Mainpuri By Election: मैनपुरी में मुकाबला देवरानी बनाम जेठानी! 'अभेद्य किले' में सेंध की कवायद
Mainpuri By Election 2022: मैनपुरी उपचुनाव के लिए अगर बीजेपी अपर्णा यादव को मैदान में उतरती है तो दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है। क्योंकि, उनके सामने जेठानी डिंपल होंगी।
Mainpuri By Election 2022: देश के सबसे बड़े सूबे के राजनीतिक गलियारे में बीजेपी कुछ धमाकेदार करने की कोशिशों में जुटी है। समाजवादी पार्टी के 'अभेद्य किले' में सेंध लगाने की कवायद के बीच एक बार फिर अपर्णा यादव का नाम सुर्खियों में आया है। दरअसल, सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली मैनपुरी सीट के लिए 'वारिस' की जंग शुरू हो चुकी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पत्नी डिंपल को मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के लिए मैदान में उतारकर परिवार की बड़ी बहू को अनौपचारिक तौर पर 'नेताजी' का उत्तराधिकारी घोषित करने की कोशिश की। लेकिन, अभी 'छोटी बहू' का दांव तो बाकी है।
कयास लगाए जा रहे हैं कि, भारतीय जनता पार्टी (BJP) मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को मैनपुरी से चुनावी मैदान में उतार सकती है। डिंपल यादव के नाम के ऐलान के बाद अपर्णा ने यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से मुलाकात की। उन्होंने स्वयं ट्वीट कर इसकी जानकारी भी दी। इसके बाद सियासी गलियारे में इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। इसे मैनपुरी उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
सपा बनाम बीजेपी या देवरानी बनाम जेठानी
प्रदेश की सत्ता में काबिज बीजेपी ने मैनपुरी को लेकर फ़िलहाल अपने पत्ते नहीं खोले हैं। अगर, डिंपल यादव के सामने अपर्णा उतरती हैं, तो निश्चय ही ये चुनाव बेहद दिलचस्प हो जाएगा। क्योंकि, ये मुकाबला समाजवादी पार्टी बनाम बीजेपी से हटकर देवरानी बनाम जेठानी हो जाएगा। ऐसे में बीजेपी मैनपुरी सीट पर एक साथ कई दांव खेलने के मूड में है। अपर्णा के मैदान में उतरते ही एक तरफ जहां मुलायम सिंह यादव की दोनों बहुएं उनकी विरासत के लिए मुकाबला करती दिखेंगी, वहीं अखिलेश यादव को मनोवैज्ञानिक दबाव में लाने की बीजेपी का प्रयास भी सफल रहेगा।
क्या शिवपाल देंगे अपर्णा का साथ?
बीजेपी अगर अपर्णा यादव को मैदान में उतारती है तो ऐसी स्थिति में 'नेताजी' के छोटे भाई और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को साथ दे सकते हैं। ज्ञात हो कि, शिवपाल और अखिलेश के रिश्ते लंबे समय से अच्छे नहीं हैं। दोनों एक-दूसरे को कमजोर दिखाने का कोई मौका जाने नहीं देते। तो ऐसे में ये अवसर तो उनके लिए थाली में परोसकर आया हुआ होगा। कहा जाता है कि, शिवपाल यादव अपने बेटे आदित्य यादव के लिए भी मैनपुरी सीट से टिकट की उम्मीद लगाए बैठे थे।
तेज प्रताप का नाम था सबसे आगे
मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद सपा में मैनपुरी सीट के लिए कई नामों पर चर्चा हुई। इनमें सबसे प्रबल दावेदार तेज प्रताप यादव को माना जा रहा था। तेज प्रताप बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के दामाद हैं। मुलायम सिंह यादव ने जब मैनपुरी सीट से चुनाव न लड़कर दूसरी सीट को चुना था तब तेज प्रताप यादव को ही मौका दिया गया था। लेकिन, काफी गुना-गणित के बाद अखिलेश ने पत्नी डिंपल पर ही भरोसा जताया। कहा जाता है कि, तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारने से अखिलेश के सामने परिवार के भीतर ही कई बड़ी चुनौतियां खड़ी हो सकती थीं।
मैनपुरी में 5 दिसंबर को मतदान
चुनाव आयोग ने देश के विभिन्न राज्यों में खाली हुई लोकसभा और विधानसभा सीटों के लिए चुनाव तारीखों का ऐलान कर दिया है। इन सीटों पर 5 दिसंबर को मतदान होंगे, जबकि, 8 दिसंबर को गुजरात और हिमाचल प्रदेश के साथ ही मतगणना होगी। मैनपुरी सीट पर भी इन्हीं तारीखों को वोटिंग और काउंटिंग होगी। सपा संस्थापक और यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी सीट खाली हुई है।