Mahoba News: मृत किसान का बैंक ने बनाया क्रेडिट कार्ड, दलालों के कारनामों से परिवार परेशान

Mahoba News: महोबा में मृत व्यक्ति द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड से लोन लिए जाने का अनोखा मामला सामने आया है। 20 साल पहले मर चुके किसान ने हाल ही में चार लाख 30 हज़ार रूपये का लोन लिया है।

Report :  Imran Khan
Update:2024-09-13 20:24 IST

Mahoba News (Pic: Newstrack)

Mahoba News: महोबा में मृत व्यक्ति द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड से लोन लिए जाने का अनोखा मामला सामने आया है। 20 साल पहले मर चुके किसान ने हाल ही में चार लाख 30 हज़ार रूपये का लोन लिया है। मृतक किसान के पौत्र ने जब खतौनी की नक़ल निकलवाई तो वह देखकर दंग रह गया कि दादा की मौत को 20 साल हो गए तो लोन किसने लिया। महोबा में बैक के दलालों का अजब गजब कारनामा सामने आने से हर कोई हैरान है। परिजनों ने इस मामले की जांचकर कार्यवाही की मांग की है।

मामला इंडियन बैंक की बेलाताल शाखा का है। जहां बैक के दलालों द्वारा 20 साल पहले मर चुके किसान के स्थान पर किसी दूसरे नाम से आधार कार्ड फ़ोटो लगाकर बैंक से 4 लाख 30 हज़ार रूपये का किसान क्रेडिट कार्ड से लोन निकाल कर फरार हो गए। मामला उस समय खुला जब स्यावान गांव निवासी कपूरा ने अपनी जमीन वरासत कराने के लिए खतौनी की नकल निकलवाई जिसमें उसके दादा मुलुआ के नाम से वर्ष 2022 में 4 लाख़ 30 हजार का किसान क्रेडिट कार्ड से लोन होने के चलते भूमि बंधक थीं। जिसे देखकर वह चौक पड़ा। कपूरा ने बताया कि दादा मुलुआ की 20 साल पहले मौत हों चुकी है तो फिर वे कैसे लोन ले सकते है। कई दिनों से बैंक के चक्कर लगा रहे परिजन बेवजह भूमि के बंधक होने और मृतक दादा के नाम से किसान क्रेडिट कार्ड से पैसा लेकर गायब होने से हैरान है। परिजनों ने मामले की जांचकर कार्यवाही की मांग की है।

ग्रामीण क्षेत्रों में आए दिन लोन और किसान क्रेडिट कार्ड को लेकर कई जालसाजी के मामले सामने आते रहते है। लेकिन स्यावन गांव के मृतक किसान मुलूआ के नाम पर जिस तरह से जालसाज़ी करते हुए 4 लाख़ 30 हजार रूपये निकालें गए उससे साफ है कि बैंक में दलालों का एक बडा रैकेट काम कर रहा है जो मृत किसान के कागज़ों पर किसी दूसरे की फ़ोटो और आधार कार्ड लगाकर उनके नाम से पैसे निकलकर बैंक और मृत किसान को धोखा देने का काम कर रहे हैं। बेलाताल बैक मैनेजर राजेश्वर वर्मा ने जब किसान के पौत्र की शिकायत पर मूलुआ की फाइल निकली तो वे फाइल देखकर दंग रह गए क्योंकि मुलुआ की जगह किसी दूसरे व्यक्ति की फ़ोटो लगी थीं जो देखने में 35 साल के लगभग था।

जालसाजों ने न केवल किसान मुलूआ के नाम से फर्जी आधार कार्ड बनाएं। बल्कि उसमें गांव पता भी मुलुआ का लिखवा कर केसीसी बनावा लिया और पैसे हड़प लिए। बैंक मैनेजर ने बताया कि इस मामले में फील्ड अफसर की गलती है कि लोन करते समय व्यक्ति की स्थलीय सत्यापन कर जानकारी अच्छी तरह से करनी चाहिए। उन्होनें बताया कि जिस व्यक्ति की फ़ोटो लगी है उसके विषय में गांव जाकर पता किया लेकिन उस व्यक्ति की पहचान नहीं हो सकी है। इस मामले की जानकारी बैंक के ऊपर के अधिकारियों को दे दी गई है। इस मामले पर इंडियन बैंक के एलडीएम सरोज कुमार ने बताया कि मीडिया के मामला संज्ञान में आया है। मामले की जांच कर जो भी दोषी होगें उन पर कार्यवाही की जायेगी।

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