बड़ी कामयाबीः 190 साल बाद तय हो गई मंगल पांडे की जयंती की तारीख

उन्होंने इसके साथ ही कहा कि योगी सरकार की तरफ से भी जन्मतिथि को सही करने के लिए पहल किया जायेगा तथा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि भविष्य में शहीद मंगल पांडेय की जयंती को लेकर कोई उहापोह की स्थिति न उत्पन्न हो ।

Update:2020-07-20 12:36 IST

बलिया । योगी सरकार प्रथम स्वाधीनता संग्राम के नायक मंगल पांडेय की जयंती को लेकर चल रहे विवाद का पटाक्षेप करेगी । सूबे के संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल ने कहा है कि अगले वर्ष से देश में 30 जनवरी को ही शहीद मंगल पांडेय की जयंती मनाया जायेगा । उन्होंने कहा है कि बलिया के मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा तबादले के बाद एक कनिष्ठ लिपिक को प्रभार देने व चिकित्सकों के तबादले का आदेश निरस्त किया जायेगा ।

अगले वर्ष से मनाया जायेगा शहीद मंगल पांडेय की जयंती

संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल ने कहा है कि अगले वर्ष से देश में 30 जनवरी को ही शहीद मंगल पांडेय की जयंती मनाया जायेगा । उन्होंने न्यूजट्रैक से बातचीत में कहा कि गूगल विकिपीडिया पर शहीद मंगल पांडेय का गलत जन्मतिथि अंकित होने के कारण जयंती को लेकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है । उन्होंने कहा कि गूगल विकिपीडिया के पोस्ट में मंगल पांडेय की जन्मतिथि 19 जुलाई 1827 प्रदर्शित किया गया है , जबकि उनका वास्तविक जन्म तिथि 30 जनवरी 1831 है ।

उन्होंने जानकारी दी कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से गूगल के मुख्यालय पर सम्पर्क किया है तथा इस गलती को दुरुस्त करने का अनुरोध किया है । उन्होंने इसके साथ ही कहा कि योगी सरकार की तरफ से भी जन्मतिथि को सही करने के लिए पहल किया जायेगा तथा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि भविष्य में शहीद मंगल पांडेय की जयंती को लेकर कोई उहापोह की स्थिति न उत्पन्न हो ।

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मंगल पांडेय का जन्म

उल्लेखनीय है कि गूगल विकिपीडिया के पोस्ट में मंगल पांडेेेय का जन्मतिथि 19 जुलाई 1827 प्रदर्शित किया गया है । नगवा गांव में शहीद मंगल पांडे का जन्म हुआ था । उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा 6 की पाठ्य पुस्तक महान व्यक्तित्व में शहीद मंगल पांडेय की जयंती 30 जनवरी 1831, जन्मस्थान बलिया जनपद का नगवा गांव ही दर्शाया गया है ।

उल्लेखनीय है कि मंगल पाण्डेय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे सेनानी थे , जिन्होंने वर्ष 1857 में प्रथम स्वाधीनता संग्राम का बिगुल बजाया था । ईस्ट इंडिया कंपनी की 34वीं बंगाल इंफेन्ट्री के सिपाही मंगल पांडेय को तत्कालीन अंग्रेजी शासन ने बागी करार दिया था । मारो फिरंगी को नारा भारत की स्वाधीनता के लिए सर्वप्रथम आवाज उठाने वाले क्रांतिकारी मंगल पांडेय की जुबां से ही निकला था ।

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मुख्यमंत्री जी ने मामले में जांच के आदेश दिए

संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री शुक्ल ने बताया कि राज्य सरकार ने निवर्तमान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पी के मिश्र के भ्रष्टाचार व अनियमितता के मामले में जांच के आदेश दिए हैं । उन्होंने जानकारी दी कि उनके द्वारा इस मामले की पूरी जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दी गई है । मुख्यमंत्री जी ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं । उन्होंने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पी के मिश्र द्वारा तबादला के बाद स्वास्थ्य विभाग में एक कनिष्ठ लिपिक को महत्वपूर्ण प्रभार देने व चिकित्सकों के तबादले का मामला उनके संज्ञान में है । उन्होंने कहा कि तबादले के बाद उनके द्वारा निर्गत किये गए सभी आदेश निरस्त होंगे ।

17 जुलाई को ही एक आदेश जारी किया

उल्लेखनीय है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीके मिश्रा ने अपने स्थानांतरण आदेश की तिथि 17 जुलाई को ही एक आदेश जारी कर जिला कुष्ठ अधिकारी, बलिया कार्यालय में तैनात कनिष्ठ सहायक मनोज सिंह यादव को लेखा अनुभाग के स्टेशनरी/ प्रकीर्ण एवं यात्रा भत्ता आदि देयकों के भुगतान का प्रभार सौंप दिया । स्थानांतरित मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मिश्र ने अपने चहेते लिपिक को प्रभार सौंपने के लिए सीएचसी खेजुरी में तैनात वरिष्ठ सहायक गोविंद सागर, सीएचसी दुबहड़ में तैनात वरिष्ठ सहायक राजकुमार पर्वत एवं वरिष्ठ सहायक सुभाष चंद्र गुप्ता की वरिष्ठता को न सिर्फ नजरअंदाज कर दिया बल्कि उन्होंने इनको कार्य में अक्षम भी करार दे दिया है ।

रिपोर्टर- अनूप कुमार हेमकर, बलिया

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