यूपी का ये शहीद बेटा: इसी साल मिली थी पहली तैनाती, घर वापस लौटा पार्थिव शरीर

असम में पेट्रोलिंग के दौरान शहीद हुए आर्मी लेफ्टिनेंट आकाश चौधरी(25) का शनिवार को मेरठ में न्यू नंद पुरी स्थित रामबाग श्मशान घाट में अंतिम संस्कार हुआ।

Update: 2020-07-19 03:30 GMT

मेरठ। असम में पेट्रोलिंग के दौरान गुरुवार रात शहीद हुए आर्मी लेफ्टिनेंट आकाश चौधरी(25) के पार्थिव शरीर का शनिवार को मेरठ में न्यू नंद पुरी स्थित रामबाग श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया।

शहीद आर्मी लेफ्टिनेंट आकाश चौधरी का हुआ अंतिम संस्‍कार

शहीद के पिता केपी सिंह ने बेटे की शहादत को सलामी और भरी आंखों के साथ मुखाग्नि दी। बाईपास पर सिल्वर सिटी स्थित घर से ही शहीद की अंतिम यात्रा में स्थानीय और आसपास के लोगों ने शिरकत की। शहीद ले. आकाश के सिखलाई रेजीमेंट के कमान अधिकारी कर्नल प्रताप सहित अन्य अधिकारी परिवारजनों के साथ मौजूद रहे।

असम में पेट्रोलिंग के दौरान हुए शहीद

इससे पहले लेफ्टिनेंट आकाश चौधरी का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके पहुंचा तो हर किसी की आंखें नम हो गईं। स्थानीय मीडिया के अनुसार इस दौरान परिवार के लोगों ने विरोध किया। परिवार के लोगों का कहना है कि आर्मी के अफसर घटना को छुपा रहे हैं। उनका कहना है कि गिरने से चेहरा क्षतिग्रस्त नहीं होता है। पिता केपी सिंह, माता कमलेश और दोनों बहनों शिवानी व प्रियंका ने अन्य लोगों के साथ शरीर के चोट दिखाने की मांग की।

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परिवार ने दोबारा पोस्टमार्टम और डीएनए टेस्ट कराने की मांग की

सेना के अधिकारियों के काफी समझाने-बुझाने के बाद और शहीद ले. आकाश का चेहरा दिखाने के बाद भी वह नहीं माने और दोबारा पोस्टमार्टम कराने और डीएनए टेस्ट कराने की मांग करने लगे। इसके बाद असोम से आए सेना के अफसर मेजर प्रताप पूनिया ने स्वजनों को घटनास्थल पर ली गई तस्वीरें दिखाईं। शहीद ले. आकाश का पांव दिखाने के बाद स्वजन माने और अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए। इस दौरान करीब सवा घंटे से अधिक समय तक शहीद का पार्थिव शरीर घर के बाहर ही रखा रहा, जहां उनके अंतिम दर्शन को लोग उमड़ रहे थे।

शहीद आकाश की मार्च-2020 में हुई थी पासिंग आउट परेड

मुजफ्फरनगर में भौराकलां थाना क्षेत्र के गांव अलावलपुर माजरा के मूल निवासी आकाश चौधरी का परिवार मेरठ में कंकरखेड़ा स्थित सिल्वर सिटी में रहता है। पिता कुंवरपाल सिंह बुलंदशहर की वेव शुगर मिल में कार्यरत हैं। आकाश की पासिंग आउट परेड मार्च-2020 में हुई थी। पहली तैनाती उन्हें असम में मिली थी। पिछले महीने ही वह छुट्टी से गये थे।

रिपोर्टर- सुशील कुमार, मेरठ।

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