Mahoba: जिला अस्पताल में लापरवाही से 11 माह के मासूम की हुई दर्दनाक मौत

Mahoba News: लापरवाही के चलते ही 11 माह के मासूम की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजन बताते हैं कि इलाज कर रहा स्वास्थ्य कर्मी नशे की हालत में था।

Report :  Imran Khan
Update: 2024-03-05 17:22 GMT

अस्पताल की लापरवाही से गई जान। (Pic: Newstrack)

Mahoba News: कभी सुविधा शुल्क तो कभी मरीज के साथ लापरवाही को लेकर जिला अस्पताल महोबा चर्चित है। लापरवाही के चलते ही 11 माह के मासूम की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजन बताते हैं कि इलाज कर रहा स्वास्थ्य कर्मी नशे की हालत में था। इतना ही नहीं स्वास्थ्य कर्मी द्वारा बच्चों की मृत्यु हो जाने के बाद लापरवाही छुपाने के चलते उसे रेफर कर दिया। मामले में आक्रोशित परिजनों ने जमकर हंगामा काटा और सीएमएस का घेराव कर दिया। लापरवाही के चलते हुई घटना में सीएमएस ने मृतक मासूम के परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन दिया तब जाकर मामला शांत हुआ। घटना में वार्ड बॉय पर गंभीर आरोप लगे हैं। फिलहाल आए दिन लापरवाही और सुविधा शुल्क के आरोपों के चलते सरकार की भी जमकर किरकिरी हो रही है।

मजदूर के बच्चे की हुई मौत

आपको बता दें कि बजरंग वार्ड निवासी विक्रम श्रीवास पेशे से मजदूर है। उसके 11 माह के पुत्र अयांश को बुखार आने पर उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पिता विक्रम ने आरोप लगाया कि वार्ड में तैनात वार्डबॉय अमित शराब के नशे में था और वीगो लगाने के लिए उसने बच्चे को कई जगह कोशिश किया लेकिन वीगो नहीं लगा पाया। बाद में इमरजेंसी में बच्चे को वीगो लगाई गई। इसके बाद वार्ड बॉय ने बच्चे को पांच छह इंजेक्शन लगा दिए। थोड़ी देर बाद उसकी हालत बिगड़ गई। बाद में बच्चे की माैत हो गई। वार्ड बॉय की लापरवाही के कारण मासूम की जान चली गई। मगर यहां भी स्वास्थ्यकर्मी ने अपनी गलती को छुपाने के लिए मासूम के मृत होने के बाद भी हालत गंभीर बताकर रेफर कर दिया। जिसके बाद परिजन उसे इलाज के लिए एंबुलेंस से हायर सेंटर लेकर जाने लगे मगर उसके शरीर में कोई हलचल न देख उन्हें समझते देर नहीं लगी कि मासूम की मौत हो चुकी है और अपनी लापरवाही को छुपाने के लिए ही मासूम को रेफर कर दिया गया है।

लापरवाही की वजह से गई जान

गुस्साए परिजनों ने दो घंटे तक अस्पताल में हंगामा काटा और नारेबाजी करते हुए सीएमएस का घेराव किया। परिजनों ने आरोपी वार्डबॉय पर कार्यवाही की मांग की है। जिस पर सीएमएस के आश्वासन के बाद परिजन शांत हुए हैं। मृतक के पिता विक्रम ने बताया कि अस्पताल में तमाम युवक वार्ड से लेकर इमरजेंसी तक मरीजों का उपचार करते हैं। उपचार के लिए सुविधा शुल्क वसूलते हैं। ऐसे युवकों पर अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते। आए दिन मरीजों से सुविधा शुल्क लेने का मामला सामने आता रहता है। इस मामले में सीएमएस डॉक्टर पवन अग्रवाल ने जांच कराकर कार्रवाई का भरोसा दिया। सीएमएस ने बताया कि इलाज में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मामले पर जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। किसी भी बाहरी व्यक्तियों को अस्पताल परिसर में पकड़े जाने पर कानूनी कार्रवाई कराई जाएगी। बड़ा सवाल है कि जब वार्डबॉय को वीगो लगाने का अधिकार नहीं है तो जिला अस्पताल में वार्डबॉय विगो क्यों लगा रहे है। इस मामले में जांच की बात अधिकारी कह रहे है।

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