हूँ।

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