Manish Gupta Death Case: जानें कौन है इंस्पेक्टर जेएन सिंह, जिन पर मनीष गुप्ता की हत्या के लगे हैं आरोप

Manish Gupta Death Case: सीएम के गृह जनपद में हुए इस वीभत्स कांड में गोरखपुर के पुलिस इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह पर काफी गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। बता दें कि रामगढ़ताल का यह बदमिजाज इंस्पेक्टर जे एन सिंह अवैध वसूली के लिये गोरखपुर में चर्चा का केंद्र बना रहता है।

Report :  Sandeep Mishra
Published By :  Shreya
Update: 2021-09-30 08:53 GMT

Manish Gupta Death Case: कानपुर के रियल इस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता की पुलिस की पिटाई से हुई मौत (Kanpur Karobari Ki Hatya) सूबे में घटे अब तक के कांडों में सबसे वीभत्स माना जा रहा है। क्योंकि इस जघन्य हत्या की वारदात में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर की पुलिस सीधी जुड़ी है, इसीलिए अब खुद सीएम इस मामले हस्तक्षेप कर उसे मैनेज करने में जुटे हैं।

कौन है जगत नारायण सिंह (Kaun Hai Jagat Narayan Singh)?

सीएम के गृह जनपद में हुए इस वीभत्स कांड में गोरखपुर के पुलिस इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह पर काफी गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। बता दें कि रामगढ़ताल का यह बदमिजाज इंस्पेक्टर जे एन सिंह अवैध वसूली के लिये गोरखपुर में चर्चा का केंद्र बना रहता है। गत 11 जुलाई थाना रामगढ़ताल पुलिस ने 8 कथित बदमाशों को गायघाट लाहसडी फोरलेन अंडर पास से गिरफ्तार करने का दावा किया था।

पुलिस के दावा है कि ये गैंग शहर में डकैती की बड़ी योजना बना रहा था। पुलिस ने यह भी दावा किया था कि बदमाशों ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग भी की थी। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात इस केस में यह सामने आई कि इन कथित बदमाशों के पास से पुलिस बरामद कुछ भी नहीं कर पाई। जबकि गिरफ्तारी के बाद आरोपियों ने मीडिया के सामने यह दावा किया था वे शहर के एक होटल में ठहरे थे। वे गोरखपुर में किसी से मिलने के लिये आये थे। 

मनीष गुप्ता (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

मृतक व्यापारी से भी वसूली के चक्कर में था इंस्पेक्टर?

बताया यह जा रहा है आरोपी इंस्पेक्टर जे एन सिंह गोरखपुर में इलाके के होटल में बाहर से आने वाले ठहरने वाले लोगों से चेकिंग के नाम पर उनके कमरों की तलाशी किया करता था। फिर उन पर उल्टे सीधे आरोप लगाकर उनसे अवैध वसूली किया करता था। इस इंस्पेक्टर को जानने वाले लोग बताते हैं कि यह भी सम्भव है कि इस केस में भी इस इंस्पेक्टर ने होटल जाकर कमरे की चेकिंग का ड्रामा किया हो, फिर व्यापारी व उसके दोस्तों को किसी गलत आरोप में फंसाने की धमकी देकर उससे वसूली करने का प्रयास किया हो। लेकिन व्यापारी मनीष दबे नहीं, जिससे चिढ़ कर इस इंस्पेक्टर ने उनके व उनके दोस्तों के साथ मारपीट कर दी।

पुलिस की इस मारपीट में व्यापारी की मौत हो गयी वरना इंस्पेक्टर जे एन सिंह इन लोगों की बदमाश बताकर इन्हें जेल भेज देता। होटल से ले जाने के बाद घायल मनीष को यह इंस्पेक्टर जे एन सिंह मेडिकल कॉलेज में तो इलाज के लिये सुबह 4 बजे तक नहीं पहुंचा था, इस बात की तस्दीक तो खुद मनीष के लखनऊ वाले मित्र ने मेडिकल कॉलेज में फोन कर की थी। फिर रात में घायल मनीष को इस इंस्पेक्टर ने कहां गायब रखा? यह तो खुलासा करना ही होगा।

इंस्पेक्टर पर पहले भी लग चुके हैं हत्या के आरोप

रामगढ़ताल के इंस्पेक्टर जेएन सिंह पर कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की पीटकर मार डालने का आरोप लगना कोई नई बात नहीं है, बल्कि इससे पहले भी इस इंस्पेक्टर पर कई बार ऐसे आरोप लगते रहे हैं।

-13 अगस्त को भी रामगढ़ताल पुलिस पर 20 वर्षीय गौतम सिंह की पुलिस कस्टडी में संदिग्ध मौत के आरोप लगे थे। हालांकि बाद में पुलिस ने केस दर्ज किया। बाद में पुलिस ने उसमें यह दर्शा दिया कि गायघाट बुजुर्ग में प्रमिका से मिलने गए युवक की लड़की के परिवार वालों ने पीटकर हत्या कर दी, जबकि परिजनों का आरोप था कि युवक की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है।

इसी तरह से आरोपी जेएन सिंह के बांसगांव इंस्पेक्टर रहने के दौरान 7 नवंबर, 2020 को भी उन पर गंभीर आरोप लगे थे। बांसगांव थाने में विशुनपुर निवासी मुन्ना प्रसाद के बेटे शुभम उर्फ सोनू कुमार के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज था। पुलिस ने उसे 11 अक्तूबर, 2020 को डिघवा तिराहे से गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया। 7 नवंबर को जेल में उसकी मौत हो गई। इस मामले में फिर पुलिस पर आरोप लगा कि शुभम की मौत पिटाई से हुई है। तत्कालीन चौकी इंचार्ज को सस्पेंड किया गया था।अब एक बार फिर कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की हत्या का तीसरा आरोप इंस्पेक्टर जेएन सिंह पर लगा है। 

जगत नारायन सिंह (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

एनकाउंटर कर सिपाही से इंस्पेक्टर बने हैं जेएन सिंह

बताया जाता है कि रामगढ़ताल इंस्पेक्टर जगत नारायन सिंह एनकाउंटर के शौकीन हैं। गोरखपुर जिले में कार्यकाल के दौरान उन्होंने यहां अब तक चार बदमाशों के पैर में गोली मारी है। सिकंदर को गोली मारने से पहले उन्होंने रामगढ़ताल में ही अमित हरिजन को गोली मारकर गिरफ्तार किया था, जबकि बांसगांव इंस्पेक्टर रहते हुए शातिर बदमाश राधे यादव और झंगहा इंस्पेक्टर रहते हुए हरिओम कश्यप को भी पैर में गोली मारी थी।

पुलिस विभाग के जुड़े जानकारों के मुताबिक इंस्पेक्टर जगत नारायन सिंह इसी तरह के एनकाउंटर की बदौलत ही सिपाही से आउट आफ टर्न प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर की कुर्सी तक पहुंचे हैं। एसटीएफ में रहने के दौरान भी उन्होंने करीब 9 बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराया है। सूत्रों ने बताया कि अपने महकमे में वो बड़े अधिकारियों से अपनी काफी अच्छी सेटिंग रखता रहा है।तभी तो आज तक उस पर लगे लोगों की हत्या जैसे आरोप में कभी कुछ नहीं हुआ। लखनऊ बैठे महकमें का आला अफसर उसे हमेशा बचाते रहे है । लेकिन व्यापारी की हत्या वाला यह केस इंस्पेक्टर जेएन सिंह समेत सरकार के बेहद उल्टा पड़ गया है। जिसमें सीएम योगी खुद बैकफुट पर आ गए हैं।

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